छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की 50वीं बटालियन के एक शिविर में जवान रितेश रंजन ने अपने साथियों पर एके-47 राइफल से गोली चला दी थी, जिससे चार जवानों की मौत हो गई है जबकि तीन अन्य घायल हो गए. सीआरपीएफ ने कहा कि जवान कथित तौर पर तनाव से गुज़र रहा था.
रायपुर/देबग्राम: छत्तीसगढ़ में सोमवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान की गोलीबारी में चार अन्य जवानों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए.
छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके के सुकमा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 50वीं बटालियन के एक शिविर में जवान रितेश रंजन ने बीते सोमवार को अपने साथियों पर एके-47 राइफल से गोली चला दी थी, जिससे चार जवानों की मौत हो गई है जबकि तीन अन्य घायल हो गए.
इस घटना में मारे गए चार जवानों में धनजी, राजीब मंडल, राजमणि कुमार यादव और धर्मेंद्र कुमार सिंह शामिल हैं. घटना के तुरंत बाद आरोपी जवान को पकड़ लिया गया और घटना की वजह का पता लगाने के लिए उससे पूछताछ की जा रही है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सीआरपीएफ अधिकारियों ने कहा कि रंजन ने राज्य की राजधानी रायपुर से लगभग 450 किलोमीटर दूर सुकमा के कोंटा ब्लॉक के मरईगुडा थाना क्षेत्र में बल के लिंगमपल्ली शिविर में अपने बैरक में सो रहे सहयोगियों पर गोलियां चला दीं. घटना सोमवार तड़के करीब 3:25 बजे हुई, रंजन की निर्धारित ड्यूटी सुबह चार बजे शुरू होने वाली थी.
रंजन की गोलीबारी से दो जवानों की मौके पर ही मौत हो गई, दो अन्य ने बेस अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया.
पुलिस ने कहा कि उनमें से तीन बिहार के और चौथे जवान पश्चिम बंगाल के थे. घायलों की पहचान धनंजय कुमार, धर्मात्मा कुमार और मलाया रंजन महाराणा के रूप में हुई है. धनंजय और धर्मात्मा को रायपुर ले जाया गया है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है.
सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि तीसरे जवान मलाया रंजन महाराणा का भद्राचलम में इलाज चल रहा है, जहां तीनों घायलों को पहले ले जाया गया था.
सूत्रों ने कहा कि रंजन को 13 नवंबर से छुट्टी पर जाना था. लिंगमपल्ली शिविर के सूत्रों ने कहा, ‘कुछ दिनों पहले उनका अपने सहयोगियों के साथ किसी निजी मामले को लेकर झगड़ा हुआ था, लेकिन वह मामूली था.’
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि रंजन ने हिरासत में बात करने से इनकार कर दिया है.
सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमने उनकी राइफल ले ली है और उनके परिवार से संपर्क किया है. प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है. हम उनके सामान और फोन विवरण की जांच कर रहे हैं कि उन्हें किसने उकसाया.’
अधिकारियों ने कहा कि रंजन 2017 से सीआरपीएफ की 50वीं टालियन में थे.
उन्होंने कहा, ‘वह 2011 में सीआरपीएफ में शामिल हुए थे और छत्तीसगढ़ में अपना कार्यकाल पूरा किया था. छुट्टी से लौटने के बाद उन्हें जम्मू कश्मीर में ड्यूटी जॉइन करनी थी.’
उन्होंने कहा, ‘सभी सात मृत और घायल रंजन के बैचमेट थे और ये लोग 2017 से एक साथ काम कर रहे थे. बैरकमेट होने के कारण उनका घायलों के साथ पहले भी झगड़ा हुआ था, लेकिन यह कभी गंभीर नहीं था. हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि ऐसा क्या हुआ था कि उन्हें गोली चलानी पड़ी.’
सीआरपीएफ के आईजी प्रकाश डी. ने कहा, ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. हमने अपने कुछ वीर जवानों को खो दिया. स्थानीय पुलिस मामले की आगे जांच करेगी.’
सहकर्मियों पर गोलीबारी करने वाला जवान ‘भावनात्मक तनाव’ में था: सीआरपीएफ
सीआरपीएफ ने सोमवार को कहा कि अपने चार सहकर्मियों की गोली मारकर हत्या करने और तीन अन्य को घायल करने वाला जवान कथित तौर पर ‘भावनात्मक तनाव’ से गुजर रहा था.
सीआरपीएफ के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सीआरपीएफ ने घटना के कारण का पता लगाने और उपचारात्मक उपाय के सुझाव देने के लिए जांच के आदेश दिए हैं.’
उन्होंने कहा, ‘प्रथमदृष्टया, ऐसा प्रतीत होता है कि किसी भावानात्मक तनाव के कारण कॉन्स्टेबल रितेश रंजन ने अचानक मनोवैज्ञानिक संतुलन खो दिया और गुस्से में आकर अपने सहयोगियों पर गोलियां चला दीं.’
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एक सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घटना पर दुख व्यक्त किया और पुलिस अधिकारियों को इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)