कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति से ग़ुलाम नबी आज़ाद को बाहर किया गया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद  जी-23 का हिस्सा हैं- इस समूह ने पिछले साल पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर दल के ढांचे में व्यापक बदलाव की मांग की थी. अब पांच सदस्यीय नई अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति का पुनर्गठन कर दोबारा इसकी ज़िम्मेदारी पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी को ही सौंपी गई है.

/
गुलाम नबी आजाद. (फोटो: पीटीआई)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद  जी-23 का हिस्सा हैं- इस समूह ने पिछले साल पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर दल के ढांचे में व्यापक बदलाव की मांग की थी. अब पांच सदस्यीय नई अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति का पुनर्गठन कर दोबारा इसकी ज़िम्मेदारी पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी को ही सौंपी गई है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को अपनी अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति का पुनर्गठन किया जिसकी कमान फिर से पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी को ही सौंपी गई है. नई समिति में गुलाम नबी आजाद, सुशील कुमार शिंदे और मुकुट मीठी को जगह नहीं दी गई.

पार्टी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, इस पांच सदस्यीय समिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबिका सोनी भी सदस्य के रूप में शामिल होंगी. कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर इस समिति के सदस्य सचिव बनाए गए हैं.

इस समिति में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जेपी अग्रवाल और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जी परमेश्वर को भी बतौर सदस्य शामिल किया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कांग्रेस की इससे पहले की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति में रहे वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और अरुणाचल के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुट मीठी को समिति से बाहर कर दिया.

गुलाम नबी आजाद कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य, जी-23 का हिस्सा हैं – यह वह समूह है, जिसने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर दल के ढांचे में व्यापक बदलाव की मांग की थी.

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग करने वाले पार्टी के असंतुष्ट धड़े को जी-23 कहा जाता है.

कांग्रेस के अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति पुनर्गठन के एक दिन पहले गुलाम नबी आजाद के करीबी माने जाने वाले कम से कम 20 जम्मू-कश्मीर कांग्रेस नेताओं ने केंद्र शासित प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के लिए दबाव बनाने के लिए अपनी पार्टी के पदों से इस्तीफा दे दिया था.

इनमें पूर्व मंत्री जीएम सरूरी, विकार रसूल और डॉ. मनोहर लाल शर्मा के अलावा जुगल किशोर शर्मा, गुलाम नबी मोंगा, नरेश गुप्ता, मोहम्मद अमीन भट, सुभाष गुप्ता (सभी पूर्व विधायक), प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष अनवर भट, कुलगाम जिला विकास परिषद और पूर्व जिलाध्यक्ष अन्यातुल्ला राथर और सदस्य शामिल हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)