स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इन 48 ज़िलों में से 27 उत्तरपूर्वी राज्यों में हैं, जिनमें से आठ-आठ ज़िले मणिपुर और नगालैंड में हैं. झारखंड में सर्वाधिक नौ ज़िले हैं, जहां पचास फीसदी से भी कम लोगों को कोरोना का पहला टीका लगा है. इस सूची में दिल्ली का एक और महाराष्ट्र के छह ज़िले शामिल हैं.
नई दिल्लीः देश की तीन-चौथाई से अधिक आबादी को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है लेकिन देश के 48 ऐसे जिलों की पहचान की गई है, जहां कोरोना की पहली डोज का आंकड़ा पचास फीसदी से भी कम है.
ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को इन 48 जिलों सहित उन सभी जिलों की एक विस्तृत समीक्षा बैठक करने वाले हैं, जहां कोरोना वैक्सीन की दर कम है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इन 48 जिलों में से 27 उत्तरपूर्वी राज्यों में हैं, जिनमें से आठ-आठ जिले मणिपुर और नगालैंड में हैं. सभी राज्यों में झारखंड में सर्वाधिक नौ जिल हैं, जहां पचास फीसदी से भी कम लोगों को कोरोना की पहली डोज लगी है.
इस सूची में दिल्ली का एक और महाराष्ट्र के छह जिले हैं.
रविवार तक भारत ने कोरोना की कुल 106,33,38,492 डोज (पहली और दूसरी) लगाई. देश में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था. पहली डोज कवरेज की अनुमानित दर 77.44 फीसदी है और देश की 35 फीसदी वयस्क आबादी पूरी तरह से टीकाकृत है.
मोदी की बुधवार को होने वाली इस समीक्षा बैठक से एक दिन पहले कई राज्य हर घर दस्तक टीकाकरण अभियान शुरू कर सकते हैं, जिसके तहत घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा.
मंत्रालय ने ऐसे 48 जिलों की पहचान की है, जहां 27 अक्टूबर से पहली कोरोना डोज की दर पचास फीसदी से भी कम है. इस दिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा था कि देश के 10.34 करोड़ से अधिक लोग तय समयसीमा में दूसरी डोज नहीं लग सकी. इसके साथ ही कोरोना की दूसरी डोज की रफ्तार बढ़ाने के लिए भी कहा गया.
बैठक के दौरान मांडविया ने राज्यों को नवंबर 2021 के अंत तक सभी लाभार्थी आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज देने के लिए कहा था.
जहां से दूसरी डोज का सवाल है, आठ बड़े राज्यों में से चार में कवरेज दर राष्ट्रीय औसत (31 फीसदी) से अधिक है. इनमें गुजरात 55 फीसदी, कर्नाटक 48 फीसदी, राजस्थान 39 फीसदी और मध्य प्रदेश 38 फीसदी है.
वहीं, चार राज्यों में हालात खराब हैं, जिनमें महाराष्ट्र 34 फीसदी, उत्तर प्रदेश 22 फीसदी, बिहार 25 फीसदी और पश्चिम बंगाल 30 फीसदी है, जहां दूसरी डोज की कवरेज दर राष्ट्रीय औसत से कम है.
बता दें कि रविवार तक 1.03 करोड़़ स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना की पहली खुराक दी जा चुकी है. वहीं, 92.21 लाख को दोनों खुराकें मिल चुकी हैं जबकि फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए यह संख्या 1.83 करोड़ और 1.59 करोड़ है.
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 60 साल से अधिक उम्र के 10.96 करोड़ लोगों को पहली खुराक दी जा चुकी है जबकि 6.66 करोड़ लोगों को दूसरी खुराक मिल चुकी है. वहीं, 45 साल से अधिक आयुवर्ग के लोगों में 17.47 करोड़ लोगों को पहली जबकि 9.62 करोड़ लोगों को दूसरी डोज मिल चुकी है.