सुप्रीम कोर्ट में क्लोज़र रिपोर्ट पेश करते हुए सीबीआई ने कहा कि 24 संदिग्ध मौतों का व्यापमं से कोई लेना-देना नहीं.
मध्य प्रदेश सरकार में हुए व्यापमं घोटाले मामले में जांच एजेंसी सीबीआई ने क्लोज़र रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. एबीपी न्यूज़ के अनुसार, क्लोज़र रिपोर्ट पर एजेंसी ने कहा है कि इस मामले में 24 संदिग्ध मौतें किसी साज़िश के तहत नहीं हुई हैं और इन मामलों का व्यापमं से कोई लेना-देना नहीं है.
एबीपी की रिपोर्ट के अनुसार, क्लोजर रिपोर्ट अभी सुप्रीम कोर्ट में ही दाखिल हुई है. इसके बाद सीबीआई को अपनी रिपोर्ट में हर संदिग्ध मौत को व्यापमं से संबंध ख़ारिज करने के लिए सीबीआई की विशेष अदालत में पक्ष रखना होगा.
सीबीआई की क्लोज़र रिपोर्ट कहती है कि मामले में 24 संदिग्ध मौतों में से 10 लोगों ने आत्महत्या एकतरफा प्यार या घरेलू तनाव के चलते किया है.
बीते 25 जुलाई को मध्य प्रदेश के मुरैना के प्रवीण यादव ने अपन घर में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली थी. उन्होंने मेडिकल कॉलेज में दाख़िला लिया था और उन्हें व्यपामं घोटाला मामले में आरोपी भी बनाया गया था.
जबलपुर अदालत में पेशी के एक दिन पहले ही पंखे से लटककर प्रवीण ने आत्महत्या कर ली थी. परिजनों का कहना था कि प्रवीण को मामले में फंसाया है इस वजह से वह तनाव में थे. बहरहाल यह मामला अभी तक सीबीआई के जांच दायरे में नहीं आया है.
एबीपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार संदेह के घेरे में है. जिसकी बनाई एसटीएफ ने नौ संदिग्ध मौतों में बिना पोस्टमॉर्टम अपनी रिपोर्ट लगा दी.
रिपोर्ट के अनुसार, एसआईटी संदेह के घेरे में है, जिसकी निगरानी में जांच कर रही एसटीएफ की पड़ताल पर हमेशा सवाल उठते रहे है. सीबीआई की जांच भी संदेह से परे नहीं, जिसने कई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट न होने के बाद भी कह दिया कि मौत का व्यापमं से संबंध नहीं.