राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को वित्त वर्ष 2020-21 में सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय से क्रमश: 99, 28 और दो शिकायतें प्राप्त हुई थीं, लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष के आठ महीनों में ही इन समुदायों से शिकायतों की संख्या इससे अधिक हो गई है.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) को मौजूदा वित्तीय वर्ष (2021-22) के पहले आठ महीनों में ही सिख, बौद्ध और पारसी समुदायों से पिछले पूरे साल की तुलना में अधिक शिकायतें मिली हैं.
सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए आंकड़ों से ये जानकारी सामने आई है.
इसके साथ ही इन आंकड़ों से यह भी संकेत मिलता है कि पिछले दो वित्तीय वर्षों (2019-20 और 2020-21) में आयोग को मिली कुल शिकायतों में गिरावट के बाद इस बार (वित्तीय वर्ष 2021-22) इसमें बढ़ोतरी देखी जा सकती है.
इस संबंध में भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने राज्यसभा में सवाल पूछा था, जिसका जवाब अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने दिया है.
आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को सिख समुदाय से 115, बौद्ध से 35 और पारसी समुदाय से पांच शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जो कि इसके पिछले साल क्रमश: 99, 28 और दो शिकायतों की तुलना में काफी अधिक है.
इसी तरह इस अवधि में मुस्लिमों से 864 शिकायतें, इसाई से 88 शिकायतें, जैन समुदाय से 39 शिकायतें एवं अन्य से 88 शिकायतें प्राप्त हुई हैं.
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को मौजूदा वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में कुल मिलाकर 1,234 शिकायतें प्राप्त हुई हैं.
इससे पहले साल 2020-21 में आयोग को मुस्लिम समुदाय से सबसे ज्यादा 1,103 शिकायतें, ईसाई से 102, जैन से 50 एवं अन्य से 78 शिकायतें प्राप्त हुई थीं.
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को वित्त वर्ष 2020-21 में कुल 1,463 शिकायतें, 2019-20 में 1,670 शिकायतें और 2018-19 में कुल 1,871 शिकायतें प्राप्त हुई थीं.
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने संसद में दिए अपने लिखित जवाब में इन शिकायतों के प्रकार का भी विवरण पेश किया है. इसके मुताबिक अधिकतर शिकायतें कानून एवं व्यवस्था से जुड़ी हुई हैं.
वित्त वर्ष 2018-19 में आयोग को प्राप्त हुई कुल 1,871 शिकायतों में से 1,040 शिकायतें कानून एवं व्यवस्था से जुड़ी हुई थीं. इसकी तरह 2019-20 में कुल 1,670 शिकायतों में से 1,019 शिकायतें और 2020-21 में कुल 1,463 शिकायतों में से 449 शिकायतें कानून एवं व्यवस्था से जुड़ी हुई थीं.
वहीं भूमि विवाद, सेवा मामले, शैक्षिक मामले, वक्फ मामले, धार्मिक अधिकार जैसे मामलों की हिस्सेदारी काफी कम है.
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आयोग के नियमों, विनियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार, शिकायतें प्राप्त होने पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग या तो संबंधित प्राधिकारी से रिपोर्ट मांगता है और यदि आवश्यक हो तो उन्हें बुलाया जाता है और उसके बाद उपयुक्त सिफारिशें या आवश्यक कार्रवाई करने के लिए उपयुक्त प्राधिकारी को निर्देश दिया जाता है.
उन्होंने यह भी कहा कि प्रचारात्मक, झूठी, तुच्छ और गुमनाम के रूप में समाप्त की गई शिकायतों को सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से बंद किया जाता है.
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