लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के भाई पवन ने इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे समेत 14 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करने का आदेश देने का आग्रह करते हुए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है.
लखीमपुर खीरीः उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी मामले में फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट में मुख्य अभियुक्त और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की राइफल और दो अन्य हथियारों से गोली चलाए जाने की पुष्टि हुई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि राइफल से गोलियां तीन अक्टूबर को, जिस दिन यह घटना हुई, तब चलाई गईं या किसी अन्य दिन.
आशीष मिश्रा उन 13 आरोपियों में से एक हैं जिन पर तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या का आरोप है.
बता दें कि पिछले तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया क्षेत्र में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी.
किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी और इस दौरान गोलियां चलाई गईं.
पिछले नौ अक्टूबर को आशीष और उसके बाद गिरफ्तार किए गए अंकित दास, सत्य प्रकाश तथा लतीफ काले के पास से लाइसेंसी राइफल, पिस्तौल, रिवॉल्वर तथा रिपीटर गन बरामद की गई थी. इन हथियारों को 15 अक्टूबर को विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘चारों हथियारों की फॉरेंसिक जांच से इस बात की पुष्टि हुई है कि आशीष की राइफल समेत तीन हथियारों से गोली चलाई गई थीं. हालांकि रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि गोली किस वक्त चलाई गई. अंकित दास के सहयोगी सत्य प्रकाश की रिवाल्वर की जांच रिपोर्ट का अभी इंतजार किया जा रहा है.’
उन्होंने बताया कि बरामद की गई राइफल आशीष की, पिस्तौल अंकित दास और रिपीटर गन उसके सुरक्षाकर्मी लतीफ की थी और इन सभी से गोली चलने की पुष्टि हुई है.
हालांकि, इस मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से मना किया है.
इस बीच लखीमपुर वारदात में मारे गए स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप के भाई पवन ने मंगलवार को जिला अदालत में एक वाद दायर कर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष समेत 14 लोगों के खिलाफ अपने भाई की हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने का आग्रह किया है.
इस याचिका पर 15 नवंबर को सुनवाई होगी.
पत्रकार रमन के भाई पवन ने आरोप लगाया है कि उनके भाई रमन तीन अक्टूबर को तिकोनिया में किसानों के प्रदर्शन की कवरेज कर रहे थे. इसी दौरान अपराह्न करीब तीन बजे एक तेज रफ्तार वाहन ने उनके भाई को कुचल दिया जिससे उनकी मौत हो गई.
पवन का आरोप है कि गृह राज्य मंत्री अजय कुमार को छोड़कर बाकी सभी अभियुक्त उस थार जीप तथा दो अन्य वाहनों में सवार थे जिनसे किसानों को कुचला गया.
पवन ने दावा किया कि एसआईटी की जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि उनके भाई की मौत किसानों द्वारा पीटे जाने से नहीं बल्कि गाड़ी से कुचले जाने के कारण हुई, ऐसे में सभी 14 आरोपी रमन की मौत के लिए जिम्मेदार हैं.
पवन ने कहा कि उन्होंने इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के लिए थाने में तहरीर दी थी लेकिन पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की.
तिकोनिया इलाके में पिछले तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में बहराइच के निवासी जगजीत सिंह द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि यह पूरा मामला केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष की सुनियोजित साजिश का परिणाम है.
मुकदमे में कहा गया है कि किसान तीन अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पैतृक गांव में आयोजित एक समारोह में शिरकत करने जा रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को काले झंडे दिखाने के लिए महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज के मैदान में एकत्र हुए थे.
अपराह्न लगभग तीन बजे आशीष मिश्रा अपने 15-20 सशस्त्र लोगों के साथ तेज रफ्तार दोपहिया गाड़ियों से आए और प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर आशीष ने फायरिंग की. वह अपनी गाड़ी में बैठे थे जिससे आगे जाकर किसानों को रौंदा गया.
मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि गोली चलाई जाने से बहराइच के नानपारा निवासी किसान गुरविंदर सिंह के बेटे सुखविंदर की मौत हो गई.
हालांकि सुखविंदर केशव के दो बार हुए पोस्टमार्टम में उसे गोली लगने की पुष्टि नहीं हुई.
इस मामले में आशीष समेत अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने अपने बेटे पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वह उस वक्त मौका-ए-वारदात पर नहीं थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)