दिग्विजय सिंह ने कुणाल कामरा और मुनव्वर फ़ारूक़ी को कार्यक्रम आयोजित करने के लिए न्योता दिया

स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा और मुनव्वर फ़ारूक़ी को अपने बेंगलुरु में किए जाने वाले कार्यक्रमों को अनुमति न मिलने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इन दोनों कलाकारों को अपने हास्य कार्यक्रम भाजपा शासित मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित करने के लिए न्योता दिया है.

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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह. (फोटो: पीटीआई)

स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा और मुनव्वर फ़ारूक़ी को अपने बेंगलुरु में किए जाने वाले कार्यक्रमों को अनुमति न मिलने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इन दोनों कलाकारों को अपने हास्य कार्यक्रम भाजपा शासित मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित करने के लिए न्योता दिया है.

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह. (फोटो: पीटीआई)

भोपाल: स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा और मुनव्वर फारूकी को अपने बेंगलुरु में किए जाने वाले कार्यक्रमों को अनुमति न मिलने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इन दोनों कलाकारों को अपने हास्य कार्यक्रम भाजपा शासित मध्य प्रदेश के भोपाल में आयोजित करने के लिए सोमवार को न्योता दिया.

दिग्विजय ने ट्वीट किया, ‘मैं कुणाल तुम्हारे और मुनव्वर के लिए भोपाल में कार्यक्रम आयोजित करता हूं. सारी जिम्मेदारी मेरी होगी. शर्त एक होगी, हास्य का विषय केवल दिग्विजय सिंह होगा.’

उन्होंने आगे लिखा, ‘इसमें तो संघियों को ऐतराज नहीं होना चाहिए. आओ डरो मत. अपनी सुविधानुसार तारीख एवं समय दो. तुम्हारी सभी शर्तें मंजूर हैं.’

अपने इस ट्वीट के साथ राज्यसभा सदस्य दिग्विजय ने कामरा से जुड़े एक समाचार के लेख को भी साझा किया है.

गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में फारूकी पर इंदौर में भाजपा विधायक के बेटे की शिकायत के आधार पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगा था और कथित तौर पर आपत्तिजनक शो से पहले उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था.

भाजपा नेता के बेटे ने दावा किया था कि उन्होंने इंदौर में फारूकी को उनके शो की रिहर्सल के दौरान हिंदू देवताओं और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बारे में कथित तौर पर अभद्र बातें करते सुना था, लेकिन अपने इस दावे को लेकर वह कोई साक्ष्य पेश नहीं कर सके थे.

इस मामले में फारूकी और अन्य को एक महीने तक जेल में रहना पड़ा था और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी.

इससे पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिकाएं दो बार यह कहकर खारिज कर दी थी कि इस तरह के लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए.

फारूकी के जेल जाने को लेकर न्याय से भटकना, उनके बुनियादी अधिकारों का हनन और उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रौंदने के तौर पर व्यापक निंदा की गई थी. यहां तक कि अन्य देशों में भी इसे लेकर रोष देखने को मिला था.

नवंबर के मध्य में दक्षिणपंथी समूहों की धमकियों के बाद फारूकी के गोवा में होने वाले दो सोल्ड-आउट शो रद्द कर दिए गए थे. दरअसल इन दक्षिणपंथी समूहों ने धमकी दी थी कि अगर ये शो आयोजित किए जाते हैं तो वे खुद को आग लगा लेंगे.

इससे पहले छत्तीसगढ़ में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा स्थानीय प्रशासन को शो के लिए मंजूरी दिए जाने पर प्रदर्शन की धमकियों के बाद उनके शो रद्द कर दिए गए थे.

उससे पहले मुंबई में फारूकी के दो शो बजरंग दल के सदस्यों द्वारा आयोजन स्थल को नुकसान पहुंचाने की धमकियों के बाद रद्द कर दिए गए थे.

हाल ही में 17 से 19 दिसंबर को गुड़गांव में होने वाले कॉमेडी शो से मुनव्वर फारूकी को हटा दिया गया था. शो के आयोजकों का कहना था कि उन्हें शो में बाधा पहुंचाने वाले धमकी भरे फोन कॉल आ रहे थे, जिसके बाद उन्होंने यह फैसला किया. वहीं, भाजपा के एक नेता ने भी फारूकी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.

स्टैडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी का बीते दो महीने में 13वां शो था, जिसे रद्द किया गया है.

बीते नवंबर महीने में मुनव्वर फारूकी के भी बेंगलुरू शो को रद्द किया गया था और तब उनका शो रद्द करवाने के लिए दबाव डालने पर बेंगलुरु पुलिस की खासी आलोचना हुई थी.

इसके बाद इस महीने की शुरुआत में कॉमेडियन कुणाल कामरा के भी बेंगलुरु में होने जा रहे शो को रद्द कर दिया गया था. केंद्र सरकार की नीतियों और उनकी असहिष्णुता के मुखर आलोचक रहे कामरा लंबे समय से भाजपा और उनके समर्थकों के निशाने पर रहे हैं.

बता दें कि कामरा के व्यंग्यपूर्ण ट्वीट की वजह से उन्हें सुप्रीम कोर्ट की अवमाना के आरोपों का भी सामना करना पड़ा है.

इससे पहले इंडिगो, स्पाइजेट, गोएयर, एयर इंडिया और विस्तारा ने कारमा द्वारा एक वीडियो शेयर करने के बाद उन पर छह महीने का यात्रा प्रतिबंध लगा दिया था.

दरअसल इस वीडियो में कामरा को पत्रकार अर्णब गोस्वामी के साथ एकतरफा बातचीत करते दिखाया गया है. तब केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अन्य एयरलाइनों को भी उन पर प्रतिबंध लगाने के लिए विवादास्पद सलाह जारी की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)