परशुराम को कथित तौर पर ‘हत्यारा’ बताने और गोडसे से तुलना पर बीएचयू प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ केस

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर ओम शंकर ने फेसबुक पोस्ट में यूपी चुनाव से पहले ब्राह्मण समुदाय को लुभाने के लिए लखनऊ में भगवान परशुराम के मंदिर में पूजा करने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव की आलोचना करते हुए इससे पार्टी को सभी ब्राह्मण वोट हासिल करने में मदद मिलेगी.

बीते दो जनवरी को लखनऊ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भगवान परशुराम की पूजा की थी. (फोटो साभार: ट्विटर)

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर ओम शंकर ने फेसबुक पोस्ट में यूपी चुनाव से पहले ब्राह्मण समुदाय को लुभाने के लिए लखनऊ में भगवान परशुराम के मंदिर में पूजा करने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव की आलोचना करते हुए इससे पार्टी को सभी ब्राह्मण वोट हासिल करने में मदद मिलेगी.

बीते दो जनवरी को लखनऊ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भगवान परशुराम की पूजा की थी. (फोटो साभार: ट्विटर)

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में आयुर्विज्ञान संस्थान (आईएमएस) के एक प्रोफेसर के खिलाफ भगवान परशुराम को कथित तौर पर ‘हत्यारा’ कहने और उनकी तुलना महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे से करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है.

आईएमएस-बीएचयू (IMS-BHU) के कार्डियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर ओम शंकर ने अपने कई फेसबुक पोस्ट में राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मण समुदाय को लुभाने के लिए लखनऊ में भगवान परशुराम के मंदिर में पूजा करने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव की आलोचना की थी.

समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोफेसर ओम शंकर कथित तौर पर भगवान परशुराम को ‘पौराणिक हत्यारा’ करार देते हुए उनकी तुलना ‘आधुनिक हत्यारा’ गोडसे से की थी. उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में दोनों के एक जैसा बताया था.

ओम शंकर ने कथित तौर पर लिखा था, ‘जो लोग परशुराम की वकालत करते हैं, वे गोडसे की भी वकालत करते हैं.’ उन्होंने व्यंग्य करते हुए सपा से गोडसे की एक प्रतिमा का भी अनावरण करने के लिए कहा, ताकि एक ‘नए समाजवाद’ का जन्म हो सके.

ओम शंकर ने कथित तौर पर पोस्ट में लिखा था कि इससे सपा को सभी ब्राह्मण वोट हासिल करने में मदद मिलेगी.

वाराणसी के एक वकील सौरभ तिवारी की शिकायत पर उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295ए (जान-बूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा) और 153ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है और वह हिंदू धर्मावलंबियों के लिए पूजनीय हैं.