भारत में कोविड 19 वायरस के ओमीक्रॉन वैरिएंट के एक दिन में सर्वाधिक 495 नए मामले आए हैं. देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,51,09,286 हो गई है और मौत का आंकड़ा 4,82,876 हो चुका है. विश्व में संक्रमण के 29.78 करोड़ से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और 54.65 लाख से अधिक लोगों ने इस महामारी की चपेट में आकर दम तोड़ा है.
नई दिल्ली: भारत में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रॉन’ के एक दिन में सर्वाधिक 495 नए मामले सामने आए, जिससे इस स्वरूप से संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 2,630 हो गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकडों में यह जानकारी दी गई.
ओमीक्रॉन स्वरूप के कुल मामलों में से महाराष्ट्र में सबसे अधिक 797 मामले सामने आए, इसके बाद दिल्ली में 465, राजस्थान में 236, केरल में 234, कर्नाटक में 226, गुजरात में 204 और तमिलनाडु में 121 मामले सामने आए.
इस बीच देश में भारत में कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप से मौत का पहला मामला बीते बुधवार को राजस्थान में सामने आया है.
मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार भारत में एक दिन में कोविड-19 के 90,928 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,51,09,286 हो गई है. करीब 200 दिन बाद सामने आए ये सर्वाधिक मामले हैं.
इससे पहले, पिछले वर्ष 10 जून को संक्रमण के 91,702 मामले सामने आए थे.
मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान देश में 325 और संक्रमितों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,82,876 हो गई है.
अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, इस बीच पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 29,78,64,053 हो गए हैं और अब तक 54,65,472 लोगों की जान जा चुकी है.
देश में ओमीक्रॉन की मौत का पहला मामला
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान के उदयपुर में 73 वर्षीय व्यक्ति जिसकी पिछले सप्ताह मृत्यु हो गई, उसके नमूने में ओमीक्रॉन स्वरूप की उपस्थिति दिखी.
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राजस्थान में मौत का मामला ‘तकनीकी रूप से’ ओमीक्रॉन से संबंधित है.
उन्होंने कहा, ‘ओमीक्रॉन से संक्रमित होने की रिपोर्ट आने से पहले ही व्यक्ति की मौत हो गई थी. मरीज बुजुर्ग व्यक्ति थे और उन्हें मधुमेह के साथ अन्य बीमारियां भी थीं एवं प्रोटोकॉल के तहत उनका इलाज अन्य रोगों के साथ-साथ संक्रमण के लिए किया जा रहा था.’
अग्रवाल ने कहा, ‘हमारे दिशानिर्देश कहते हैं कि अगर कोरोना वायरस संक्रमित मरीज की मौत होती है तो उसे कोविड-19 से हुई मौत माना जाता है. इसी प्रकार अगर व्यक्ति ओमीक्रॉन से ग्रस्त पाया जाता है और भले ही इसका देर से पता चले, हम उसे ओमीक्रॉन संक्रमण का मामला मानते हैं.’
राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने बताया कि बुजुर्ग व्यक्ति के नमूने के जीनोम अनुक्रमण में ओमीक्रॉन की पुष्टि हुई है उनकी दो बार कोविड जांच की गई थी जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी और 31 दिसंबर को उदयपुर के अस्पताल में मरीज की मौत हो गई थी.
उपचाराधीन मरीजों यानी सक्रिय मामलों की संख्या 2,85,401 हुई
इधर, भारत में उपचाराधीन मरीजों यानी सक्रिय मामलों की संख्या 2,85,401 हो गई है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 0.81 प्रतिशत है. उपचाराधीन मरीजों की संख्या में एक दिन में 71,397 की वृद्धि हुई है.
मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 से ठीक होने की राष्ट्रीय दर घटकर 97.81 प्रतिशत हो गई है. दैनिक संक्रमण दर 6.43 प्रतिशत वहीं साप्ताहिक संक्रमण दर 3.47 प्रतिशत है.
संक्रमणमुक्त हुए लोगों की संख्या बढ़कर 3,43,41,009 हो गई है. देश में अभी तक संक्रमण रोधी टीके की 148.67 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं.
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे में संक्रमण से मौत के जो 325 नए मामले सामने आए हैं, उनमें से 258 मामले केरल से और 17 मामले पश्चिम बंगाल से हैं.
