कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया और विधानसभा चुनाव के बाद पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होगा: अमित शाह

कश्मीर के विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की इस टिप्पणी पर हैरानी जताई और कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में दिए उनके बयान 'दिल जीतकर दिल्ली और जम्मू कश्मीर के अंतराल को पाटना होगा' का हवाला देते हुए कहा कि सूबे के दर्जे को कमज़ोर करके दिलों को नहीं जीता जा सकता है.

कश्मीर के विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की इस टिप्पणी पर हैरानी जताई और कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में दिए उनके बयान ‘दिल जीतकर दिल्ली और जम्मू कश्मीर के अंतराल को पाटना होगा’ का हवाला देते हुए कहा कि सूबे के दर्जे को कमज़ोर करके दिलों को नहीं जीता जा सकता है.

आतंकियों द्वारा मारे गए कश्मीर के पुलिस अधिकारी के परिजनों से मुलाकात करते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाए जाने के बाद बीते शनिवार को जम्मू कश्मीर की अपनी पहली यात्रा पर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद जम्मू कश्मीर में चुनाव कराए जाएंगे, जिसके बाद पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि कुछ स्थानीय नेता परिसीमन की प्रक्रिया बाधित कर रहे हैं. शाह ने कहा, ‘जो शोर मचा रहे हैं, वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि लोकतंत्र तीन परिवारों के चंगुल से बाहर आ गई है और अब यह गरीबों की हो गया है.’

गृहमंत्री ने कहा कि उन्होंने संसद से वादा किया है कि विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘चुनाव होंगे. (कश्मीर के नेता चाहते हैं कि) परिसीमन को रोक दिया जाए. क्यों? क्योंकि इससे उनकी राजनीति को नुकसान होता है. अब, कश्मीर में ऐसी चीजें नहीं रुकेंगी.’

शाह ने कहा, ‘कश्मीर के युवाओं को मौके मिलेंगे, इसलिए एक सही परिसीमन किया जाएगा, उसके बाद चुनाव होंगे और फिर राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. मैंने देश की संसद में यह कहा है और इसका यह रोडमैप है.’

शाह का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने केंद्र सरकार से कश्मीर पर अपनी नीति बदलने के लिए कहा, जहां पिछले कुछ हफ्तों में सुरक्षा माहौल काफी खराब हो गया है.

शाह ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद एवं विकास साथ साथ नहीं रह सकते. गृह मंत्री ने कहा, ‘इसका (आतंकवाद का) सफाया कौन करेगा? सरकार? नहीं. सरकार बस प्रयास कर सकती है लेकिन युवा क्लब के सदस्यों की आतंकवाद को दूर करने की जिम्मेदारी है. आपको शांति एवं विकास का दूत बनना होगा और जम्मू कश्मीर में यह संदेश फैलाना होगा कि यह हमारी जिंदगी को आगे ले जाने का रास्ता नहीं है. यह रास्ता नहीं हो सकता.’

शाह ने कहा, ‘70 साल की जम्हूरियत ने क्या दिया? 87 विधायक, सात सांसद, और तीन परिवार, लेकिन मोदी ने इतने कम समय में 30 हजार निर्वाचित प्रतिनिधि दिए.’

शाह की यात्रा पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि नागरिकों की लक्षित हत्याओं के बाद केंद्रीय गृहमंत्री की यात्रा जरूरी थी. लेकिन उन्होंने भाजपा के इस दावे पर सवाल खड़ा किया कि इस केंद्रशासित प्रदेश से आतंकवाद का सफाया हो गया है.

अब्दुल्ला ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर केंद्र के प्रत्यक्ष शासन में है और उभरती स्थिति की मांग थी कि शाह आयें क्योंकि ऐसा जरूरी था. वे आए हैं और लोगों को उम्मीद है कि यह (लक्षित हत्या) रुकेंगी. वह उन्हें सुरक्षा दे पाएंगे. ’

हालांकि अब्दुल्ला ने गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर हैरानी जताई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा.

अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में ‘दीर्घकालिक शांति के लिए लोगों की आकांक्षाओं और इच्छाओं को तृप्त करना होगा.’

उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व के इस तर्क पर हैरानी जताई कि निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन पूरा करने और चुनाव के बाद पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘बड़ी हैरानी की बात है.’

अब्दुल्ला ने कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई सर्वदलीय बैठक का स्मरण किया, जिसमें उन्होंने यह मुद्दा उठाया था.

उन्होंने कहा, ‘मोदी ने तब कहा था कि दिल जीतकर नई दिल्ली और जम्मू कश्मीर के बीच के अंतराल को पाटना होगा. जम्मू कश्मीर के दर्जे को कमजोर करके दिलों को नहीं जीता जा सकता, जिसे विभाजित कर दिया गया.’

अमित शाह ने आतंकवादियों के हमले में मारे गए लोगों के परिजन से मुलाकात की और शांति भंग करने वाले लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई का वादा किया.

शाह ने जम्मू-कश्मीर के शहीद पुलिस इंस्पेक्टर परवेज अहमद डार के घर जाकर अपने कार्यक्रम की शुरुआत की थी. शहर के बाहरी इलाके नौगाम में 22 जून को मस्जिद में शाम की नमाज अदा कर लौट रहे अहमद डार को आतंकवादियों ने उनके घर के पास गोली मार दी थी.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि शाह ने डार के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और डार की पत्नी फातिमा अख्तर को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी में नियुक्ति के दस्तावेज सौंपे.

शाह ने श्रीनगर के लोकप्रिय दवा दुकान के मालिक कश्मीरी पंडित मखनलाल बिंद्रू और स्कूल की प्रिंसिपल सुपिंदर कौर समेत हाल के आतंकवादी हमलों में मारे गए नौ लोगों के परिवार के सदस्यों से भी भेंट की.

अधिकारियों के अनुसार शाह ने सुरक्षा स्थिति की भी समीक्षा की. भाजपा नीत राजग सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के फैसले का बचाव करते हुए शाह ने कहा कि पांच अगस्त, 2019 को कश्मीर के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा.

उन्होंने कहा कि कश्मीर में दहशत, आतंकवाद, भय, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद पर पूर्ण विराम के साथ एक नई शुरुआत की गई और शांति, विकास, समृद्धि एवं सह-अस्तित्व का नया युग शुरू हुआ.

शाह ने कहा कि कुछ लोग दावा करने लगे थे कि कश्मीर में आतंकवाद बढ़ेगा लेकिन वह घटा एवं पथराव कहीं नजर नहीं आता.

जम्मू के भगवती नगर में जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का नाम लिए बगैर कहा कि पिछले सात दशक में जम्मू कश्मीर का विकास नहीं कर पाने के लिए तीन परिवार जनता के प्रति जवाबदेह हैं.

कश्मीर में इस महीने 11 आम नागरिकों की हत्या की घटनाओं की ओर इशारा करते हुए शाह ने कहा कि कुछ लोग केंद्रशासित प्रदेश में सुरक्षा हालात को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं लेकिन ‘मैं उन्हें तथ्यों और आंकड़ों के साथ जवाब देना चाहता हूं’.

उन्होंने कहा, ‘साल 2004 से 2014 के बीच कुल 2,081 आम नागरिक मारे गए और सालाना औसत मृत्यु का आंकड़ा 239 था. 2014 से इस साल सितंबर तक दुर्भाग्य से 239 आम नागरिकों की जान चली गई यानी प्रति वर्ष 30 लोगों की मृत्यु हुई. आंकड़े कम हुए हैं लेकिन हम संतुष्ट नहीं हैं.’

उन्होंने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के कुछ ही समय बाद उन्होंने 55,000 करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज दिया, जिसमें से 33,000 करोड़ पहले ही अनेक विकास परियोजनाओं पर खर्च किए जा चुके हैं.

