मध्य प्रदेश: बाल विवाह कराने के मामले में पूर्व मंत्री सहित चार भाजपा नेताओं पर केस दर्ज

साढ़े पांच साल पहले मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत नाबालिग आदिवासी लड़की का विवाह एक शादीशुदा व्यक्ति से करा दिया गया था.

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(इलस्ट्रेशन: एलीज़ा बख़्त/द वायर)

साढ़े पांच साल पहले मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत नाबालिग आदिवासी लड़की का विवाह एक शादीशुदा व्यक्ति से करा दिया गया था.

इलस्ट्रेशन: एलीज़ा बख़्त/द वायर
(इलस्ट्रेशन: एलीज़ा बख़्त/द वायर)

टीकमगढ़/मध्य प्रदेश: नाबालिग आदिवासी लड़की की शादी कराने के आरोप में स्थानीय अदालत ने मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री हरिशंकर खटीक सहित चार स्थानीय भाजपा नेताओं-सुरेंद्र प्रताप सिंह, राकेश गिरि और नंदकिशोर नपित के ख़िलाफ़ बाल विवाह निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.

करीब साढ़े पांच साल पहले मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत इस नाबालिग लड़की की शादी एक शादीशुदा व्यक्ति से कराई गई थी.

ज़िला न्यायालय के न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अमर सिंह सिसोदिया ने कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री यादवेंद्र सिंह द्वारा दायर याचिका पर शनिवार को सुनवाई करने के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व आदिम जाति कल्याण मंत्री खटीक सहित भाजपा के चार नेताओं को इस नाबालिग लड़की की शादी कराने के मामले में उन्हें 12 अक्टूबर को अदालत में उपस्थित होने के समन जारी किए हैं.

इन चारों भाजपा नेताओं के ख़िलाफ़ बाल विवाह निरोधक अधिनियम की धारा 10 एवं 11 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है.

इस संबंध में परिवाद दायर करने वाले यादवेंद्र सिंह के अधिवक्ता अनिल त्रिपाठी ने बताया कि उक्त सभी ने 25 अप्रैल 2012 को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत टीकमगढ़ ज़िले के बलदेवगढ़ नगर पंचायत की बैसा टपरियन गांव की रहने वाली 15 साल 11 माह की लड़की की शादी एक ऐसे आदिवासी पुरुष से करवा दी थी, जो पहले से ही शादीशुदा था.

उन्होंने कहा कि जब भाजपा नेताओं ने यह शादी करवाई, उस वक्त हरिशंकर खटीक मध्य प्रदेश शासन में अनुसूचित जाति एवं अनूसूचित जनजाति कल्याण राज्य मंत्री थे, जबकि सुरेंद्र प्रताप सिंह बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष, राकेश गिरि टीकमगढ़ नगरपालिका के अध्यक्ष और नंदकिशोर नपित टीकमगढ़ ज़िला भाजपा अध्यक्ष थे.

अधिवक्ता अनिल त्रिपाठी ने बताया कि तत्कालीन मंत्री खटीक ने अपनी तरफ से न केवल इस नाबालिग लड़की की शादी के निमंत्रण पत्र छपवाए, बल्कि विवाह में कन्यादान की रस्म अदा करके कन्या पक्ष की समस्त ज़िम्मेदारियां भी निभाई थीं.

उन्होंने कहा कि प्रशासन और जिला भाजपा के तमाम नेताओं ने खटीक का उस दौरान पूरा सहयोग किया था.

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