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण से अभी तक कुल 4,82,876 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र के 1,41,581 लोग ,केरल के 48,895 लोग, कर्नाटक के 38,357 लोग, तमिलनाडु के 36,814 लोग, दिल्ली के 25,121 लोग, उत्तर प्रदेश के 22,916 लोग और पश्चिम बंगाल के 19,827 लोग थे.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं.
आंकड़ों के मुताबिक, देश में 110 दिन में कोविड-19 के मामले एक लाख हुए थे और 59 दिनों में वह 10 लाख के पार चले गए थे.
भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 10 लाख से 20 लाख (7 अगस्त 2020 को) तक पहुंचने में 21 दिनों का समय लगा था, जबकि 20 से 30 लाख (23 अगस्त 2020) की संख्या होने में 16 और दिन लगे. हालांकि 30 लाख से 40 लाख (5 सितंबर 2020) तक पहुंचने में मात्र 13 दिनों का समय लगा है.
वहीं, 40 लाख के बाद 50 लाख (16 सितंबर 2020) की संख्या को पार करने में केवल 11 दिन लगे. मामलों की संख्या 50 लाख से 60 लाख (28 सितंबर 2020 को) होने में 12 दिन लगे थे. इसे 60 से 70 लाख (11 अक्टूबर 2020) होने में 13 दिन लगे. 70 से 80 लाख (29 अक्टूबर को 2020) होने में 19 दिन लगे और 80 से 90 लाख (20 नवंबर 2020 को) होने में 13 दिन लगे. 90 लाख से एक करोड़ (19 दिसंबर 2020 को) होने में 29 दिन लगे थे.
इसके 107 दिन बाद यानी पांच अप्रैल 2021 को मामले सवा करोड़ से अधिक हो गए, लेकिन संक्रमण के मामले डेढ़ करोड़ से अधिक होने में महज 15 दिन (19 अप्रैल 2021) का वक्त लगा और फिर सिर्फ 15 दिनों बाद चार मई 2021 को गंभीर स्थिति में पहुंचते हुए आंकड़ा 1.5 करोड़ से दो करोड़ के पार चला गया. चार मई 2021 के बाद करीब 50 दिनों में 23 जून 2021 को संक्रमण के मामले तीन करोड़ से पार चले गए थे.
वायरस के मामले और मौतें
जनवरी महीने में कोविड 19 संक्रमण की बात करें तो एक दिन या 24 घंटे में पांच जनवरी को 58,097, चार जनवरी को 37,379, तीन जनवरी को 33,750, दो जनवरी को 27,553 और एक जनवरी को 22,775 नए मामले दर्ज किए गए थे.
इस महीने में पिछले 24 घंटे में जान गंवाने वाले लोगों की बात करें तो पांच जनवरी को 534, चार जनवरी को 124, तीन जनवरी को 123, दो जनवरी को 284 और एक जनवरी को 406 लोगों की मौत हुई थी.
बीते साल का मई रहा है सबसे घातक महीना
भारत में अकेले मई 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस के 92,87,158 से अधिक मामले सामने आए थे, जो एक महीने में दर्ज किए गए संक्रमण के सर्वाधिक मामले हैं.
इसके अलावा मई 2021 इस बीमारी के चलते 1,20,833 लोगों की जान भी गई थी. इतने मामले और इतनी संख्या में मौतें किसी अन्य महीने में नहीं दर्ज की गई हैं.
इस तरह यह महीना इस महामारी के दौरान सबसे खराब और घातक महीना रहा था.
सात मई 2021 को 24 घंटे में अब तक कोविड-19 के सर्वाधिक 4,14,188 मामले सामने आए थे और 19 मई 2021 को सबसे अधिक 4,529 मरीजों ने अपनी जान गंवाई थी.
रोजाना नए मामले 17 मई से 24 मई 2021 तक तीन लाख से नीचे रहे और फिर 25 मई से 31 मई 2021 तक दो लाख से नीचे रहे थे. देश में 10 मई 2021 को सर्वाधिक 3,745,237 मरीज उपचाररत थे.
कोविड-19: साल 2021 में किस महीने-कितने केस दर्ज हुए जानने के लिए यहां क्लिक करें.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)