कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अपनी किताब ‘10 फ्लैश पॉइंट्स: 20 ईयर्स – नेशनल सिक्योरिटी सिचुएशन दैट इम्पैक्टेड इंडिया’ में लिखा है कि कई बार संयम कमज़ोरी की निशानी होती है और भारत को 26/11 हमले के बाद कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी. इसके बाद भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि संप्रग सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रख दिया था.
नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की अयोध्या को लेकर लिखी गई किताब को लेकर विवाद अभी थमा ही था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी की नई पुस्तक को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, क्योंकि इसमें वह साल 2008 के मुंबई आतंकी हमले पर जवाबी प्रतिक्रिया को लेकर तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की आलोचना करते हुए दिख रहे हैं.
तिवारी ने अपनी पुस्तक ‘10 फ्लैश पॉइंट्स: 20 ईयर्स – नेशनल सिक्योरिटी सिचुएशन दैट इम्पैक्टेड इंडिया’ (10 Flash Points: 20 Years – National Security Situation that Impacted India) में लिखा है कि कई बार संयम कमजोरी की निशानी होती है और भारत को 26/11 हमले के बाद कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी.
उनकी किताब के इस अंश को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया है कि संप्रग सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रख दिया था. दूसरी तरफ, कांग्रेस ने फिलहाल इस पुस्तक पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है.
लोकसभा सदस्य तिवारी ने इस पुस्तक में पिछले दो दशक के देश के सुरक्षा हालात पर प्रकाश डाला है. यह पुस्तक दो दिसंबर से पाठकों के लिए उपलब्ध होगी.
तिवारी कांग्रेस के उस ‘जी 23’ समूह में शामिल हैं, जिसने पिछले साल सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में व्यापक संगठनात्मक बदलाव और जमीन पर सक्रिय अध्यक्ष की मांग की थी.
तिवारी ने मंगलवार को ट्विटर पर अपनी इस पुस्तक के कुछ अंश साझा किए. पुस्तक में उन्होंने लिखा, ‘अगर किसी देश (पाकिस्तान) को निर्दोष लोगों के कत्लेआम का कोई खेद नहीं है तो संयम ताकत की पहचान नहीं है, बल्कि कमजोरी की निशानी है. ऐसे मौके आते हैं जब शब्दों से ज्यादा कार्रवाई दिखनी चाहिए. 26/11 एक ऐसा ही मौका था.’
Happy to announce that my Fourth Book will be in the market shortly – '10 Flash Points; 20 Years – National Security Situations that Impacted India'. The book objectively delves into every salient National Security Challenge India has faced in the past two decades.@Rupa_Books pic.twitter.com/3N0ef7cUad
— Manish Tewari (@ManishTewari) November 23, 2021
तिवारी ने मुंबई आतंकी हमले को क्रूर हमला करार देते हुए इसे ‘भारत का 9/11’ बताया. उन्होंने कहा, ‘इसलिए मेरा विचार है कि भारत सरकार को भारत के 9/11 के बाद के दिनों में एक तेज गति की प्रतिक्रिया के साथ कार्रवाई करनी चाहिए थी.’
गौरतलब है कि 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका में आतंकवादी हमले हुए थे. आतंकवादियों ने दो अमेरिकी यात्री विमानों को न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड टॉवर की दो गगनचुंबी इमारतों से टकरा दिया था. इस हादसे में हजारों लोगों की मौत हुई थी.
उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी समुद्री मार्ग से मुंबई के विभिन्न इलाकों में घुस गए थे और उन्होंने अलग-अलग स्थानों पर गोलीबारी शुरू कर दी थी. उस हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोग मारे गए थे.
इस आतंकवादी हमले में एकमात्र जिंदा बचे अजमल कसाब को गिरफ्तार कर लिया गया था. उसे चार साल बाद 21 नवंबर, 2012 को फांसी दी गई थी.
भाजपा ने तिवारी की इस पुस्तक को लेकर आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली तत्कालीन संप्रग सरकार को 2008 में 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के बाद जिस प्रकार की मजबूत जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए थी, वैसी नहीं की और उसने राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रखा.
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘इस तथ्य के बाद आज स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस की जो सरकार थी, वह निठल्ली और निकम्मी थी. राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दे पर भारत की अखंडता की भी उसे चिंता नहीं थी.’
भाटिया ने कहा कि मनीष तिवारी की पुस्तक में जो तथ्य सामने आए हैं, उसे कांग्रेस की ‘विफलता का कबूलनामा’ कहना ही उपयुक्त होगा. उन्होंने कहा, ‘इस पुस्तक का सारांश है कि संयम शक्ति की निशानी नहीं है. मुंबई हमले के समय संयम कमजोरी माना जा सकता है. भारत को उस समय कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी, जब कांग्रेस की विफलताओं का यह कबूलनामा पढ़ा तो हर भारतीय की तरह हमें भी बड़ी पीड़ा हुई.’
