भागलपुर में करोड़ों की लागत से बने इस बांध का उद्घाटन 20 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों होना था.
बिहार के भागलपुर ज़िले के कहलगांव में लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत से बना बांध मंगलवार 19 सितंबर को अचानक पानी छोड़े जाने पर क्षतिग्रस्त हो गया. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, बांध के इस तरह टूट जाने से आस-पास के इलाकों में पानी भर गया है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है.
बटेश्वर गंगा पंप योजना के तहत बन रहे इस बांध का उद्घाटन 20 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करना था. बिहार सरकार ने ‘तकनीकी वजह’ का हवाला देते हुए यह कार्यक्रम रद्द कर दिया है.
Bihar CM Nitish Kumar has cancelled his visit to Bhagalpur scheduled for tomorrow.
— ANI (@ANI) September 19, 2017
न्यूज़18 के मुताबिक भागलपुर के बटेश्वरस्थान में जब ट्रायल रन के लिए गंगा का पानी छोड़ा गया, तब उसके तेज़ दबाव के कारण बांध का एक हिस्सा टूट गया. बांध टूटने के बाद कहलगांव और एनटीपीसी की टाउनशिप सहित कई नज़दीकी इलाकों में जलभराव हो गया. जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव अरुण कुमार सिंह ने भागलपुर के जिलाधिकारी और एसपी के साथ इन क्षेत्रों में सुरक्षा इंतजामों का जायज़ा लिया है. साथ ही एसडीआरएफ की टीम भी वहां पहुंच गई है.
अरुण सिंह ने बताया कि पानी का बहाव रोकने के लिए बालू की बोरियां रखी जा रही हैं. ज्ञात हो कि इस बांध का निर्माण बिहार और झारखंड में सिंचाई की बेहतर सुविधा देने के लिए किया जा रहा था.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए राज्य के जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने कहा कि इस घटना से बांध के नए बने हिस्से को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
बिहार की नीतीश कुमार सरकर ने भागलपुर जिला में बीते मंगलवार ट्रायल रन के दौरान पानी के अधिक दबाव के कारण गंगा नदी पंप नहर योजना के बांध की दीवार के अचानक टूट जाने की घटना के जांच के आदेश दिये हैं. जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने 20 सितंबर को समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि विभागीय प्रधान सचिव को मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं.
ललन ने बताया कि बांध के टूटान वाले हिस्से की कल ही बिना देरी किए मरम्मत कर दी गयी थी. बांध के टूटने पर पानी के बहाव से कहलगांव, एनटीपीसी टाउनशिप के साथ आबादी वाले इलाके और कहलगांव के सिविल जज और सब जज के आवास में पानी प्रवेश कर गया था.
मंत्री ने बताया कि उक्त नहर का निर्माण 1985-88 के बीच किया गया था और हमने गंगा नदी की पानी से सिंचाई के लिए पिछले साल एक पंप स्टेशन का निर्माण कराया था पर अधिकारियों को उसके उदघाटन के पूर्व नहर की जांच करनी चाहिए थी.
उन्होंने इस हादसे के सभी पहलुओं की जांच की बात करते हुए बताया कि यह बात प्रकाश में आयी है कि एनटीपीसी द्वारा पूर्व में उक्त नहर के नीचे से एक भूमिगत रास्ता बनाया गया जिससे संभवत: नहर की दीवार कमजोर हुई होगी.
वहीं भागलपुर में मौजूद जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान विभागीय चूक की बात स्वीकारते हुए बताया कि उद्घाटन के पूर्व नहर की जांच नहीं की गयी जिसके लिए वह स्वयं विभाग की ओर से खेद व्यक्त करते हैं.
उन्होंने कहा कि मामले की जांच में जो भी विभागीय कर्मी दोषी पाए जाएंगे उनके ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई होगी. सिंह ने कहा कि एनटीपीसी द्वारा नहर के नीचे से रास्ता बनाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया था या नहीं, इसकी भी जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी कमियों को दूर कर इस नहर पंप का उद्घाटन अब दो महीने के बाद किया जाएगा.
जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव से भेंट करने आए कहलगांव स्थित एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक राकेश सैम्युएल ने कहा कि उक्त रास्ते का निर्माण बहुत पहले किया गया जिसके दस्तावेजों को वह देखेंगे, लेकिन एनटीपीसी बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र पाए कोई कार्य नहीं करता.
वहीं, विपक्ष के नेताओं ने इस घटना पर सरकार को घेर लिया है. मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार राजद ने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगते हुए भागलपुर में मुख्यमंत्री और जल संसाधन मंत्री का पुतला फूंका. बांध टूटने पर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद को नीतीश सरकार के ख़िलाफ़ हथियार मिल गया.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नहर का निर्माण ठीक से नहीं कराए जाने का पटना में आरोप लगाते हुए कहा कि यह नीतीश सरकार के भ्रष्टाचार का जीता जागता सबूत है. उन्होंने बिहार सरकार पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि तटबंधों में चूहों द्वारा सुराख कर दिए जाने के कारण प्रदेश में इस साल अचानक बाढ़ आयी और अब क्या मगरमच्छ ने अपने मुंह से उक्त नहर की दीवार तोड़ दी.
389.31 करोड़ का बांध उद्घाटन के 24 घंटे पहले टूटा। CM ताम-झाम के साथ कल काटने वाले थे फीता। भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा एक और बाँध..
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 19, 2017
लालू द्वारा जल संसाधन मंत्री के इस्तीफे की मांग पर ललन सिंह ने कहा कि उन्हें दूसरों को नैतिकता की पाठ पढ़ाने के बजाए पहले अपनी नैतिकता की बात करनी चाहिए.
जदयू के बागी नेता शरद यादव ने भी इस हादसे पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूछा कि क्या कभी ऐसी घटना घटी है कि किसी परियोजना का उद्घाटन एक दिन पहले उसकी बांध के टूटने जाने के कारण नहीं हो पाया.
ज्ञात हो कि बिहार और झारखंड की इस साझा परियोजना के जरिए भागलपुर में 18,620 हेक्टयर तथा झारखंड के गोड्डा जिला की 4,038 हेक्टयर भूमि सिंचित होगी. इस परियोजना द्वारा 27,603 हेक्टयर भूमि को सिंचित किया जा सकता है जिसमें से 22,816 हेक्टयर बिहार एवं 4,887 हेक्टयर झारखंड के भूखंड शामिल हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)