उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लघु एवं सीमांत किसानों के लिए फसल ऋण माफ़ी योजना शुरू की है, जिसके तहत एक लाख तक का क़र्ज माफ़ किया जाना है.
मथुरा: उत्तर प्रदेश सरकार की फसल ऋण मोचन योजना में राजस्व विभाग ने मथुरा के अड़ींग गांव के एक किसान के डेढ़ लाख रुपये से ज़्यादा के क़र्ज़ को लेकर जारी माफ़ी प्रमाण पत्र में मात्र एक पैसे का ऋण माफ किया.
इस मामले में एक अग्रणी बैंक के ज़िला प्रबंधक पीके शर्मा ने बताया, ‘ऐसा बैंकों में किसानों के एक से अधिक खाते होने के कारण हुआ है. किसानों के नाम और धनराशि का चयन करते समय ऐसे खाते सूची में आ गए जिनका भुगतान किया जा चुका था.’
किसान छिद्दी सिंह के परिवार में कुल छह सदस्य हैं. उसके पास केवल पांच बीघा ज़मीन है, जिस पर वह 1.55 लाख रुपये का ऋण बकाया है. वह परिवार सहित थाना गोवर्धन के अड़ींग गांव में एक ही कमरे में गुज़र-बसर करते हैं.
गत दिनों फसल ऋण मोचन प्रमाण पत्र मिलने पर वह दंग रह गए कि उन्हें मिले प्रमाण पत्र में माफ की धनराशि के स्थान पर एक पैसा के उल्लेख किया गया था. जब वह अपनी शिकायत लेकर उप ज़िलाधिकारी सदानंद गुप्ता से मिला तब उन्होंने वह प्रमाण पत्र वापस लेते हुए इसमें संबंधित बैंक द्वारा गलती को स्वीकार किया. उन्होंने बैंक के अधिकारियों से भी गलती को सुधार कर नया प्रमाण पत्र जारी करने को कहा है.
छिद्दी सिंह ने बताया, ‘मैंने वर्ष 2011 में पंजाब नेशनल बैंक से यह क़र्ज़ लिया था. मैं लगातार फसली नुकसान के चलते ऋण चुका नहीं पाया. लेकिन जब विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने वादा किया और उसकी सरकार बनी तो उम्मीद जगी कि सरकार अब उसका क़र्ज़ ज़रूर माफ़ होगा.
लेकिन तब उसके होश उड़ गए जब लगभग छह माह तक इंतज़ार करने के बाद प्रमाण पत्र मिला.’
छिद्दी को जारी पत्र में लिखा है…
प्रिय किसान भाई, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लघु एवं सीमांत किसानों के फसली ऋण मोचन के संबंध में लिए गए निर्णय के क्रम में यह प्रमाणित किया जाता है कि फसली ऋण मोचन योजना के अंतर्गत रुपये 0.01 की धनराशि आपके केसीसी खाते संख्या में क्रेडिट कर दी गई है.
ज़िला प्रबंधक शर्मा ने बताया, ‘मथुरा में कुल 66 हज़ार किसानों के ऋण माफ़ होने हैं. जिनमें से प्रथम चरण में बीते सोमवार को तक सभी पांचों तहसीलों के 13 किसानों को प्रमाण पत्र वितरित किए जा चुके हैं. शेष 3000 किसान अपने प्रमाण पत्र बैंकों से प्राप्त कर सकते हैं. ऋण राशि इनके खातों में पहले ही जमा की जा चुकी है.’
उन्होंने बताया, अगले चरण में 15 हज़ार तथा तीसरे और अंतिम चरण में बाकी बचे सभी किसानों के खाते में माफ़ किए गए ऋण के बाबत धनराशि जमा होगी.
छिद्दी सिंह जैसे किसानों के बारे में शर्मा ने कहा, ‘उनके उस खाते की राशि इस प्रमाण पत्र पर उल्लेखित हो गई है जिसका ऋण चुकाया जा चुका था. मगर खाता बंद नहीं किया गया था, जबकि उनके दूसरे खाते से ऋण लिया गया था. योजना के अनुसार उनका एक लाख तक का ऋण अवश्य माफ होगा.
इससे पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले में योजना के तहत किसानों के नौ पैसे और 84 पैसे तक का क़र्ज माफ़ किया गया था.
उत्तर प्रदेश सरकार ने योजना के पहले चरण के तहत बिजनौर ज़िले में नौ पैसे से लेकर 377 रुपये तक का क़र्ज़ सरकार ने माफ़ किया गया है. बिजनौर के ज़िला कृषि अधिकारी के हवाले से क़र्ज माफी के ये आंकड़े जारी किए गए थे
किसान ऋण मोचन योजना या किसान फसल ऋण मोचन योजना के तहत उत्तर प्रदेश के लघु और सीमांत किसानों का क़र्ज़ माफ़ किया जाना था. इसके तहत लघु और सीमांत किसानों का एक लाख रुपये तक का ऋण माफ़ किया जाने की योजना है.
बीते 17 अगस्त को लखनऊ में एक भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को ऋण माफी का सर्टिफिकेट बांटकर इस योजना का शुभारंभ किया था. कार्यक्रम में गृह मंत्री राजनाथ सिंह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)