साल 2002 में एक अज्ञात पत्र प्रसारित करने में संदिग्ध भूमिका के चलते पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस महीने की शुरुआत में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को इस मामले में दोषी पाया था.
चंडीगढ़ः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के 19 साल पुराने मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह और चार अन्य को सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई.
पंचकूला की अदालत ने हत्या के मामले में राम रहीम और चार अन्य कृष्णलाल, जसबीर सिंह, अवतार सिंह और सबदिल को आठ अक्टूबर को दोषी ठहराया था.
सोमवार को सीबीआई के विशेष अभियोजक एचपी एस वर्मा ने बताया कि अदालत ने पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इनमें से गुरमीत राम रहीम को 31 लाख रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ेगा. अन्य दोषियों में सबदिल को 1.5 लाख रुपये, कृष्णलाल और जसबीर को 1.25-1.25 लाख रुपये और अवतार को 75,000 रुपये की जुर्माना राशि भरनी होगी.
इस जुर्माना राशि का पचास फीसदी हिस्सा मृतक रंजीत सिंह के परिवार को जाएगा. इस मामले में छठे आरोपी की एक साल पहले मौत हो गई थी.
बता दें कि रंजीत सिंह की 10 जुलाई, 2002 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियां गांव में गोली मारी गई थी. एक अज्ञात पत्र प्रसारित करने में संदिग्ध भूमिका के चलते उनकी हत्या की गई थी.
दरअसल इस पत्र में बताया गया था कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम डेरा मुख्यालय में किस प्रकार महिलाओं का यौन शोषण करते हैं.
सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, डेरा प्रमुख का मानना था कि इस अज्ञात पत्र को प्रसारित करने के पीछे रंजीत सिंह थे और उसने उनकी हत्या की साजिश रची.
गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम को 28 अगस्त, 2017 में दो साध्वियों से बलात्कार के मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई थी.
इसके बाद जनवरी 2019 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
16 साल पुराने इस मामले में अदालत ने गुरमीत राम रहीम के साथ ही तीन अन्य दोषियों कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह और कृष्ण लाल को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)