उत्तराखंड: मूसलाधार बारिश से मरने वालों की संख्या 47 हुई, नैनीताल से संपर्क बहाल

उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मरने वालों की संख्या 40 से अधिक हो गई है. भारी बारिश से कई मकान ढह गए. कई लोग अब भी मलबे में फंसे हुए हैं. सड़कों, पुलों और रेल पटरियों को नुकसान पहुंचा हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य भर में भारी क्षति हुई है. सामान्य स्थिति में लौटने में समय लगेगा. धामी ने राहत प्रयासों के लिए प्रत्येक ज़िलाधिकारियों को 10-10 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.

एनडीआरएफ के बचावकर्मी लोगों को निकालते हुए. (फोटो: पीटीआई)

उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मरने वालों की संख्या 40 से अधिक हो गई है. भारी बारिश से कई मकान ढह गए. कई लोग अब भी मलबे में फंसे हुए हैं. सड़कों, पुलों और रेल पटरियों को नुकसान पहुंचा हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य भर में भारी क्षति हुई है. सामान्य स्थिति में लौटने में समय लगेगा. धामी ने राहत प्रयासों के लिए प्रत्येक ज़िलाधिकारियों को 10-10 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.

एनडीआरएफ के बचावकर्मी लोगों को निकालते हुए. (फोटो: पीटीआई)

देहरादून/नैनीताल: उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मूसलाधार बारिश होने से मंगलवार को 42 और लोगों की मौत हो गई तथा कई मकान ढह गए. कई लोग अब भी मलबे में फंसे हुए हैं. इसके साथ ही वर्षाजनित घटनाओं में अब तक मरने वालों की संख्या 47 हो गई है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को स्थिति का जायजा लेने के लिए कुमाऊं का दौरा किया, जो राज्य के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि राज्य भर में भारी क्षति हुई है और सामान्य स्थिति में लौटने में समय लगेगा. धामी ने राहत प्रयासों के लिए प्रत्येक जिलाधिकारियों को 10-10 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.

अपने पूर्वानुमान में भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि बुधवार से बारिश में काफी कमी आएगी. राज्य के बाकी सप्ताह में बारिश न होने की संभावना है. उत्तराखंड में इस सप्ताह रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई, जिससे बाढ़ भूस्खलन और संपत्ति का नुकसान हुआ.

सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की कई टीमों और स्थानीय अधिकारियों के साथ बचाव और राहत अभियान चला रही है.

अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम के बीच कई घंटे के संघर्ष के बाद मंगलवार शाम नैनीताल से संपर्क बहाल कर दिया गया.

कुमाऊं क्षेत्र में 42 और लोगों की मौत के साथ ही आपदा के कारण मरने वालों की संख्या 47 हो गई है, क्योंकि पांच लोगों की मौत सोमवार को हुई थी.

डीआईजी नीलेश आनंद भारने ने बताया, ‘कुमाऊं क्षेत्र में मरने वालों की संख्या 40 से अधिक हो गई है.’

अधिकारी ने बताया कि इन 42 मौतों में से 28 लोग नैनीताल जिले में मारे गए, छह-छह लोगों की मौत अल्मोड़ा एवं चंपावत जिलों में, एक-एक व्यक्ति की मौत पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर जिले में हुई है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में पिछले दो दिनों में वर्षाजनित घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजन को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर धामी से बात की और स्थिति का जायजा लिया तथा हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ कुमाऊं क्षेत्र में वर्षा प्रभावित इलाकों का दौरा करने गए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि नैनीताल के काठगोदाम और लालकुआं तथा ऊधम सिंह नगर के रुद्रपुर में सड़कों, पुलों और रेल पटरियों को नुकसान पहुंचा हैं.

कुमार ने कहा कि क्षतिग्रस्त पटरियों को ठीक करने में कम से कम चार-पांच दिन लगेंगे.

डीआईजी भारने ने कहा कि खराब मौसम और लगातार बारिश के बावजूद नैनीताल में बंद सड़कों को खोल दिया गया है, मलबे हटा दिए गए हैं और पर्यटक स्थल का संपर्क बहाल कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि फंसे हुए पर्यटक कालाधुंगी ओर हलद्वानी के रास्ते अपने स्थानों के लिए रवाना हो रहे हैं.

धामी ने कहा कि भारतीय वायुसेना के तीन हेलीकॉप्टर राज्य में पहुंच गए हैं और राहत तथा बचाव कार्यों में मदद कर रहे हैं. दो हेलीकॉप्टर नैनीताल जिले में तैनात किए गए हैं, जबकि तीसरा हेलीकॉप्टर गढ़वाल क्षेत्र में बचाव अभियान में शामिल है.

मुख्यमंत्री ने राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार के साथ बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. धामी ने कहा कि व्यापक क्षति हुई है.

उन्होंने कहा कि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने पर ध्यान दिया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने लोगों से नहीं घबराने की अपील करते हुए कहा कि लोगों की जान बचाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने मंगलवार शाम से मौसम में सुधार होने की बात कही है.

उन्होंने चारधाम यात्रियों से फिर अपील की कि वे जहां हैं, वहीं रुक जाएं और मौसम में सुधार होने से पहले अपनी यात्रा शुरू नहीं करें. उन्होंने चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के जिलाधिकारियों से चारधाम यात्रा मार्ग पर फंसे हुए तीर्थयात्रियों की खासतौर से देखभाल करने का निर्देश दिया.

इस बीच, राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) ने कहा कि राज्य की अधिकतर नदियां उफान पर हैं और हरिद्वार में गंगा का जलस्तर 293.90 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 294 मीटर से मामूली नीचे है.

एसईओसी ने बताया कि नैनीताल में 90 मिलीमीटर, हल्द्ववानी में 128 मिमी, कोश्याकुटोली में 86.6 मिमी, अल्मोड़ा में 216.6 मिमी, द्वाराहाट में 184 मिमी और जागेश्वर में 176 मिमी बारिश हुई.

देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने मंगलवार शाम को द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आईएमडी के मुक्तेश्वर और पंतनगर स्टेशनों में पिछले 24 घंटों में क्रमशः 340.8 मिमी और 403.2 मिमी बारिश हुई है.

सिंह ने कहा कि मुक्तेश्वर स्टेशन पर 24 घंटे की अवधि में बारिश का पिछला रिकॉर्ड 124 साल पहले 1897 में 254.5 मिमी दर्ज किया गया था. उसके बाद 18 सितंबर, 1914 को दर्ज किया गया था.

उन्होंने कहा कि पंतनगर स्टेशन नया है- इसे 1962 में स्थापित किया गया था- और इसका रिकॉर्ड अब तक 10 जुलाई, 1990 को 228 मिमी था.

दशहरा के समय नैनीताल और आसपास के क्षेत्र में पर्यटन का मौसम होता है, जो विशेष रूप से गुजरात और पश्चिम बंगाल के आगंतुकों के बीच लोकप्रिय है.

छत्तीसगढ़ से समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में राज्य के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि दुर्ग के 44 महिलाओं और चार बच्चों सहित 55 लोग उत्तराखंड में फंसे हुए हैं.

रामनगर-रानीखेत रोड पर एक रिजॉर्ट में करीब 100 लोगों के फंसे होने की खबर है, क्योंकि कोसी नदी के उफान के बाद इलाके से संपर्क टूट गया था.

गुजरात के राजस्व मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक राज्य के विभिन्न हिस्सों से चारधाम की यात्रा के लिए उत्तराखंड गए करीब 100 श्रद्धालु भारी बारिश और भूस्खलन के कारण वहां फंस गए हैं.

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों से 300 से अधिक लोगों को बचाया है. एनडीआरएफ ने राज्य में 15 दल तैनात किए हैं.

इसी बीच उत्तर प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में चार लोगों की मृत्यु हो गई. फतेहपुर जिले के हथगाम थाना क्षेत्र में तेज बारिश के दौरान दीवार ढहने से सास-बहू की मौके पर मौत हो गई. प्रदेश के बरेली जिले में भी बीसलपुर रोड पर दो श्रमिकों की सोलर पैनल के संपर्क में आने के बाद करंट लगने से मौत हो गई.

केरल में भारी बारिश की वजह से कई बांध भर गए हैं और कई जिलों को अलर्ट किया गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने केरल के कोल्लम, अलप्पुझा और कासरगोड समेत राज्य के 11 जिलों के लिए बुधवार को ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है. इस चेतावनी का अर्थ है कि इलाके में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती हैं.

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु समेत देश के अन्य हिस्सों से भी बारिश की खबरें हैं. उसने पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में बुधवार तक तेज बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है, वहीं अगले चार-पांच दिन दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्र में भी भारी बारिश के आसार हैं.

मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बृहस्पतिवार सुबह तक भारी बारिश जारी रहने के आसार हैं. हालांकि, राज्य के दक्षिणी हिस्से में गंगा घाटी के ऊपर बना निम्न दबाव का क्षेत्र बिहार की ओर स्थानांतरित हो गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)