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस शासन में मंत्री रहे मनीष तिवारी ने स्वीकारा है कि उनकी सरकार ने राष्ट्र की सुरक्षा को दांव पर लगा दिया था.
पंजाब के आनंदपुर साहिब से कांग्रेस के सांसद तिवारी ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा कि उनकी पुस्तक जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी.
बहरहाल मनीष तिवारी ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि पुस्तक के एक उद्धरण को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी की इस प्रतिक्रिया पर उन्हें हंसी आती है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुझे 304 पृष्ठों की किताब से एक उद्धरण पर भाजपा की प्रतिक्रिया पर हंसी आती है. इस पुस्तक में भारत को प्रभावित करने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा हालात संबंधी प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण करने का प्रयास किया गया है. मुझे हैरानी होगी कि अगर भाजपा अपने शासनकाल के समय राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति से निपटने के संदर्भ में किए गए ‘कड़े विश्लेषण’ पर भी इसी तरह की प्रतिक्रिया दे.’
I am rather amused at @BJP4India reaction to one excerpt from a 304 Page book that tries to dissect responses to National Security Situations that Impacted India.I wonder would they react similarly to some “hard analysis’ about their handling of the National Security Remit also?
— Manish Tewari (@ManishTewari) November 23, 2021
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने इस प्रकरण में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से चुप्पी तोड़ने की मांग करते हुए सवाल उठाया कि उस समय भारतीय सेना को अनुमति और खुली छूट क्यों नहीं दी गई.
उन्होंने कहा, ‘हमारी सेना पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अनुमति मांग रही थी कि हम पाकिस्तान को सबक सिखाएंगे. लेकिन उन्हें अनुमति क्यों नहीं दी गई?’
इस कड़ी में भाजपा नेता अमित मालवीय कांग्रेस का मजाक उड़ाते हुए ट्वीट किया है, ‘सलमान खुर्शीद के बाद एक और कांग्रेस नेता ने अपनी किताब बेचने के लिए यूपीए को बस के नीचे फेंक दिया है.’
मालवीय ने पुस्तक के अंशों के स्क्रीनशॉट के साथ ट्वीट किया, ‘मनीष तिवारी ने अपनी नई किताब में 26/11 के बाद संयम के नाम पर यूपीए की कमजोरी की आलोचना की है. एयर चीफ मार्शल फली मेजर पहले से ही ऑन रिकॉर्ड कहा था कि भारतीय वायुसेना हमले के लिए तैयार थी, लेकिन यूपीए ने उसे रोक दिया था.’
Just y’day, Mani Shankar Aiyar questioned defence spending, today Manish Tewari rues UPA’s weak response to 26/11. PC as HM wanted to launch offensive against Naxals, Digvijay Singh opposed.
This muddled thinking on national security, made India a weak state under the Congress. https://t.co/icYMESmdEL
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 23, 2021
उत्तर प्रदेश और पंजाब (जो पाकिस्तान के साथ एक व्यापक सीमा साझा करते हैं) जैसे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्यों सहित अगले साल कई अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले मालवीय ने कांग्रेस की राष्ट्रीय सुरक्षा पर गड़बड़ सोच की निंदा करते हुए कहा कि इसने भारत को एक कमजोर राज्य बना दिया.
दूसरी तरफ, कांग्रेस ने तिवारी की पुस्तक पर फिलहाल कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है. पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने तिवारी की पुस्तक से जुड़े सवाल पर कहा, ‘पहले किताब आए, हम और आप पढ़ेंगे. फिर देखते हैं कि चर्चा करनी है या नहीं. उस किताब या किसी अन्य बात से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आम लोग आज महंगाई के कारण कितना संघर्ष कर रहे हैं. हमारा यह धर्म है कि हम इन लोगों की आवाज उठाएं.’
यह भीषण हमला तब हुआ जब केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सत्ता में थी. 2012 और 2014 के बीच मनीष तिवारी दूसरी यूपीए सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री थे. इस हफ्ते भारत उन हमलों की 13वीं बरसी मनाएगा.
तिवारी की इस पुस्तक से कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस नेता खुर्शीद की पुस्तक ‘सनराइज ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन आर टाइम्स’ को लेकर विवाद खड़ा हुआ था, क्योंकि इसमें उन्होंने कथित तौर पर हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हरम जैसे आतंकी संगठनों के साथ की थी.
विवाद खड़ा होने के बाद खुर्शीद ने कहा था कि हिंदू धर्म और हिंदुत्व में फर्क है और उन्होंने किसी को आतंकवादी नहीं कहा है. किताब के विरोध में बीते दिनों उनके नैनीताल स्थित घर में तोड़फोड़ भी की गई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)