प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि क़ानून वापस लेने की घोषणा के बाद भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा है कि बिल तो बनते-बिगड़ते रहते हैं, बिल वापस आ जाएगा. इसी तरह राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी कहा है कि ज़रूरत पड़ने पर कृषि क़ानूनों को फिर से लाया जा सकता है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विवादित तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के एक दिन बाद बीते शनिवार को उन्नाव के भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि कानून दोबारा बन जाएंगे.
उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘बिल तो बनते रहते हैं, बिगड़ते रहते हैं, वापस आ जाएंगे, दोबारा बन जाएंगे, कोई देर नहीं लगती है.’
हालांकि साक्षी महाराज ने यह भी कहा, ‘मैं मोदी जी को धन्यवाद दूंगा कि उन्होंने बड़ा दिल दिखाया और विधेयक के बजाय राष्ट्र को चुना. जिनके इरादे गलत थे, जिन्होंने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए, उन्हें करारा जवाब मिला है.’
#WATCH | BJP MP Sakshi Maharaj says, "Bills(Farm Laws)have got nothing to do with polls…For PM Modi, nation comes first. Bills come, they're repealed, they can come back, they can be re-drafted. I thank PM that he chose nation over Bill&dealt a blow to wrong intentions."(20.11) pic.twitter.com/IIs8QCp4ty
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 21, 2021
उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 और विधेयकों को निरस्त करने की घोषणा के बीच कोई संबंध नहीं है.
भाजपा सांसद ने कहा, ‘यूपी 2022 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा (403 सदस्यीय) यूपी विधानसभा में 300 का आंकड़ा पार करेगी. भारत में (प्रधानमंत्री) मोदी और (यूपी के मुख्यमंत्री) योगी आदित्यनाथ का कोई विकल्प नहीं है.’
इसी तरह राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी कहा था कि जरूरत पड़ने पर कृषि कानूनों को फिर से लाया जा सकता है.
हालांकि उन्होंने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा को सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम बताया है.
मिश्र ने उत्तर प्रदेश के भदोही में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा सकारात्मक दिशा में एक कदम है. साहस और हिम्मत के साथ कानूनों को निरस्त करने का कार्य प्रशंसनीय है.’
उन्होंने कहा, ‘ये कानून किसानों के हित में बनाए गए थे, लेकिन शासन की तरफ से किसानों को समझाया नहीं जा सका.’
"साफ नहीं इनका दिल, चुनाव बाद फिर लायेंगे बिल"
संवैधानिक पद पर बैठे पूर्व भाजपा नेता, महामहिम राज्यपाल श्री कलराज मिश्र और भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा "फिर कृषि बिल ला सकती है भाजपा सरकार"
किसानों से झूठी माफी मांगने वालों की ये सच्चाई है!
"किसान लायेंगे बाईस में बदलाव" pic.twitter.com/vkYcKGd7zv
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) November 21, 2021
जिले के औराई क्षेत्र के बभनौटी गांव में एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए मिश्र ने कहा कि कृषि कानून वापस लेने के लिए किसानों की तरफ से आंदोलन होता रहा, जिससे देश में एक विचित्र स्थिति पैदा हो गई थी जो अब खत्म हो जाएगी.
उन्होंने कहा कि सरकार ने महसूस किया कि इसे वापस ले लिया जाना चाहिए. अभी समय अनुकूल नहीं है इसलिए यह बिल दोबारा आ सकता है.
ऐसी टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी ने कहा, ‘साफ नहीं इनका दिल, चुनाव बाद फिर लायेंगे बिल. संवैधानिक पद पर बैठे पूर्व भाजपा नेता, महामहिम राज्यपाल श्री कलराज मिश्र और भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा ‘फिर कृषि बिल ला सकती है भाजपा सरकार’. किसानों से झूठी माफी मांगने वालों की ये सच्चाई है!’
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) आगे के कदमों पर फैसला करने के लिए 27 नवंबर को एक और बैठक करेगा, जबकि 29 नवंबर को किसानों का संसद तक निर्धारित मार्च तय कार्यक्रम के अनुरूप ही होगा. किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने रविवार को यह जानकारी दी.
एक बैठक के बाद सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजेवाल ने कहा, ‘हमने कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की घोषणा पर चर्चा की. इसके बाद, कुछ फैसले लिए गए. एसकेएम के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम पहले की तरह ही जारी रहेंगे. 22 नवंबर को लखनऊ में किसान पंचायत, 26 नवंबर को सभी सीमाओं पर सभा और 29 नवंबर को संसद तक मार्च होगा.’
किसान नेता अपने इस रुख पर कायम हैं कि प्रदर्शनकारी दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में तब तक रहेंगे, जब तक कि केंद्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते शुक्रवार को की गई घोषणा के बाद संसद में इन कानूनों को औपचारिक रूप से रद्द नहीं करता और एमएसपी की वैधानिक गारंटी और विद्युत संशोधन विधेयक वापस लेने की उनकी अन्य मांगें नहीं मान ली जाती हैं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.