पेगासस प्रोजेक्ट के तहत द वायर सहित 17 अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने जुलाई में बताया था कि विपक्षी नेताओं, सरकार से असहमति जताने वालों और सरकारी अधिकारियों को संभवतः पेगासस के ज़रिये निशाना बनाया गया.
नई दिल्लीः पोलैंड में 2019 में हुए संसदीय चुनाव के दौरान विपक्षी गठबंधन के प्रचार नेता करजिस्तोफ ब्रेजा के टेक्सट संदेशों से छेड़छाड़ कर उन्हें सरकारी टेलीविजन और मीडिया माध्यमों के जरिये सार्वजनिक तौर पर दिखाया गया.
इस चुनाव में सत्तारूढ़ लॉ एंड जस्टिस पार्टी ने बहुत ही कम अंतर से जीत दर्ज की थी.
एसोसिएटेड प्रेस की शुक्रवार की रिपोर्ट के मुताबिक, इन चुनावों के तीन साल बाद पोलैंड की संसद के निचले सदन के सदस्य ब्रेजा ने दावा किया कि इजरायली कंपनी एनएसओ के स्पायवेयर पेगासस के जरिये उनके फोन को 33 बार हैक किया गया था.
मालूम हो कि एक हफ्ते में यह तीसरा खुलासा है कि पोलैंड के विपक्षी नेताओं और एक मुखर अभियोजक के फोन पेगासस के जरिये हैक किए गए.
पेगासस इजरायली कंपनी एनएसओ का स्पायवेयर है, जिसके लेकर कंपनी का दावा है कि वह इसे सिर्फ सरकारों को ही बेचती है.
एपी को दिए बयान में पोलैंड की सरकारी सुरक्षा सेवाओं के प्रवक्ता स्टैनिस्लाव जायर्न ने कहा कि पोलैंड सरकार अवैध रूप से सर्विलांस नहीं करती और उचित मामलों में ही अदालती आदेश के बाद ऐसा करती है.
उन्होंने राजनीतिक कारणों से पोलैंड सरकार द्वारा जासूसी कराए जाने के सुझावों को खारिज कर दिया.
एपी और टोरंटो यूनिवर्सिटी के सिटिजन लैब के शोधकर्ताओं की संयुक्त पड़ताल में पेगासस के तीनों पीड़ितों की पहचान की गई.
पोलैंड के प्रधानमंत्री माटेउज मोराविएकी ने सरकार विरोधी हस्तियों की पेगासस हैकिंग के पहले दो मामलों को फेक न्यूज बताया था.
यह पहली बार नहीं है कि विपक्षी राजनीतिक नेताओं को पेगासस के जरिये निशाना बनाया गया.
बता दें कि पेगासस प्रोजेक्ट के तहत द वायर सहित 17 अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने बीते जुलाई में बताया था कि विपक्षी नेताओं, सरकार से असहमति जताने वालों और सरकारी अधिकारियों को संभवतः पेगासस के जिरए निशाना बनाया गया.
भारत में 300 से अधिक फोन नंबर पेगासस के संभावित लक्ष्यों के लीक डेटाबेस से पहचान की गई. इनमें प्रमुख विपक्षी नेता राहुल गांधी, सेवारत चुनाव आयुक्त, मानवाधिकार कार्यकर्ता और विपक्षी नेता शामिल हैं.
भारत सरकार ने पेगासस इस्तेमाल को लेकर ना तो इसकी पुष्टि की है और न ही इससे इनकार किया है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल की सुरक्षा लैब द्वारा की गई फॉरेंसिक जांच से पता चला है कि देश के प्रसिद्ध चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का फोन पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान हैक किया गया था.
ब्रेजा के मामले में 26 अप्रैल 2019 से 23 अक्टूबर 2019 तक उनका फोन 33 बार हैक किया गया.
पोलैंड में 2019 में 13 अक्टूबर 2019 को संसदीय चुनाव हुए थे, जिसमें लॉ एंड जस्टिस पार्टी ने 43.6 फीसदी वोटों के साथ जीत दर्ज की.
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने अमेरिकी सरकार ने एनएसओ ग्रुप को दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधियों के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया था.
पोलैंड के इस ताजा खुलासे के जवाब में एनएसओ प्रवक्ता ने एपी को बताया कि कंपनी को नहीं पता और वह न ही यह जान सकती है कि उसके ग्राहकों के संभावित लक्ष्य कौन हैं.
