नोटबंदी की वजह से जहां 11 अरबपति सूची से बाहर हो गए, वहीं बालकृष्ण की संपत्ति 173 प्रतिशत बढ़कर 70 हज़ार करोड़ रुपये हो गई है.
मुंबई: बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और डी-मार्ट के राधाकिशन दमनी का नाम इस साल भारत के अमीरों की सूची में शामिल हो गया है. उद्योगपति मुकेश अंबानी अब भी सबसे अमीर भारतीय बने हुए हैं.
पिछले छह साल से अमीरों की सूची तैयार कर रही चीन की शोध इकाई हुरुन ने बयान में कहा, ‘एफएमसीजी कंपनी पतंजलि के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बालकृष्ण अब देश के शीर्ष 10 अमीरों में शामिल हो गए हैं. रिटेल सेक्टर के नए सितारे दमनी सबसे लंबी छलांग लगाने वाले अमीर रहे. उनकी संपत्ति में 320 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ.’
एवेन्यू सुपरमार्ट्स की शानदार सूचीबद्धता से अमीरों की सूची में आठ नए लोगों को जगह मिली.
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि नोटबंदी के बाद से भारत ने 11 अरबपति खो दिए हैं. ई कॉमर्स क्षेत्र के जाने पहचाने नाम सचिन और बिन्नी बंसल अरबपतियों की सूची में अब शामिल नहीं हैं.
बालकृष्ण पिछले साल 25वें स्थान पर थे जबकि इस बार वह 8वें स्थान पर पहुंच गए हैं. उनकी संपत्ति 173 प्रतिशत बढ़कर 70 हज़ार करोड़ रुपये हो गई है. पिछले वित्त वर्ष में पतंजलि का कारोबार 10,561 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. वह कई विदेशी ब्रांडों को टक्कर दे रही है.
132 लोगों की इस सूची में मुकेश अंबानी लगातार छठे साल सबसे अमीर भारतीय बने रहे. वैश्विक स्तर पर वह पहली बार शीर्ष 15 में जगह बनाने में कामयाब रहे. शेयर बाजार में आए उछाल से रिलायंस के शेयर बढ़ गए.
इससे अंबानी की संपत्ति 58 प्रतिशत बढ़कर 2570 अरब रुपये पर पहुंच गई है. उनकी यह संपत्ति यमन देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से 50 प्रतिशत अधिक है.
इस सूची में सबसे कम उम्र के अरबपति के रूप में मीडिया डॉट नेट के 34 वर्षीय दिव्यांक तुरखिया ने अपना स्थान पक्का किया है.
वहीं महिलाओं में सबसे कम उम्र की अरबपति बनी हैं बेंगलुरु की 42 वर्षीय अंबिगा सुब्रमण्यम. इस साल सूची में 51 महिलाओं ने जगह बनाई है.
शहरों के लिहाज़ से देखा जाए तो मुंबई इस सूची में शीर्ष पर है. यहां के 182 अमीर इस सूची में शामिल हैं. इसके बाद नई दिल्ली के 117 और बेंगलुरु के 51 अमीर व्यक्ति इस सूची में हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)