शाह ने कहा, ‘आज मैंने 15,000 करोड़ रुपये की अनेक परियोजनाओं की आधारशिला रखी है. इन तीन परिवारों ने मिलकर अपने पूरे शासनकाल में मिलकर भी इतना विकास नहीं किया है.’

अमित शाह के दौरे को लेकर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया जाना दिखावटी कदम है, जो जम्मू-कश्मीर में ‘वास्तविक’ समस्या का समाधान नहीं करेंगे.

उन्होंने कहा कि आदर्श रूप से गृह मंत्री की यात्रा इस साल जून में प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान केंद्र शासित प्रदेश के नेताओं को दिए गए आश्वासनों पर आगे की कार्रवाई से पहले होनी चाहिए थी.

महबूबा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘श्रीनगर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का उद्घाटन और नए मेडिकल कॉलेजों की नींव रखना कोई नई बात नहीं है. आधा दर्जन मेडिकल कॉलेज यूपीए सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए थे और अब काम कर रहे हैं. अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और एक संकट पैदा करने के बाद, जम्मू-कश्मीर को अराजकता की स्थिति में छोड़ दिया गया है.’

उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार को असली समस्याओं का समाधान करना चाहिए.

महबूबा ने कहा, ‘यह संकट भारत सरकार का बनाया हुआ है और लोगों तक पहुंचने के बजाय उन्होंने दिखावटी कदमों का विकल्प चुना, जो वास्तविक समस्या का समाधान नहीं करता है. आदर्श रूप से, गृहमंत्री की यात्रा सर्वदलीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री के आश्वासनों पर आगे की कार्रवाई से पहले होनी चाहिए थी.’

उन्होंने कहा, ‘विश्वास बहाली के उपायों जैसे, 2019 से लागू जम्मू-कश्मीर की घेराबंदी को हटाना, कैदियों को रिहा करना, यहां के लोगों के दैनिक आधार पर होने वाले उत्पीड़न को समाप्त करना, अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने (विशेष रूप से) बागवानी के लिए ठोस कदम उठाने से लोगों को राहत मिलती.’

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि इसके उलट शाह के दौरे से पहले 700 नागरिकों को हिरासत में ले लिया गया, उन पर लोकसुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और कई को कश्मीर के बाहर जेलों में भेज दिया गया.

उन्होंने कहा, ‘इस तरह के दमनकारी कदम पहले से ही तनावपूर्ण माहौल को और बिगाड़ देते हैं. ‘हालात सामान्य दिखाने की कलाबाजी पूरे जोरों पर है, जबकि वास्तविकता को नकारा और छिपाया गया है.’

मालूम हो कि इस महीने अब तक नागरिकों को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी में 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से 10 आतंकियों द्वारा और एक व्यक्ति की ‘कथित गलती से’ सीआरपीएफ की गोली से मौत हुई है.

विपक्ष इन घटनाओं को लेकर सरकार पर हमलावर है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv bandarqq dominoqq pkv games dominoqq bandarqq sbobet judi bola slot gacor slot gacor bandarqq pkv pkv pkv pkv games bandarqq dominoqq pkv games pkv games bandarqq pkv games bandarqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa judi parlay judi bola pkv games pkv games pkv games pkv games pkv games pkv games pkv games bandarqq pokerqq dominoqq pkv games slot gacor sbobet sbobet pkv games judi parlay slot77 mpo pkv sbobet88 pkv games togel sgp mpo pkv games
slot77 slot triofus starlight princess slot kamboja pg soft idn slot pyramid slot slot anti rungkad depo 50 bonus 50 kakek merah slot bandarqq dominoqq pkv games pkv games slot deposit 5000 joker123 wso slot pkv games bandarqq slot deposit pulsa indosat slot77 dominoqq pkv games bandarqq judi bola pkv games pkv games bandarqq pkv games pkv games pkv games bandarqq pkv games depo 25 bonus 25 slot depo 10k mpo slot pkv games bandarqq bandarqq bandarqq pkv games pkv games pkv games pkv games slot mahjong pkv games slot pulsa