मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले महीने अधिसूचना जारी कर दुर्गा विसर्जन और मुहर्रम के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित करने का आदेश दिया था.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दुर्गा विसर्जन और मुहर्रम को लेकर बनाए गए नियम पर फटकार लगाई है.
समाचार एजेंसी एएनआई अनुसार, अदालत ने बुधवार को राज्य सरकार को फटकार लगते हुआ कहा, ‘जब सरकार को विश्वास है कि राज्य में धर्म को लेकर विवाद नहीं है तो फिर आप दोनों समुदाय के बीच ये दीवार क्यों खड़ी कर रही हैं. दुर्गा विसर्जन और मुहर्रम को लेकर दोनों में दरार न पैदा करें.’
न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से पूछा कि क्यों दो समुदाय एक साथ त्योहार नहीं मना सकते?
When you (state govt) are firm there is communal harmony in the state, why are you creating communal distinction b/w the two?: Calcutta HC
— ANI (@ANI) September 20, 2017
"Let them live in harmony. Do not create a line between them. Let them live together.", observes Calcutta High Court on Durga idol immersion
— ANI (@ANI) September 20, 2017
मुहर्रम और दुर्गा मूर्ति विसर्जन एक ही दिन पड़ने से पश्चिम बंगाल सरकार ने एक अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी थी. सरकार ने कहा था कि 2 से 4 अक्टूबर के बीच दुर्गा मूर्ति विसर्जन किए जा सकेंगे.
आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदूवादी संगठनों ने सरकार के अधिसूचना का विरोध करते हुए कहा कि सरकार मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने के लिए हिंदू धर्म के मानने वालों से भेदभाव कर रही है.
अधिसूचना पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना था, ‘राज्य सरकार के पास निर्णय लेने का अधिकार नहीं है कि कब और कैसे विसर्जन होगा, वह केवल विसर्जन के लिए मार्गों का निर्णय ले सकता हैं. यह प्रशासन और विशेष रूप से मुख्यमंत्री को ख़ुद या अपने प्रशासन में कोई भरोसा नहीं है. यही कारण है कि वह हमारे धार्मिक विश्वासों पर हमला कर रही है.’
ममता ने अधिसूचना पर कहा था, ‘इस वर्ष दुर्गा पूजा और मुहर्रम एक ही समय पर है. त्योहारों के दौरान हमें शांति बनाए रखना है. मैं पुलिस से पूजा और मुहर्रम समितियों से बात करने को कहूंगी, जहां पर मुहर्रम जुलूस ले जाएंगे वहां बैरिकेड लगाने की व्यवस्था की जाएगी ताकि दोनों समुदायों के जुलूस एक दूसरे के सामने न हों. इस संबंध में पूजा समितियों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी. आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई अप्रिय घटना न हो. हम किसी को दंगे भड़काने की इजाज़त नहीं देंगे.’