नौ नवंबर को कासगंज में अल्ताफ़ नाम के युवक की पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया है जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से मौत होने का आरोप लगाया है.
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश पुलिस ने कासगंज के एक 22 वर्षीय मजदूर अल्ताफ की मौत के मामले में शनिवार को एफईआईआर दर्ज की.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक के परिवार का आरोप है कि एक नाबालिग लड़की के लापता होने के मामले में पूछताछ के लिए अल्ताफ को थाने लाया गया था, जहां हिरासत में पूछताछ के दौरान उसकी मौत हो गई.
पुलिस ने इससे पहले कहा था कि कासगंज के नागला सैयद के मजदूर अल्ताफ ने नौ नवंबर को कासगंज के कोतवाली पुलिस थाने के बाथरूम में आत्महत्या कर ली थी.
पुलिस का कहना है कि अल्ताफ ने अपनी जैकेट की डोरी से बाथरूम के नल से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
दरअसल अल्ताफ को एक परिवार की शिकायत पर पूछताछ के लिए उठाया गया था. इस परिवार ने अल्ताफ पर 16 साल की उनकी बेटी का अपहरण करने का आरोप लगाया था.
पुलिस का कहना है कि कासगंज में दर्ज एफआईआर में अज्ञात पुलिसकर्मियों के नाम हैं और बाद में नए शिकायत पत्र में उनके नाम को अपडेट किया जाएगा.
अल्ताफ के पिता चांद मिया ने शुरुआत में कहा था कि वह पुलिस की कार्यवाही से संतुष्ट है लेकिन उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि उनसे जबरन कोरे कागज पर अंगूठे के निशान लिए गए.
एफआईआर में कहा गया, ‘मेरे बेटे को पुलिस स्टेशन में मार डाला गया. बाथरूम का नल लगभग दो फीट ऊंचा था और मेरा बेटा पांच फुट से अधिक लंबा है. मैंने किसी भी अधिकारी के साथ कोई समझौता नहीं किया है. मुझसे दबाव में कोरे कागज पर अंगूठे का निशान लिया गया. मैं अनुरोध करता हूं कि इस मामले में कार्रवाई की जाए.’
बता दें कि नौ नवंबर को कासगंज में अल्ताफ़ नाम के युवक की पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया है जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से मौत होने का आरोप लगाया है.
पीड़ित परिवार ने पुलिस की आत्महत्या की थ्योरी को पूरी तरह से नकारते हुए न्याय की मांग की है. अल्पसंख्यक आयोग ने इस मामले में यूपी प्रशासन से रिपोर्ट भी तलब की है.