कर्नाटकः हिंदुत्ववादी संगठन ने की मीट की दुकान में तोड़फोड़, पुलिस ने दी समझौते की सलाह

यह घटना आठ अक्टूबर को बेलागावी शहर के बाहर हुई थी, लेकिन इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सामने आई. पीड़ित मुस्लिम परिवार ने शिकायत में कहा है कि क्षेत्र में एक मंदिर के उद्धाटन के चलते उन्हें दुकान न खोलने की धमकी देते हुए तोड़फोड़ की गई. आरोप है कि पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

यह घटना आठ अक्टूबर को बेलागावी शहर के बाहर हुई थी, लेकिन इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सामने आई. पीड़ित मुस्लिम परिवार ने शिकायत में कहा है कि क्षेत्र में एक मंदिर के उद्धाटन के चलते उन्हें दुकान न खोलने की धमकी देते हुए तोड़फोड़ की गई. आरोप है कि पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः कर्नाटक के बेलगावी में हिंदुत्व समूह द्वारा एक मुस्लिम परिवार की मीट की दुकान में तोड़-फोड़ के बाद पुलिस ने कथित तौर पर एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुस्लिम परिवार ने पुलिस के समक्ष अपनी शिकायत में कहा था कि क्षेत्र में एक मंदिर के उद्धाटन के चलते उन्हें दुकान न खोलने की धमकी देते हुए तोड़फोड़ की थी. यह घटना आठ अक्टूबर को बेलागावी शहर के बाहर हुई लेकिन घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला सामने आया.

हिंदुत्व समूह की मांग थी कि हसन साब और उनकी पत्नी अफसाना हसन साब कुरैशी की मीट की दुकान को मंदिर के उद्गाटन के अवसर पर बंद किया जाए. हालांकि, इसे लेकर प्रशासन की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया.

अफसाना ने बताया, ‘हमें सुबह 11 बजे तक दुकान खोलने की मंजूरी थी और हमने उस समय तक दुकान बंद कर दी थी. हमने दोपहर को दो कर्मचारियों को दुकान की सफाई के लिए भेजा था और ठीक उसी समय हमला हुआ. हमलावरों (हिंदुत्व समूह) ने उन पर हमला किया, उनसे मारपीट की और दुकान में तोड़फोड़ कर दी. ‘

अफसाना ने बताया, ‘उन्होंने हमें धमकी दी कि वे हमें शहर में नहीं रहने देंगे और हमसे जबरन वसूली करने की कोशिश की.’ आरोप है कि जब यह दंपति शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने मामले में समझौता कराने के लिए एक बैठक की जबकि पीड़ित दंपति हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहा था.

अफसाना ने बताया, ‘पुलिस ने हमें बताया कि उन्होंने मामले को सुलझा लिया है और वे इसमें दखलअंदाजी नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि शिकायत दर्ज कराने की जरूरत नहीं है.’

अफसाना का कहना है कि कोई वास्तविक समझौता नहीं हुआ. बताया गया कि जब दंपति ने दोबारा दुकान खोलने की कोशिश की तो हमलावरों ने उन्हें परेशान करना जारी रखा और गांव से बेदखल करने की धमकी के साथ उनसे पैसे की उगाही करने का प्रयास किया. जिस मंदिर के निर्माण के लिए उनकी दुकान में तोड़-फोड़ की गई, दंपति ने उस मंदिर के निर्माण के लिए पहले ही योगदान दे दिया था.

दंपति ने यह भी बताया कि पुलिस वीडियो के लीक होने के मामले की जांच कर रही है न कि दुकान में तोड़फोड़ की.

बेलागावी के पुलिस आयुक्त के. त्यागराजन ने इस अख़बार को बताया कि वह इस घटना से वाकिफ नहीं थे. अगर दंपति को न्याय नहीं मिला था तो उन्हें पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए था.

इससे पहले द वायर  ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि किस तरह उत्तर भारत के कई शहरों में दक्षिणपंथी समूह के सदस्य नवरात्रि के दौरान मीट की दुकान को बंद कराने के दुकान के बाहर लोगों को इकट्ठा कर रहे हैं.