हैदरपोरा मुठभेड़: परिजनों, अधिकार कार्यकर्ताओं की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान तीन व्यक्तियों मौत हुई थी. इनमें से एक व्यापारी मोहम्मद अल्ताफ़ भट, दंत चिकित्सक डॉ. मुदस्सिर गुल और अमीर मागरे शामिल हैं. परिजनों का कहना है कि सरकार को फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारे गए व्यक्तियों के मामले की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिए एक महीने से अधिक समय हो गया है. हमें परिणाम जानने का अधिकार है.

Srinagar: Families members of Altaf Ahmad Bhat and Dr Mudasir Gul, who were killed during an encounter between security forces and militants at Hyderpora Yesterday, shout slogans and hold placards during a protest demanding a probe and return of the dead bodies, in Srinagar, Wednesday, Nov. 17, 2021. (PTI Photo/S. Irfan)(PTI11 17 2021 000044B)

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान तीन व्यक्तियों मौत हुई थी. इनमें से एक व्यापारी मोहम्मद अल्ताफ़ भट, दंत चिकित्सक डॉ. मुदस्सिर गुल और अमीर मागरे शामिल हैं. परिजनों का कहना है कि सरकार को फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारे गए व्यक्तियों के मामले की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिए एक महीने से अधिक समय हो गया है. हमें परिणाम जानने का अधिकार है.

श्रीनगर के हैदरपोरा में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ के दौरान मारे गए नागरिक मोहम्मद अल्ताफ भट और डॉ. मुदस्सिर गुल के परिवार के सदस्य मामले की जांच और शवों की वापसी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन. (फाइल फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर: अधिकार कार्यकर्ताओं और पिछले महीने श्रीनगर के हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए तीन व्यक्तियों के रिश्तेदारों ने जम्मू कश्मीर प्रशासन से घटना की मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है.

मारे गए तीन व्यक्तियों में से एक मोहम्मद अल्ताफ भट के भाई ने प्रदर्शन के दौरान बीते सोमवार को कहा, ‘सरकार को फर्जी मुठभेड़ में मारे गए व्यक्तियों के मामले की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिए एक महीने से अधिक समय हो गया है. हमें परिणाम जानने का अधिकार है.’

अल्ताफ भट, मुदस्सिर गुल और अमीर मागरे 15 नवंबर को मारे गए थे, जिसे पुलिस ने आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ बताया था. मारे गए व्यक्तियों के परिजनों ने इसे ‘नृशंस हत्या’ करार दिया था.

पुलिस ने तीनों लोगों को कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके में दफना दिया था, लेकिन भट और गुल के शव तीन दिन बाद उनके परिवारों को वापस कर दिए गए थे.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 18 नवंबर को इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे.

जिलाधिकारी एजाज असद ने तत्काल अतिरिक्त जिलाधिकारी खुर्शीद अहमद शाह को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए 15 दिन के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे.

रिपोर्ट की स्थिति पर प्रतिक्रिया के लिए असद और शाह को कॉल किए गए और संदेश भेजे गए, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला.

आरटीआई कार्यकर्ता राजा मुजफ्फर ने सरकार से रिपोर्ट को लेकर सवाल किया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘अब एक महीने से अधिक हो गया है. मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट कहां है?’

कार्यकर्ता ने उपराज्यपाल सिन्हा के उस ट्वीट का स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किया जिसमें उन्होंने जांच के आदेश दिए थे.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्वीट किया था, ‘हैदरपोरा मुठभेड़ मामले में एडीएम पद के अधिकारी द्वारा मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं. जैसे ही समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट सौंपी जाएगी तो सरकार उचित कार्रवाई करेगी.

उन्होंने कहा था, ‘जम्मू कश्मीर प्रशासन निर्दोष नागरिकों की जान की रक्षा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है और वह सुनिश्चित करेगा कि कोई अन्याय न हो.’

मालूम हो कि बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. इनमें से एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मालिक मोहम्मद अल्ताफ़ भट और दूसरे दंत चिकित्सक डॉ. मुदस्सिर गुल शामिल थे.

पुलिस के अनुसार, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में एक अवैध कॉल सेंटर और एक आतंकी ठिकाना कथित तौर पर चलाया जा रहा था. पुलिस ने दावा किया था कि गुल आतंकवादियों के करीबी सहयोगी थे और भट के मालिकाना हक वाले शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में कॉल सेंटर चला रहे थे.

पुलिस ने आतंकियों का सहयोगी बताते हुए दोनों लोगों के शवों को दफ़ना दिया था, जबकि परिजनों का कहना है कि वे आम नागरिक थे और उनके शवों का वापस करने की मांग की थी. मुठभेड़ में मारे गए सभी चार लोगों के शवों को कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके में दफनाया गया था.

मोहम्मद अल्ताफ भट (मकान मालिक), डॉ. मुदस्सिर गुल (किरायेदार) और आमिर मागरे (गुल के साथ काम करने वाला लड़का) के परिवार के सदस्य अपने परिजन के ‘मारे जाने’ के खिलाफ प्रदर्शन किया था.

आमिर मागरे जम्मू के रामबन के गूल निवासी थे. मागरे के पिता 58 वर्षीय अब्दुल लतीफ मागरे, जो एक राज्य बहादुरी पुरस्कार विजेता भी हैं, ने बताया था कि उनका बेटा गुल के साथ एक कार्यालय कर्मचारी के रूप में काम करता था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

https://arch.bru.ac.th/wp-includes/js/pkv-games/ https://arch.bru.ac.th/wp-includes/js/bandarqq/ https://arch.bru.ac.th/wp-includes/js/dominoqq/ https://ojs.iai-darussalam.ac.id/platinum/slot-depo-5k/ https://ojs.iai-darussalam.ac.id/platinum/slot-depo-10k/ https://ikpmkalsel.org/js/pkv-games/ http://ekip.mubakab.go.id/esakip/assets/ http://ekip.mubakab.go.id/esakip/assets/scatter-hitam/ https://speechify.com/wp-content/plugins/fix/scatter-hitam.html https://www.midweek.com/wp-content/plugins/fix/ https://www.midweek.com/wp-content/plugins/fix/bandarqq.html https://www.midweek.com/wp-content/plugins/fix/dominoqq.html https://betterbasketball.com/wp-content/plugins/fix/ https://betterbasketball.com/wp-content/plugins/fix/bandarqq.html https://betterbasketball.com/wp-content/plugins/fix/dominoqq.html https://naefinancialhealth.org/wp-content/plugins/fix/ https://naefinancialhealth.org/wp-content/plugins/fix/bandarqq.html https://onestopservice.rtaf.mi.th/web/rtaf/ https://www.rsudprambanan.com/rembulan/pkv-games/ depo 20 bonus 20 depo 10 bonus 10 poker qq pkv games bandarqq pkv games pkv games pkv games pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq