शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विधानसभा भवन परिसर के दक्षिण-पूर्वी छोर पर दोपहिया वाहनों के पार्किंग स्थल के रूप में चिह्नित क्षेत्र में शराब की कुछ ख़ाली बोतलें मिली थीं, जिसके बाद विपक्ष ने सदन में हंगामा किया. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब की उपलब्धता और उसके सेवन को रोक पाने में नीतीश सरकार पर विफल रहने का आरोप लगाया.
पटना: बिहार में मंगलवार को विधानमंडल परिसर में शराब की खाली बोतलें मिलने के मामले को प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा सदन में उठाए जाने तथा राजद सदस्यों के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विधानसभा भवन के दक्षिण-पूर्वी छोर पर शराब की खाली बोतलें मिलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. मालूम हो कि राज्य में शराब प्रतिबंधित है.
इससे पहले विधानसभा परिसर में दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग स्थल के रूप में चिह्नित क्षेत्र में एक पेड़ के नीचे शराब की कुछ खाली बोतलें मिलने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने स्थल का निरीक्षण किया और नाराजगी जताते हुए प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब की उपलब्धता और उसके सेवन को रोक पाने में सरकार पर विफल रहने का आरोप लगाया और मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की.
विधानसभा परिसर में शराब ही शराब। यह अति है। मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री नीतीश जी को अब एक सेंकड भी सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।
मुख्यमंत्री कल इसी परिसर में NDA के विधायकों को संकल्प दिला रहे थे। जो विधायक उनसे शराबबंदी की विफलता पर सवाल कर रहे थे उन्हें वो डाँट रहे थे। pic.twitter.com/HkttaPaBDJ
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 30, 2021
गौरतलब है कि नीतीश कुमार सरकार ने 5 अप्रैल 2016 को राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया था. मुख्यमंत्री ने लोगों से इस मिशन में सहयोग करने की अपील की थी, क्योंकि ‘शराब स्वास्थ्य और समाज के लिए खराब है.’
यादव ने एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘ अदभुत! बिहार विधानसभा परिसर के अंदर में शराब की बोतलें बरामद. अभी शीतकालीन सत्र चल रहा है. मुख्यमंत्री के चेंबर से मात्र चंद कदम की दूरी पर विभिन्न ब्रांड की शराब ही शराब उपलब्ध. कड़ी सुरक्षा के बीच चालू सत्र में ही विधानसभा में शराब मिल रही है, शेष बिहार की आप बस कल्पना कीजिए! शर्मनाक!
उन्होंने आगे लिखा, ‘मुख्यमंत्री सचिवालय के बाद आज बिहार विधानसभा परिसर में भी शराब की बोतलें बरामद. हां! बिहार में कथित शराबबंदी है जिसके कारण राज्य में 20 हज़ार करोड़ से अधिक की समानांतर अवैध अर्थव्यवस्था चल रही है. प्रशासनिक अराजकता के कारण चहुंओर अव्यवस्था, तस्करी और भ्रष्टाचार चरम पर है.
मंगलवार को भोजनावकाश के बाद विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर तेजस्वी ने इस मामले को सदन उठाया और मुख्यमंत्री से इस पर सरकार के रुख को स्पष्ट करने को कहा.
राजद सदस्यों के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री ने अपनी सीट से खड़े होकर इस मामले की जांच की अनुमति दिए जाने का सदन अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से अनुरोध करते हुए कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री सचिवालय के बाद आज बिहार विधानसभा परिसर में भी शराब की बोतलें बरामद।
हाँ! बिहार में कथित शराबबंदी है जिसके कारण राज्य में 20 हज़ार करोड़ से अधिक की समानांतर अवैध अर्थव्यवस्था चल रही है। प्रशासनिक अराजकता के कारण चहुँओर अव्यवस्था, तस्करी और भ्रष्टाचार चरम पर है। pic.twitter.com/IAONlCKy2f
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 30, 2021
नीतीश ने बाद में अपने कक्ष में प्रदेश के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण और पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल को बुलाकर बिहार विधानसभा के सचिव के साथ मिलकर इस पर विचार विमर्श कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने को निर्देश दिए. इसके बाद मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक मौके पर पहुंचे, जांच के लिए बोतलें एकत्र कीं.
शरण ने संवाददाताओं से कहा, ‘सदन के काम-काज के घंटों से परे यहां सुरक्षा व्यवस्था उतनी गहन नहीं होती है. ऐसा लगता है कि किसी ने एक विशिष्ट मकसद के तहत इसका फायदा उठाया है जिसका पता लगाने की जरूरत है. इस घटना को सुरक्षा में खामी कहना उचित नहीं है.’
सिंघल ने कहा, ‘दुर्भाग्य से घटनास्थल के पास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है जिससे यह पता चल सके कि इन बोतलों को अंदर कौन लाया था. बहरहाल हमने इन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है. आबकारी विभाग के विशेषज्ञों को भी बोतलों में मौजूद सामग्री का पता लगाने के लिए लगाया गया है.’
टॉमस ऑफ इंडिया के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘खराब, बहुत ही खराब हुआ है. इसे कैसे सहन किया जा सकता है? यह कोई साधारण मामला नहीं है. हो सकता है कि कोई शरारत करने की कोशिश कर रहा हो. यह (शराब की बोतलें) वहां कैसे पहुंचा और कौन लाया, सब कुछ देखा जाएगा. दोषी पाए गए लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा परिसर में क्या हुआ, इसकी उन्हें जानकारी भी नहीं है क्योंकि वह कहीं और किसी काम में व्यस्त थे. लेकिन जो हुआ है वह चौंकाने वाला, बल्कि असहनीय है और इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाएगी.
इस बीच सत्तारूढ़ दल के एक से अधिक नेताओं ने संदेह व्यक्त किया कि सरकार को बदनाम करने के लिए राजद के नेताओं ने बोतलों को उक्त स्थल पर रखा है.
भाजपा विधायक एवं पर्यावरण और वानिकी राज्य मंत्री नीरज कुमार बबलू ने कहा, ‘दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. लेकिन मुझे संदेह है कि इस शरारत के पीछे राजद का हाथ है.’
बिहार विधान परिषद में भाजपा सदस्य नवल किशोर यादव ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए कहा, ‘मौके पर कोई भी शराब पीते नहीं पाया गया. कुछ पुरानी बोतलें वहां फेंक दी गई हैं. यह राजद द्वारा सरकार को बदनाम करने के लिए किया गया होगा.’
तेजस्वी ने हाल में जहरीली शराब से 40 लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी की समीक्षा को लेकर मैराथन बैठक करने तथा सोमवार को बिहार विधानसभा के केंद्रीय हॉल में सत्ताधारी विधायकों को शराब सेवन के खिलाफ संकल्प दिलाने को मात्र दिखावा बताते हुए आरोप लगाया कि संकल्प लिए जाने के 24 घंटे के भीतर उसी परिसर में शराब की बोतलें मिली हैं .
यह पूछे जाने पर कि क्या वह शराबबंदी कानून जिसका उनके पिता और राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने विरोध किया है, को रद्द करने के पक्ष में हैं तेजस्वी ने कहा, ‘हम पूरी तरह से नशाबंदी के पक्ष में हैं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)