इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर अख़बारों में विज्ञापन नहीं देने पर पंजाब सरकार निशाने पर

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर अख़बारों में विज्ञापन नहीं देने पर पंजाब की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार की आलोचना की है. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में दिल्ली कांग्रेस की नई कार्यकारिणी समिति में एक स्थायी आमंत्रित सदस्य के तौर पर जगदीश टाइटलर की नियुक्ति की ओर इशारा किया और हैरानी जताई कि इंदिरा गांधी को याद करने के लिए पंजाब सरकार का विज्ञापन नहीं जारी करने का क्या इससे कोई संबंध है.

(फोटो साभार: ट्विटर/@nawabmalikncp)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर अख़बारों में विज्ञापन नहीं देने पर पंजाब की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार की आलोचना की है. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में दिल्ली कांग्रेस की नई कार्यकारिणी समिति में एक स्थायी आमंत्रित सदस्य के तौर पर जगदीश टाइटलर की नियुक्ति की ओर इशारा किया और हैरानी जताई कि इंदिरा गांधी को याद करने के लिए पंजाब सरकार का विज्ञापन नहीं जारी करने का क्या इससे कोई संबंध है.

(फोटो साभार: ट्विटर/@nawabmalikncp)

चंडीगढ़: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर समाचार-पत्रों में उनकी याद में विज्ञापन जारी करने में कथित तौर पर नाकाम रहने को लेकर रविवार को पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी नीत सरकार की आलोचना की.

जाखड़ ने एक ट्वीट में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर पिछले साल (तत्कालीन मुख्यमंत्री) अमरिंदर सिंह नीत कांग्रेस सरकार के तहत जारी पंजाब सरकार के एक विज्ञापन को संलग्न किया.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं समझ सकता हूं कि भारतीय जनता पार्टी ‘आयरन लेडी ऑफ इंडिया’ को इतिहास से मिटाना चाहती है, लेकिन क्या हमारे पास पंजाब में अब कांग्रेस की सरकार नहीं है.’

जाखड़ ने एक अन्य ट्वीट में दिल्ली कांग्रेस की नई कार्यकारिणी समिति में एक स्थायी आमंत्रित सदस्य के तौर पर जगदीश टाइटलर की नियुक्ति की ओर इशारा किया और हैरानी जताई कि इंदिरा गांधी को याद करने के लिए (पंजाब) सरकार का विज्ञापन नहीं जारी करने का क्या इससे कोई संबंध है.

उन्होंने कहा, ‘या फिर यह दो दिन पहले हुई नियुक्ति के आलोक में- दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है- का मामला है.

टाइटलर का नाम 1984 के सिख विरोधी दंगों के सिलसिले में आया था.

जाखड़ ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘मैं जानता हूं कि कैप्टन साब (अमरिंदर) पिछले साल के पंजाब सरकार के इस विज्ञापन का मेरे द्वारा इस्तेमाल किए जाने को अन्यथा नहीं लेंगे.’

पंजाब में भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल जैसे विपक्षी दलों ने टाइटलर की नियुक्ति पर चन्नी नीत सरकार पर निशाना साधा है.

भाजपा नेता तरुण चुघ ने शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को यह स्पष्ट करने को कहा था कि क्या उन्होंने दिल्ली कांग्रेस की नई कार्यकारिणी समिति में स्थायी आमंत्रित सदस्य के रूप में जगदीश टाइटलर के नाम का समर्थन किया था.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा नेता तरुण चुघ ने कहा, ‘टाइटलर को दिल्ली में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक के रूप में नामित किया गया है. सिखों के खिलाफ दंगों में उनकी भूमिका को कई गवाहों द्वारा उजागर किया गया है, इस तथ्य के बावजूद कि टाइटलर, कमलनाथ और सज्जन कुमार पार्टी के चहेते बने हुए हैं.’

वहीं, शिरोमणि अकाली दल नेता दलजीत सिंह चीमा ने चन्नी से पंजाब वासियों को यह बताने को कहा कि उन्होंने कांग्रेस की प्रतिष्ठित समिति में टाइटलर की नियुक्ति को सहमति क्यों दी.

जाखड़ ने तीन दिन पहले जब चन्नी ने राष्ट्रीय राजधानी का दौरा किया था और आप नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब का दौरा किया था, तब ट्विटर पर एक टिप्पणी की थी.

जाखड़ ने लिखा था, ‘दिल्ली में पंजाब के सीएम, पंजाब में दिल्ली के सीएम, फिर भी! कहना होगा, उनमें से कम से कम एक ने सही टाइमिंग पाई है.’

रिपोर्ट के अनुसार, इस ट्वीट पर केजरीवाल ने मुस्कुराने वाले इमोजी से जवाब दिया था.

बीते सितंबर महीने में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ महीनों से चली आ रही खींचतान के बाद जब अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, तब जाखड़ इस पद के शीर्ष दावेदारों में शामिल थे, हालांकि कांग्रेस ने तब दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा दिया था.

इस हफ्ते की शुरुआत में अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वह एक नई राजनीतिक पार्टी बना रहे हैं, जिसका नाम और चुनाव चिह्न चुनाव आयोग द्वारा मंजूरी मिलने के बाद साझा किया जाएगा.

इससे पहले अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वह जल्द ही अपने राजनीतिक दल के गठन की घोषणा करेंगे और अगर किसान आंदोलन का समाधान किसानों के पक्ष में होता है तो उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सीटों को लेकर समझौता होने की उम्मीद है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)