वहीं उपराज्यपाल अनिल बैजल का कहना है कि इस योजना को रोका नहीं गया है बल्कि कुछ कानूनी आपत्तियों के चलते केंद्र सरकार से राय लेने की सलाह दी गयी है.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का आरोप है कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार की हायर एजुकेशन लोन गारंटी स्कीम पर रोक लगा दी है. इसके तहत अब दिल्ली के कॉलेज जाने वाले विद्यार्थी एजुकेशन लोन की सुविधा नहीं पा सकेंगे.
एनडीटीवी इंडिया की ख़बर के मुताबिक़ मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके ये जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘एलजी साहब ने कहा है कि इस पर भारत सरकार की राय ली जाए. दिल्ली की सरकार दिल्ली के टैक्सपेयर के पैसों से दिल्ली के बच्चों को पढ़ने के लिए लोन देना चाहती है और ऐसे में भारत सरकार से राय लेने का मतलब है कि अभी तो ये योजना बंद है.’
उन्होंने उपराज्यपाल से सवाल किया, ‘आपको राजनीति करनी है तो हमारे साथ करें, दिल्ली के बच्चों से आपकी क्या दुश्मनी है?’
ज्ञात हो कि पिछले दो साल से चल रही हायर एजुकेशन लोन गारंटी स्कीम को लेकर पिछले एलजी नजीब जंग के कार्यकाल से विवाद चल रहा है. जंग ने भी इस योजना पर कुछ सवाल उठाये थे, जिनके जवाब dill साल 2015 के सितंबर महीने में शुरू हुई इस योजना के तहत अगर दिल्ली का कोई छात्र दिल्ली के ही किसी कॉलेज में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए लोन लेता है तो दिल्ली सरकार उसकी गारंटी लेकर लोन दिलवाएगी.
नवभारत टाइम्स के अनुसार मनीष सिसोदिया ने इस बात पर चिंता जताई है कि अगर राय या सुझाव के लिए इस योजना को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा तो ये मामला फिर फाइलों के बीच उलझ के रह जाएगा और अगले दो-चार साल तक तो लोन नहीं दिया जा सकेगा.
मनीष सिसोदिया ने इस योजना में किये गये बदलावों के बारे में भी बताया. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा किये गये बदलावों में योजना का दायरा बढ़ाया था और इस सुविधा को दिल्ली के उन विद्यार्थियों को भी मुहैया कराने की बात की थी जो दूसरे राज्यों के सरकारी संस्थानों में पढ़ाई के लिए जाते हैं. ऐसे विद्यार्थियों को भी 10 लाख रुपये तक की लोन गारंटी स्कीम में लाया गया था. इसी नये सुझाव के साथ इसे मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेजा गया था.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इस बारे में ट्वीट करके उपराज्यपाल से गुज़ारिश की है कि इस स्कीम को मंजूरी दी जाये. उन्होंने लिखा है, ‘एलजी सर, गरीब बच्चों को भी बेहतर शिक्षा मिले, यह सुनिश्चित करना सरकार की दायित्व है. उन्हें भी इसका अधिकार है. एजुकेशन लोन यह सुनिश्चित करेगा.’
LG Sir, its our duty to ensure best quality education to poor kids also. They too deserve it. Education Loan wud ensure that. https://t.co/OcwiQFwXq6
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 22, 2017
वहीं दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने एजुकेशन लोन मुद्दे पर आम आदमी सरकार द्वारा उठाए गए विवाद को सरकार का पुराना खेल और छलावा बताया है. मनोज तिवारी ने सवाल किया है, ‘दिल्ली सरकार को यह बताना चाहिए कि इस स्कीम से कितने विद्यार्थियों को लोन दिया गया और इसके प्रचार पर कितना पैसा खर्च किया गया.’
इस विवाद पर उपराज्यपाल का जवाब भी आ गया है. उनका कहना है कि इसे रोका नहीं गया है बल्कि इस स्कीम पर क़ानून विभाग की कुछ आपत्तियां थीं, तो उनकी ओर से शिक्षा विभाग को सलाह दी गई है कि इस स्कीम को केंद्र सरकार के पास राय लेने के लिए भेज दिया जाए.
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने स्पष्ट भी किया कि ऐसा इसलिए कहा गया ताकि आगे चलकर कानूनी और वित्तीय रुकावटें नहीं आए और विद्यार्थियों के भविष्य पर इसका असर न पड़े. उनकी ओर से यह भी साफ किया गया है कि वे हमेशा ऐसी योजनाओं का समर्थन करते हैं.