ऑस्कर पुरस्कार समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी तमिल भाषा की फिल्म ‘कुड़ांगल’

‘कुड़ांगल’ अगले साल ऑस्कर पुरस्कारों में अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्म की श्रेणी में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी. निर्देशक पीएस विनोदराज की तमिल भाषा की इस फिल्म में एक बिगड़ैल शराबी पति को दिखाया गया है, जो लंबे समय से परेशान पत्नी के घर से चले जाने के बाद अपने छोटे बेटे के साथ उसे खोजने के लिए निकलता है.

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कुड़ांगल फिल्म का पोस्टर. (फोटो साभार: फेसबुक)

‘कुड़ांगल’ अगले साल ऑस्कर पुरस्कारों में अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्म की श्रेणी में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी. निर्देशक पीएस विनोदराज की तमिल भाषा की इस फिल्म में एक बिगड़ैल शराबी पति को दिखाया गया है, जो लंबे समय से परेशान पत्नी के घर से चले जाने के बाद अपने छोटे बेटे के साथ उसे खोजने के लिए निकलता है.

कुड़ांगल फिल्म का पोस्टर. (फोटो साभार: फेसबुक)

मुंबई: नवोदित निर्देशक पीएस विनोदराज की पहली फिल्म ‘कुड़ांगल’ (Koozhangal यानी Pebbles- कंकड़) अगले साल 94वें अकादमी पुरस्कारों (ऑस्कर पुरस्कार) में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी और इससे निर्देशक बहुत उत्साहित हैं.

तमिल भाषा की इस फिल्म में एक बिगड़ैल शराबी पति के किरदार को दिखाया गया है, जो लंबे समय से परेशान पत्नी के घर से चले जाने के बाद अपने छोटे बेटे के साथ उसे खोजने और वापस लाने के लिए निकलता है.

नए कलाकार चेल्लापांडी और करुतथडैयां अभिनीत इस फिल्म ने बीते फरवरी माह में रॉटरडैम अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में टाइगर पुरस्कार जीता है.

फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने शनिवार को घोषणा की कि ‘कुड़ांगल’ अकादमी पुरस्कारों में अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्म की श्रेणी में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी.

विनोदराज ने कहा कि वह फिल्म को मिलने वाले प्यार से अभिभूत हैं और उन्होंने जूरी सदस्यों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने 14 अन्य फिल्मों को छोड़कर उनकी फिल्म का चयन किया.

33 वर्षीय विनोदराज ने मदुरै से फोन पर कहा, ‘ऐसा लग रहा है कि तीन साल का प्रयास अब रंग ला रहा है. हमें उम्मीद नहीं थी कि फिल्म इस स्तर पर पहचानी जाएगी, इसलिए हमने एक ईमानदार और सरल फिल्म बनाने पर ध्यान केंद्रित किया. हमें रॉटरडैम सहित विभिन्न फिल्म महोत्सवों में सराहना मिलने की कोई उम्मीद नहीं थी.’

उन्होंने कहा, ‘मैं और टीम का हर व्यक्ति अभिभूत है. हम सभी उत्साहित और भावुक हैं. वास्तविक यात्रा अब शुरू हो हुई है. हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम अंतिम नामांकन में शामिल होने के लिए पर्याप्त मौके बनाएं. हमने चर्चा शुरू कर दी है और योजना बना रहे हैं.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु के मदुरै जिले के मेलूर शहर के पास एक गांव में जन्मे विनोदराज ने कहा कि फिल्मों के साथ उनका प्रेम तब शुरू हुआ जब उन्होंने कई फिल्मों के सेट पर जाना शुरू किया, जिन्हें उनके पैतृक स्थान पर शूट किया गया था.

हालांकि बचपन के कठिन समय ने उन्हें कम उम्र में ही काम शुरू करने पर मजबूर होना पड़ा. उन्होंने कई छोटे-मोटे काम किए हैं, जिसमें से एक चेन्नई में एक डीवीडी की दुकान पर सेल्समैन का काम था, जहां उनका परिचय विश्व सिनेमा से हुआ.

उन्होंने बताया, ‘मैंने उस दुकान पर यह सोचकर काम किया कि इससे मुझे फिल्म इंडस्ट्री में कुछ संपर्क बनाने में मदद मिलेगी और फिर मैं किसी के असिस्टेंट के तौर पर काम कर सकता था. जल्द ही मैं निर्देशक ए. सगुनम से जुड़ गया और उनकी कुछ फिल्मों में काम किया. फिर कुछ समय बाद मैंने कुड़ांगल की पटकथा लिखनी शुरू कर दी.’

रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में विनोदराज ने तमिल अभिनेत्री नयनतारा और फिल्म निर्माता विग्नेश शिवन द्वारा निर्मित फिल्म पर काम करना शुरू किया.

यह फिल्म निर्देशक के व्यक्तिगत अनुभवों से उपजी है. उन्होंने बताया कि एक बार झगड़ा होने के बाद उनकी छोटी बहनों में से एक का उनके पति ने अपने गांव से उनके गांव यानी 14 किमी तक पीछा किया था.

विनोदराज ने कहा, ‘सूखे और काम के अवसरों की कमी के कारण यहां के लोगों के जीवन में बहुत निराशा है. यह उनके परिवारों और रिश्तों में भी नजर आता है. इस कुंठा के कारण पुरुष पितृसत्ता बहुत गंभीर रूप से समाज में अस्तित्व में है.’

रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म मेलूर के पास अरिट्टापट्टी नामक एक गांव में की है और निर्देशक ने मई 2019 की भीषण गर्मी में इसकी शूटिंग शुरू की थी.

उन्होंने कहा, ‘फिल्म में तीन पात्र हैं- एक पिता, बच्चा और परिदृश्य (Landscape). ये सभी कृषि के साथ अच्छी तरह से संपन्न थे. पानी की भी कोई समस्या नहीं थी. हालांकि बाद में पड़े सूखे ने सब खत्म कर दिया और इन लोगों के जीवन में भारी सामाजिक असंतुलन पैदा हो गया.’

लगभग एक साल तक कई सारे फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित होने के बाद निर्देशक ने कहा कि वह दिसंबर के आसपास कुड़ांगल को रिलीज करने का विचार कर रहे थे, हालांकि फिल्म इससे पहले भी रिलीज हो सकती है.

विनोदराज ने कहा, ‘हमारा मानना है कि कुडांगल के सिनेमाघरों में रिलीज होने से हम ऐसी अन्य फिल्मों के लिए एक बाजार बनाने में सक्षम हो पाएंगे. यह (ऑस्कर के लिए चयनित होना) बहुत बड़ी चीज है. हालांकि यह दबाव ज्यादा नहीं है, क्योंकि हमें पहचान मिलने से खुशी हो रही है. यह एक अच्छा एहसास है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)