महाराष्ट्र परिवहन निगम के कर्मचारियों की हड़ताल का 20वां दिन, राज्य सरकार में विलय की मांग कायम

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी बीते 28 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारियों की हड़ताल के कारण राज्य के सभी 250 डिपो में परिचालन नौ नवंबर से बंद है. कर्मचारी राज्य सरकार के साथ निगम के विलय की मांग कर रहे हैं. उनके अनुसार, इससे उन्हें बेहतर वेतन के साथ ही सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा.

Karad: Maharashtra State Road Transport Corporation (MSRTC) employees get their heads shaved during their strike demanding merging of MSRTC with the state government, in Karad, Thursday, Nov. 11, 2021. (PTI Photo)(PTI11 11 2021 000111B)

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी बीते 28 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारियों की हड़ताल के कारण राज्य के सभी 250 डिपो में परिचालन नौ नवंबर से बंद है. कर्मचारी राज्य सरकार के साथ निगम के विलय की मांग कर रहे हैं. उनके अनुसार, इससे उन्हें बेहतर वेतन के साथ ही सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा.

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी निगम को राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर पिछले 20 दिनों से हड़ताल पर हैं. बीते दिनों कराड में कर्मचारियों ने अपना सिर मुंडवा कर विरोध जताया. (फोटो: पीटीआई)

मुंबई: महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारियों की हड़ताल को मंगलवार को 20 दिन हो गए और वे घाटे में चल रहे निगम के राज्य सरकार में विलय की अपनी मांग को लेकर अभी भी कायम हैं.

अधिकारियों ने बताया कि 28 अक्टूबर को शुरू हुई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण राज्य के सभी 250 डिपो में परिचालन नौ नवंबर से बंद है.

एमएसआरटीसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है. नौ नवंबर से सभी 250 डिपो पर बस का संचालन बंद हैं.’

एमएसआरटीसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि सोमवार को कुल 92,266 कर्मचारियों में से लगभग 6,900 कर्मचारी ड्यूटी पर आए और मंगलवार को यह संख्या बढ़ने की उम्मीद है. निगम ने विभिन्न मार्गों पर लगभग 100 से अधिक बसों का संचालन किया.

अधिकारियों के अनुसार, सोमवार को ड्यूटी पर आए ज्यादातर कर्मचारी प्रशासनिक विभाग के थे. इसके अलावा कार्यशाला के कुछ कर्मचारी और कुछ ड्राइवर और कंडक्टर ड्यूटी पर मौजूद थे.

सोमवार को एमएसआरटीसी ने 100 से अधिक बसों का संचालन किया था.

इस बीच, एमएसआरटीसी कर्मचारियों की मांग को लेकर गठित तीन सदस्यीय समिति ने कर्मचारी संघ के नेता अजय कुमार गूजर को मंगलवार शाम तक समिति के समक्ष पत्र लिखने के लिए कहा है.

उन्होंने राज्य सरकार के साथ एमएसआरटीसी के विलय की मांग को छोड़ने से इनकार कर दिया है. विलय से उन्हें बेहतर वेतन के साथ ही सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एमएसआरटीसी ने कर्मचारियों से तत्काल हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया है.

पिछले हफ्ते, इसने कहा था कि निगम का संचित घाटा बढ़कर 12,000 करोड़ रुपये हो गया है, फिर भी उसने राज्य सरकार से 3,549 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता लेकर पिछले 18 महीनों के वेतन का भुगतान किया.

इसमें महंगाई भत्ते में वृद्धि, मकान किराया भत्ता और कर्मचारियों के लिए दिवाली उपहार जैसी अन्य मांगों को पूरा करने का भी उल्लेख किया गया था.

एमएसआरटीसी के अनुसार, आम यात्रियों को परेशानी हो रही है और हड़ताल के कारण एमएसआरटीसी को हर दिन 15 से 20 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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