बीते अक्टूबर माह में टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप मैच के दौरान भारत पर पाकिस्तान की जीत के बाद कथित तौर पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने के लिए देशद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार कश्मीर के तीनों छात्रों का कहना है कि आगरा में वकीलों ने अदालत में उनकी पैरवी करने से मना कर दिया है, जिसकी वजह से उन्हें सीधे हाईकोर्ट का रुख़ करना पड़ा है.
इलाहाबाद: टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप मैच में भारत पर पाकिस्तान की जीत के बाद कथित तौर पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने के लिए देशद्रोह के आरोप में अक्टूबर में गिरफ्तार किए गए तीन कश्मीरी छात्रों ने जमानत के लिए सीधे इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया है.
इन छात्रों का कहना है कि आगरा में वकीलों ने अदालत में उनकी पैरवी करने से मना कर दिया है, जिसकी वजह से उन्हें सीधे उच्च न्यायालय का रुख करना पड़ा है.
जमानत याचिका के साथ ही इन छात्रों ने अपना मुकदमा आगरा से मथुरा स्थानांतरित करने का प्रार्थना पत्र दिया है, जिसमें कहा गया है कि आगरा का पूरा बार निचली अदालत में उनकी पैरवी करने को तैयार नहीं है.
आमतौर पर जमानत की याचिका सबसे पहले जिला अदालत में दाखिल करनी होती है और याचिका खारिज होने की स्थिति में उच्च न्यायालय का रुख किया जाता है.
ये तीनों छात्र– अरशद यूसुफ, इनायत अल्ताफ शेख और शौकत अहमद गनई आगरा में एक इंजीनियरिंग कालेज के छात्र हैं और इन्हें आगरा पुलिस द्वारा 27 अक्टूबर, 2021 को गिरफ्तार किया गया.
भाजपा के स्थानीय नेताओं की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि बीते 24 अक्टूबर को भारत और पाकिस्तान के बीच टी-20 वर्ल्ड कप क्रिकेट मैच के दौरान पाकिस्तान की जीत पर आगरा के राजा बलवंत सिंह मैनेजमेंट टेक्निकल कैंपस (आरबीएसएमटीसी) में तीनों कश्मीरी छात्रों ने पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की थी.
इसके बाद इन छात्रों को निलंबित कर दिया था. द वायर ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि तीनों छात्र गरीब परिवारों से हैं और प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के तहत पढ़ रहे हैं. उनके परिजनों ने उन्हें माफ करने की अपील सरकार से की थी.
अरशद यूसुफ (21 वर्ष) और उत्तर कश्मीर के बांदापोरा जिले के दो अन्य कश्मीरी छात्र इनायत अल्ताफ शेख और शौकत अहमद गनई आगरा के एक निजी कॉलेज राजा बलवंत सिंह मैनेजमेंट टेक्निकल कैंपस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे.
तीनों छात्रों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास के आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देना), 505 (1) (बी) (जनता में डर पैदा करने की मंशा रखने वाले) और मैच के बाद ‘भारत के खिलाफ’ वॉट्सऐप पर कथित तौर पर संदेश भेजने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 की धारा 66एफ (साइबर आतंकवाद के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया.
इस मामले पर अगले कुछ दिनों में सुनवाई किए जाने की संभावना है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)