केेंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब म्यांमार रोहिंग्या लोगों को वापस लेने के लिए तैयार है, तो कुछ लोग क्यों उन्हें वापस भेजे जाने पर आपत्ति जता रहे हैं.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि रोहिंग्या समुदाय के लोग अवैध प्रवासी हैं और वे भारत में शरण के लिए आवेदन करने वाले शरणार्थी नहीं हैं.
Human rights ka hawala de kar illegal immigrants ko refugee batane ki galti nahi ki jaani chahiye: Home Minister Rajnath Singh #Rohingyas pic.twitter.com/YhuP1NebRo
— ANI (@ANI) September 21, 2017
Myanmar se Bharat ghus aaye ye #Rohingya refugee nahi hain iss sachchai ko hume samajhna chahiye: Home Minister Rajnath Singh pic.twitter.com/O9s37ltQje
— ANI (@ANI) September 21, 2017
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एनएचआरसी द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि जब म्यांमार रोहिंग्या लोगों को वापस लेने के लिए तैयार है, तो कुछ लोग क्यों उन्हें वापस भेजे जाने पर आपत्ति जता रहे हैं.
Refugee status prapt karne ke liye ek process hota hai aur inmein se kisi ne iss procedure ko follow nahi kia hai: HM Rajnath #Rohingyas
— ANI (@ANI) September 21, 2017
उन्होंने कहा, ‘रोहिंग्या शरणार्थी नहीं हैं. वे उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद यहां नहीं आए. किसी भी रोहिंग्या ने शरण के लिए आवेदन नहीं किया. वे अवैध आव्रजक हैं.’
Principle of non-refoulement applies on those who have taken asylum in India. No #Rohingya has applied for asylum in India till today: HM pic.twitter.com/Pn7yZx7DSF
— ANI (@ANI) September 21, 2017
गृहमंत्री ने यह भी कहा कि भारत रोहिंग्या समुदाय के लोगों को प्रत्यर्पित कर किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करेगा क्योंकि उसने संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संधि 1951 पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.
India won't be violating any international law by deporting #Rohingyas from India, as it isn't a signatory to 1951 UN Refugee Convention: HM pic.twitter.com/diVMprFndj
— ANI (@ANI) September 21, 2017
एनएचआरसी ने भारत के विभिन्न हिस्सों में रह रहे रोहिंग्या लोगों को प्रत्यर्पित करने की योजना को लेकर केंद्र को हाल में नोटिस भेजा था. आयोग के अनुसार,‘मानवाधिकारों की दृष्टि से मामले में उसका हस्तक्षेप उचित है.’