2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से एक सप्ताह के भीतर 60 से ज़्यादा बच्चों की मौत मामले में डॉ. कफ़ील ख़ान को निलंबित किया गया था. ख़ान का कहना है कि क्लीन चिट मिलने के बावजूद उन्हें बर्ख़ास्त किया गया है और उन्हें इस सरकार से न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है.
लखनऊः गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में 2017 में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई 70 बच्चों की मौत के मामले में डॉ. कफील खान को बर्खास्त कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) आलोक कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि जांच में दोषी पाए जाने के बाद कफील खान को बर्खास्त कर दिया गया है.
प्रमुख सचिव कुमार ने बताया कि यह मामला चूंकि अदालत में चल रहा है, इसलिए बर्खास्त किए जाने के संबंध में अदालत में जानकारी दी जाएगी.
बता दें कि 22 अगस्त 2017 को बच्चों की मौत के मामले में निलंबित किए गए कफील खान को महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) कार्यालय से संबद्ध किया गया था.
कफील खान की बर्खास्तगी की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उनकी बर्खास्तगी को दुर्भावना से प्रेरित और उनका उत्पीड़न करने के उद्देश्य से की गई है.
सितंबर 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार की जांच में कफील खान को लापरवाही के आरोपों से मुक्त कर दिया गया था.
कपील खान के मामले की जांच करने वाले प्रमुख सचिव (स्टाम्प एवं पंजीकरण) हिमांशु कुमार ने उन्हें किसी तरह की मेडिकल लापरवाही के आरोपों से मुक्त कर दिया था लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक सलाहकार ने कहा था कि जांच में इस आरोप को खारिज नहीं किया गया है कि डॉक्टर (खान) निजी प्रैक्टिस भी कर रहे थे.
मुख्यमंत्री के सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने जारी बयान में कहा, ‘यह कहना सही नहीं है कि डॉ. कफील खान को विभागीय जांच में क्लीन चिट मिल गई. उन्होंने रिपोर्ट का गलत निष्कर्ष निकाला है.’
सरकार ने मामले की जांच के लिए बाद में एक और समिति का गठन किया था. बर्खास्तगी की खबरों पर हैरानी जताते हुए कफील खान ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उन्हें बर्खास्त कैसे किया गया.
उन्होंने दावा किया कि यूपी सरकार ने इस साल छह अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया था कि उन्होंने 22 फरवरी 2020 को शुरू हुई दूसरी जांच को वापस लेने का फैसला किया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉक्टर कफील खान के खिलाफ राज्य सरकार के दूसरे निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है.
बहराइच जिला अस्पताल में मरीजों का जबरन इलाज करने और सरकार की नीतियों की आलोचना करने के आरोप में 31 जुलाई, 2019 को डॉक्टर को दूसरी बार निलंबित कर दिया गया था.
कफील खान ने कहा कि प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज से मेरी बर्खास्तगी को लेकर बुधवार को बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि हालांकि उन्हें अभी तक बर्खास्तगी पत्र नहीं मिला है.
उन्होंने कहा, ‘उनके पास मुझे टर्मिनेट करने का अधिकार नहीं है. उन्हें इसके लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) से आदेश लेना होगा.’
63 kids died ‘cos the govt didn’t pay the O2 suppliers
8 Doctors,employees got suspended -7 reinstated
inspite of getting clean chit on charges of medical negligence & corruption -I got terminated
Parents-Still awaiting Justice
justice ? Injustice?
U decide 🙏🤲 pic.twitter.com/t7ZFeU4JYf
— Dr Kafeel Khan (@drkafeelkhan) November 11, 2021
डॉ. कफील खान ने कहा कि सरकार ने 10 नवंबर को मेरी बर्खास्तगी का आदेश दिया था. हालांकि अदालत ने छह अगस्त को दो दिनों के भीतर यह बताने को कहा था कि मुझे चार साल तक निलंबित क्यों रखा गया जबकि मामले में सात अन्य सह आरोपी को बहाल किया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि बुधवार को भी सरकार ने अदालत को उनकी बर्खास्तगी के बारे में नहीं बताया था. 10 नवंबर 2021 को अदालत में तारीख थी लेकिन सरकार ने मेरी बर्खास्तगी को लेकर कोई कागजात पेश नही किया. मुझे इस सरकार से न्याय मिलने की कोई उम्मीद नहीं है.
मामले की अगली सुनवाई सात दिसंबर को होगी.
उप्र सरकार द्वारा डॉ. कफील खान की बर्खास्तगी दुर्भावना से प्रेरित है। नफरती एजेंडा से प्रेरित सरकार उनको प्रताड़ित करने के लिए ये सब कर रही है।
लेकिन सरकार को ध्यान रखना चाहिए कि वो संविधान से ऊपर नहीं है। कांग्रेस पार्टी डॉ कफील की न्याय की लड़ाई में उनके साथ है और हमेशा रहेगी। pic.twitter.com/xidIyzv3sI
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 11, 2021
कफील खान की बर्खास्तगी के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘उप्र सरकार द्वारा डॉ. कफील खान की बर्खास्तगी दुर्भावना से प्रेरित है. नफरती एजेंडा से प्रेरित सरकार उनको प्रताड़ित करने के लिए ये सब कर रही है लेकिन सरकार को ध्यान रखना चाहिए कि वो संविधान से ऊपर नहीं है. कांग्रेस पार्टी डॉ कफील की न्याय की लड़ाई में उनके साथ है और हमेशा रहेगी.’
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान दिए गए भाषण के आधार पर अगस्त में कफील खान पर लगे आरोपों और आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया था.
द वायर ने अपनी रिपोर्ट कहा था कि यूपी पुलिस ने सरकारी नीतियों के खिलाफ असहमति जताने और विरोध में बोलने के लिए कई मामले दर्ज किए और दो अवसरों पर उन्हें गिरफ्तार भी किया.
बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 में आक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत हो गई थी, जिसके बाद 22 अगस्त को डॉ कफील को निलंबित कर दिया गया था, उनके खिलाफ जांच चल रही थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)