मामला जयपुर के कोटपूतली क़स्बे का है. पुलिस ने बताया कि कुछ लोगों ने दलित दूल्हे के घोड़ी चढ़ने पर आपत्ति जताई थी. परिवार ने विवाह को लेकर पहले ही पुलिस को सूचना दी थी और इस दौरान पुलिस तैनात भी थी. इसके बावजूद बारात पर पत्थर फेंके गए. घटना को लेकर तीन अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है.
जयपुर: राजस्थान पुलिस ने जयपुर जिले के कोटपूतली कस्बे में दलित समुदाय के एक व्यक्ति की बारात पर पत्थर फेंकने के मामले में 10 लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
पुलिस ने बताया कि घटना कोटपूतली के पास कैरोड़ी की ढाणी में गुरुवार रात हुई, जहां कुछ लोगों ने एक व्यक्ति की बारात पर पत्थर फेंके जिसमें दर्जन भर लोगों को चोटें आईं.
परागपुरा के थानाधिकारी शिव शंकर ने बताया कि एक समुदाय के कुछ अराजक तत्वों ने शादी में दलित दूल्हे के घोड़ी चढ़ने पर आपत्ति जताई थी.
पीड़ित के परिवार वालों ने विवाह को लेकर पहले ही पुलिस को सूचना दी थी और इस दौरान पुलिस तैनात भी थी. इसके बावजूद कुछ लोगों ने बारात पर पत्थर फेंके.
Rajasthan: 10 people were arrested for allegedly pelting stones at a wedding procession of a Dalit man in Kotputli area of Jaipur on Thursday night, as per ASP Ram Kumar
ASP Kotputli, CO Kotputli & SHO Pragpura PS were put on awaiting posting orders (APO) over the incident y'day pic.twitter.com/0LleFA3SSd
— ANI (@ANI) November 27, 2021
अधिकारी ने बताया, ‘मामले में छह लोगों को हिरासत में लिया गया है और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कानून व भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.’
उन्होंने कहा कि परिवार में एक और व्यक्ति का विवाह होना है, जिसके लिए पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, दुल्हन के पिता हरिपाल बलई ने कहा, ‘हमारे गांव में दलितों के लिए बारात के दौरान घोड़ी की सवारी करना आम बात नहीं है. हम भेदभाव की इस परंपरा को तोड़ना चाहते थे. मेरी बेटी और बेटे दोनों की शादी इसी महीने हो रही है. हमारे गांव में राजपूत समुदाय के लोग अक्सर कहते हैं कि वे हमें घोड़ी की सवारी नहीं करने देंगे. मुझे संदेह था कि विरोध हो सकता है और सुरक्षा का अनुरोध करते हुए पुलिस और जिला प्रशासन को आवेदन जमा कर दिया था.’
बलाई ने कहा कि पुलिस अधिकारी और स्थानीय राजनेता गुरुवार सुबह भी उनसे मिलने आए थे और आश्वासन दिया था कि कोई अप्रिय घटना नहीं होगी.
बलई ने कहा, ‘मुझे याद है कि चालीस साल पहले एक अवसर था जब मैं एक बच्चा था, जिसमें दलितों के जुलूस पर पथराव किया गया था. कल शाम मैंने एक बार फिर इतिहास को दोहराते देखा जब मेरे दामाद घोड़ी पर सवार होकर हमारे घर के गेट पर पहुंचे तो पुलिस कर्मियों की मौजूदगी के बावजूद पथराव किया गया. पत्थरों की बौछार हुई. हमारे परिवार के लगभग 10-15 लोग चपेट में आ गए. मेरे भतीजे को टांके लगाने पड़े. पथराव करने वाले राजपूत समुदाय से हैं और ज्यादातर मेरे पड़ोसी हैं.’
उन्होंने कहा कि हमलावरों ने भागने से पहले झाड़ियों के पीछे छिपकर पथराव किया.
बलाई ने कहा, ‘पत्थर इसलिए फेंके गए क्योंकि वे दलितों को घोड़ी की सवारी करना बर्दाश्त नहीं कर सकते थे.’
पुलिस ने बताया कि 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
सर्कल अधिकारी, कोटपुतली दिनेश कुमार यादव ने कहा, ‘हमने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है जो राजपूत समुदाय से हैं. हमने मौके पर 75 पुलिसकर्मियों को तैनात किया था. हमला अचानक हुआ और केवल कुछ सेकंड तक चला. हमलावरों ने झाड़ियों और पेड़ों को कवर के रूप में इस्तेमाल किया. तीन लोग घायल हो गए हैं. परिवार ने 18 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. गिरफ्तार किए गए 10 लोगों में से छह ऐसे हैं जिनका नाम लिया गया था, जबकि अन्य लोगों की संलिप्तता हमारी जांच में सामने आई थी.’
उन्होंने कहा कि एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के साथ आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोक लगाने की सजा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
दलित संगठनों ने कहा है कि वे 28 नवंबर को एकजुटता के साथ गांव पहुंचेंगे, जब बलाई के बेटे की शादी होने वाली है.
आजाद समाज पार्टी के राजस्थान अध्यक्ष और भीम आर्मी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल ढेंवाल ने चेतावनी दी, ‘भीम आर्मी शादी का हिस्सा बनने और उनके समर्थन में 28 नवंबर को परिवार से मिलने जाएगी. हाल ही में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिनमें जातिगत भेदभाव की सामंती मानसिकता के कारण घोड़ी पर सवार होने के कारण कई दलित शादियों पर हमला किया गया है. अगर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो हम विरोध करेंगे.’
जयपुर ग्रामीण एसपी मनीष अग्रवाल ने कहा कि शुक्रवार को पुलिस ने घटना को लेकर तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की. तीन पुलिस अधिकारियों – अतिरिक्त एसपी कोटपुतली, सीओ कोटपुतली और एसएचओ प्रागपुरा पुलिस को पोस्टिंग ऑर्डर (एपीओ) की प्रतीक्षा में रखा गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)