कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें यह काम जल्दी करना चाहिए ताकि आगे चलकर उन्हें कृषि कानूनों के मुद्दे की तरह इसको लेकर माफ़ी न मांगनी पड़े. सरकार द्वारा कोविड से मृतकों के परिजनों को सिर्फ़ 50 हज़ार का मुआवज़ा देने पर उन्होंने कहा कि आपके लिए नया संसद भवन बनाने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये हैं, पर पीड़ित परिवारों को देने के लिए चार लाख रुपये नहीं हैं.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार को कोरोना महामारी के कारण जान गंवाने वाले लोगों का सही आंकड़ा पता करने के लिए ‘कोविड आयोग’ का गठन करना चाहिए और प्रभावित परिवारों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि देने के उद्देश्य से एक ‘कोविड मुआवजा कोष’ भी बनाना चाहिए.
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें यह काम जल्दी करना चाहिए ताकि आगे चलकर उन्हें कृषि कानूनों के मुद्दे की तरह इसको लेकर माफी नहीं मांगनी पड़े.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने दो मांग की है. पहली यह कि एक आयोग बनाकर पता किए जाए कि कोरोना से कितने लोगों की मौत हुई. मृत्यु का सही आंकड़ा सामने आना चाहिए. अमेरिका के अखबार लिखते हैं कि भारत में कोरोना महामारी से 45-50 लाख लोगों की मौत हुई. लेकिन भारत सरकार आंकड़े छिपाती है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘सरकार वहीं नहीं रुकती एनडीएमए एक्ट में (मुआवजे के लिए) जो व्यवस्था है वो पैसा नहीं देती. जब सुप्रीम कोर्ट फटकारता है तो कहती है हम चार लाख नहीं दे सकते, हम 50 हजार ही देंगे. आपके लिए ‘मोदी महल’ (नया संसद भवन) बनाने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये हैं, पर जिन लोगों ने जान गंवाई उनके परिवारों को देने के लिए चार लाख रुपये नहीं हैं.’
वल्लभ ने कहा, ‘सरकार कोविड के कारण जान गंवाने वालों के परिवार को चार-चार लाख रुपये नहीं देना चाहती है. हमारी मांग है कि ये मुआवजा दिया जाए और इसके लिए कोविड मुआवजा कोष बनाया जाए.’
कांग्रेस शासित राज्य के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री जी को चिठ्ठी लिखकर ₹4 लाख देने की मांग की है और जहाँ हमारी सरकार नहीं है वहाँ के मुख्यमंत्री को चिठ्ठी लिखकर यह दबाव डालेंगे कि यह ₹4 लाख मिलना हर मृतक के परिवार का अधिकार है : श्री @GouravVallabh #4LakhDenaHoga pic.twitter.com/6xMxrXELne
— Congress (@INCIndia) November 25, 2021
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘आपको अपने लिए हवाई जहाज खरीदने के लिए 8,400 करोड़ रुपये हैं, आपके पास छह हजार करोड़ रुपये का विज्ञापन देने का पैसा है, लेकिन इनको चार लाख देने का पैसा नहीं है. अपने इस्ट-मित्रों द्वारा बैंकों से लिया 10 लाख 80 हजार रुपये बट्टे खाते (एनपीए) में डालने का पैसा है, पर इनको मुआवजा देने के लिए आपके पास पैसा नहीं है.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘सरकारी आंकड़े के मुताबिक, 4.67 लाख लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई. एनडीएमए (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) कानून के तहत मुआवजे की 75 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार को देनी है और 25 प्रतिशत राशि राज्य सरकारों को देनी है. यानी केंद्र सरकार को कुल 14 हजार करोड़ रुपये देने होंगे. यदि सरकार विज्ञापन देना बंद कर दे और प्रधानमंत्री के लिए हवाई जहाज नहीं खरीदे तो यह पैसा लोगों को दिया जा सकता है.’
वल्लभ के मुताबिक, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा है कि केंद्र सरकार कोविड में जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिवार को चार लाख रुपये की मदद दे और वो इसके लिए राज्य सरकार का हिस्सा देने को तैयार हैं.
पार्टी प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री को सुबह-सुबह माफी नहीं मांगनी पड़े. इसलिए वह हमारी मांगें स्वीकार करें. राहुल गांधी जी और कांग्रेस की यह ट्रैक रिकॉर्ड है कि उन्होंने जो मुद्दा उठाया है, उस पर अपनी मांग पूरी करवाई है. टीकाकरण के समय ऐसा हुआ और अब किसान आंदोलन के समय भी हुआ कि सरकार को मांगें माननी पड़ी.’
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बुधवार को कहा था कि सरकार को कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों के सही आंकड़े बताने चाहिए और हर प्रभावित परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने सितंबर महीने में उच्चतम न्यायालय को बताया था कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने कोविड-19 से जान गंवा चुके लोगों के परिजन को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की सिफारिश की है.
केंद्र ने यह भी कहा था कि कोविड-19 राहत कार्य में शामिल रहने या महामारी से निपटने के लिए तैयारियों से जुड़ी गतिविधियों में शामिल रहने के चलते संक्रमण से जान गंवाने वालों के परिजनों को भी अनुग्रह राशि दी जाएगी.
हमारी मांग:
– इस भयंकर बीमारी और सरकार की लापरवाही के कारण पहली और दूसरी लहर के दौरान कितने लोगों की मृत्यु हुई है? उन मौतों का सही आकंडा दिया जाए : श्री @GouravVallabh #4LakhDenaHoga pic.twitter.com/shK8zEeEQU— Congress (@INCIndia) November 25, 2021
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, वल्लभ ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि परिवारों ने औसतन 5 से 7 लाख रुपये खर्च किए और फिर भी अपने प्रियजनों को घातक वायरस से नहीं बचा सके.
उन्होंने कहा, ‘यह सब एक साल में हुआ, जिसमें 97 प्रतिशत भारतीयों की कमाई गिर गई और केवल तीन प्रतिशत की आय में वृद्धि हुई. आज भी बेरोजगारी की दर सात प्रतिशत से ज्यादा है. शहरी बेरोजगारी आठ प्रतिशत से ज्यादा है और 10 राज्यों में बेरोजगारी दर 10 प्रतिशत से अधिक हो गई है.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम देश में किसी भी आपदा के कारण मरने वाले किसी भी व्यक्ति को 4 लाख रुपये के मुआवजे का प्रावधान करता है. शुरुआत में तो सरकार ने यह भी नहीं माना कि कोविड-19 एक आपदा है. बाद में जब सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ितों के परिवारों की मदद करने में विफल रहने के लिए उसे फटकार लगाई, तो सरकार ने कहा कि उसके पास पैसा नहीं है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘सरकार उन लोगों का हाथ नहीं पकड़ना चाहती, जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को इस भयानक बीमारी के कारण खोया है. और तो और अभी तक देश की विभिन्न रिसर्च एजेंसी, विदेश की विभिन्न रिसर्च एजेंसी अलग-अलग आंकड़े देते हैं. कोई कहता है कि जो सरकार बता रही है, उससे 10 गुना अधिक मृत्यु कोविड में हुई है. कोई रिसर्च एजेंसी कहती है कि 20 गुना ज्यादा हुई है. कोई कहती है कि 30 गुना ज्यादा हुई है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)