कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद उस जी-23 समूह का हिस्सा हैं, जिसने पिछले साल पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर दल के ढांचे में व्यापक बदलाव की मांग की थी.
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि कांग्रेस की वर्तमान पीढ़ी सुझावों पर ध्यान नहीं देती है और इसे ‘अपराध या विद्रोह’ के रूप में देखा जाता है.
आजाद उस जी-23 समूह का हिस्सा हैं, जिसने पिछले साल पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर दल के ढांचे में व्यापक बदलाव की मांग की थी.
माना जा रहा है कि गुलाम नबीं आजाद पार्टी के वर्तमान नेतृत्व राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की ओर इशारा कर रहे थे.
न्यूज 18 को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘जब राजीव जी ने राजनीति में कदम रखा था, तब इंदिरा गांधी ने हम दोनों को बुलाया और राजीव जी से कहा कि गुलाम नबी आजाद मुझे भी न कह सकते हैं, लेकिन उस न का मतलब अवज्ञा या अनादर नहीं है, यह पार्टी के लिए अच्छा है. आज, कोई भी न सुनने को तैयार नहीं है. न कहने की वजह से आज आपकी अहमियत नहीं रह जाती है.’
कांग्रेस नेता ने कहा कि वह ‘कट्टर कांग्रेसी’ हैं और उन्हें दुख होता है जब सलाह पर ध्यान नहीं दिया जाता है.
उन्होंने आगे कहा, ‘हम पार्टी के समावेशी सुधार के लिए सलाह देते हैं. हममें से कोई भी पार्टी में पद नहीं चाहता है. हम बस यही चाहते हैं कि पार्टी के प्रदर्शन में सुधार हो. यह समय ऐसा है जब सत्ताधारी पार्टी मजबूत है और विपक्ष कमजोर है. एक कमजोर विपक्ष सत्ताधारी पार्टी को फायदा पहुंचाता है.’
गुलाम नबीं आजाद हाल ही में ये कहकर सुर्खियों में आ गए थे कि कांग्रेस 300 सीटें नहीं जीत सकती है. उन्होंने कहा कि पार्टी को इतनी सीटें तब प्राप्त हुई थीं जब इंदिरा गांधी इसकी अगुवाई करती थीं या नरसिम्हा राव इसका नेतृत्व करते थे.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रदर्शन में लगातार गिरावट पर हम सभी को ध्यान देने की जरूरत है.
कांग्रेस नेता ने पार्टी में चुनाव की ‘समयसीमा’ निर्धारित नहीं करने को लेकर भी चिंता जाहिर की और कहा कि जो चुनाव पहले हर साल में एक बार होता था, उसे पहले दो से पांच साल तक टरकाया गया और अब अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है.
खुद को पक्का कांग्रेसी बताने हुए आजाद ने अपनी नई पार्टी बनाने की अटकलों को खारिज किया. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में कब क्या हो जाए, यह कोई नहीं जानता है.