एनएसओ ने कहा कि उन्होंने पेगासस के इस्तेमाल को लेकर शर्तों और नियमों का उल्लंघन करने वाली सरकारों के कई अनुबंधों को समाप्त कर दिया है. हालांकि, इन सरकारों का सार्वजनिक रूप से नाम नहीं लिया गया.
ब्रेजा ने एपी को बताया कि विपक्षी गठबंधन के संसद कैंपेन का चीफ ऑफ स्टाफ होने के उनके कार्यकाल के दौरान उनके फोन के कंटेंट को हैक कर चोरी किया गया.
पोलैंड का सरकारी टेलीविजन नेटवर्क टीवीपी ने ब्रेजा के फोन के टेक्सट संदेशों को रिपोर्ट किया, जिन्हें पहले संशोधित किया गया था. उनके संदेशों के साथ छेड़छाड़ से यह दर्शाया गया कि घृणित सरकार विरोधी प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए जिम्मेदार समूह के पीछे वह हैं.
ब्रेजा ने कहा कि अब उन्हें समझ आया कि टीवीपी को उन्हें यह संदेश कहां से मिले.
उन्होंने कहा, ‘उनका फोन हैक करना और उनके खिलाफ चलाए गए इस अभियान ने पोलैंड के संसदीय चुनाव के दौरान निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को बाधित किया. इस दुष्प्रचार ने हमारे काम को बर्बाद किया और कैंपेन को अस्थिर किया.’
इन ताजा खुलासों पर प्रतिक्रिया देते हुए टीवीपी ने सिटिजन लैब पर अरबपति जॉर्ज सोरोस से फंडिंग लेने का आरोप लगाया.
पेगासस सॉफ्टवेयर के पोलैंड के दो अन्य पीड़ित ईवा व्रजोसेक जो पेशे से अभियोजक हैं और रोमन गीर्टिच हैं, जो वकील हैं.
व्रजोसेक ने नवंबर में बताया था कि उन्हें एप्पल से अलर्ट मिला था कि उनका फोन सरकारी एजेंसियों द्वारा संभावित साइबर हमले के निशाने पर है.
एप्पल द्वारा यह घोषणा करने पर कि उसने पिछले महीने एनएसओ पर मुकदमा दायर किया था. दो साल पहले फेसबुक ने भी अपने लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप को हैक करने के आरोप में एनएसओ पर मुकदमा दायर किया था.
सिटिजन लैब की जांच के मुताबिक, 2019 संसदीय चुनाव के दौरान रोमन गीर्टिच का फोन 18 बार हैक किया गया.
सिटिजन लैब के वरिष्ठ शोधकर्ता जॉन स्कॉट रेल्टन ने कहा कि ब्रेजा और गीर्टिच की सर्विलांस से उच्चस्तर की मॉनिटरिंग का संकेत मिलता है.
उन्होंने बताया कि पेगासस इसके ऑपरेटर को किसी स्मार्टफोन के कंटेंट और उसके संचालन का पूर्ण नियंत्रण देता है. इमसें माइक्रोफोन और कैमरा चालू करना भी शामिल है.
स्कॉट रेल्टन ने एपी को बताया, ‘जब भी किसी मामले के बारे में हमें पता चलता है तो हमारा दिल बैठ जाता है. इससे हमारे सबसे बुरे डर की पुष्टि होती है.’
More evidence of "illiberal" (=anti-democratic) governments spying on critics. After the 20th century we should know better in Europe. https://t.co/YYHBqho95K
— Sophie in 't Veld (@SophieintVeld) December 20, 2021
यूरोपीय संसद की डच उदारवादी सदस्य सोफी ने ट्वीट कर कहा, ‘ईयू सदस्य देश में लोकतांत्रिक विपक्षी नेताओं का फोन हैक किया जा रहा है. पुतिन, शी जिनपिंग या एनएसए द्वारा नहीं बल्कि उनकी खुद की सरकार द्वारा, जो ईयू परिषद में बैठती है.’
उन्होंने बताया कि समिति ने पेगासस मामले पर सुनवाई शुरू कर दी है और इस मामले में पोलैंड से हो रहे खुलासों से यह प्रक्रिया और तेज होगी.
बता दें कि संसदीय विशेष समिति की सुनवाई में जांच कंसोर्टियम के दो सदस्यों की सुनवाई के बाद सितंबर में ईयू संसद ने पेगासस प्रोजेक्ट के निष्कर्षों पर बहस की थी.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)