फ़ैज़ाबाद जंक्शन का नया नाम ‘अयोध्‍या कैंट’ होगा

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि भारत सरकार ने फ़ैज़ाबाद रेलवे जंक्शन का नाम अयोध्या कैंट करने के निर्णय पर सहमति दे दी है. इस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोटिफिकेशन जारी करने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है. इससे पहले योगी सरकार ने वर्ष 2018 में फ़ैज़ाबाद जिला और मंडल का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था.

योगी आदित्यनाथ. (फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि भारत सरकार ने फ़ैज़ाबाद रेलवे जंक्शन का नाम अयोध्या कैंट करने के निर्णय पर सहमति दे दी है. इस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोटिफिकेशन जारी करने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है. इससे पहले योगी सरकार ने वर्ष 2018 में फ़ैज़ाबाद जिला और मंडल का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था.

योगी आदित्यनाथ. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले स्थित फैजाबाद जंक्शन का नाम बदलकर ‘अयोध्‍या कैंट’ करने का फैसला किया गया है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने शनिवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी.

मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने फैजाबाद रेलवे जंक्शन का नाम ‘अयोध्‍या कैंट’ करने का निर्णय लिया है.’

एक अन्य ट्वीट में कहा गया है, ‘भारत सरकार ने फैजाबाद रेलवे जंक्शन का नाम अयोध्या कैंट करने के निर्णय पर सहमति दे दी है. इस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोटिफिकेशन जारी करने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है.’

उल्लेखनीय है कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने वर्ष 2018 में फैजाबाद जिला और मंडल का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवंबर 2018 में दीपावली के अवसर पर अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में इसकी घोषणा की थी. उन्होंने ज़िले में भगवान राम के पिता राजा दशरथ के नाम पर एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की भी घोषणा की थी. साथ ही अयोध्या में प्रस्तावित एयरपोर्ट को राम का नाम देने की बात कही थी. सरयू नदी के तट पर बसे अयोध्या और फैजाबाद नगरों से फैजाबाद जिला बना था.

इसके अलावा भाजपा सरकार ने इलाहाबाद जिले का नाम बदलकर प्रयागराज और मुगलसराय जंक्शन (रेलवे स्टेशन) का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया था.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा शनिवार को की गई है घोषणा राज्य में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले की गई है. अगले साल फरवरी-मार्च में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के प्रमुख मुद्दों में से एक राम मंदिर का निर्माण वर्तमान में अयोध्या में जारी है.

मालूम हो कि साल 2018 में देश में स्थानों के नए नामकरण को लेकर जारी बहस के बीच सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून से पता चला है कि उस साल केंद्रीय गृह मंत्रालय को गांवों, कस्बों, शहरों और रेलवे स्टेशनों के नामों में बदलाव के लिए 34 प्रस्ताव मिले थे. जगहों के नाम में तब्दीली के प्रस्तावों की यह तादाद सालाना आधार पर पिछले एक दशक में सर्वाधिक थी.

साल 2018 के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय को स्थानों के नाम परिवर्तन के प्रस्ताव भेजने में राजस्थान अव्वल रहा था. राजस्थान की ओर से ऐसे सर्वाधिक सात प्रस्ताव भेजे गए थे. इसके बाद हरियाणा से छह, मध्यप्रदेश एवं नगालैंड से चार-चार, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र से तीन-तीन और केरल से ऐसे दो प्रस्ताव भेजे गए थे.

कर्नाटक, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, दिल्ली और बिहार से ऐसा एक-एक प्रस्ताव भेजा गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)