‘सुल्ली डील्स’ ऐप बनाने वाला मध्य प्रदेश से गिरफ़्तार: दिल्ली पुलिस, परिवार ने कहा- फंसाया गया

पिछले साल जुलाई में कुछ लोगों ने ‘बुली बाई’ की तरह ‘सुल्ली डील्स’ नामक ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ‘नीलामी’ के लिए अपलोड कर दी थीं. ‘सुल्ली डील्स’ मामले में इंदौर से गिरफ़्तार 26 वर्षीय ओमकारेश्वर ठाकुर के पिता ने कहा​ कि सिर्फ़ एक व्यक्ति के बयान के आधार पर बेटे को गिरफ़्तार कर दिल्ली ले जाया गया है. उसे बदनाम किया जा रहा है.

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सुल्ली डील्स मामले का आरोपी ओमकारेश्वर ठाकुर. (फोटो साभार: एएनआई)

पिछले साल जुलाई में कुछ लोगों ने ‘बुली बाई’ की तरह ‘सुल्ली डील्स’ नामक ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ‘नीलामी’ के लिए अपलोड कर दी थीं. ‘सुल्ली डील्स’ मामले में इंदौर से गिरफ़्तार 26 वर्षीय ओमकारेश्वर ठाकुर के पिता ने कहा​ कि सिर्फ़ एक व्यक्ति के बयान के आधार पर बेटे को गिरफ़्तार कर दिल्ली ले जाया गया है. उसे बदनाम किया जा रहा है.

सुल्ली डील्स मामले का आरोपी ओमकारेश्वर ठाकुर. (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली/इंदौर: मुस्लिम महिलाओं की छेड़छाड़ की गईं तस्वीरों को नीलामी के लिए ऑनलाइन अपलोड करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने मध्य प्रदेश के इंदौर से कथित तौर पर ‘सुल्ली डील्स’ ऐप बनाने वाले को गिरफ्तार किया है.

पिछले साल जुलाई में कुछ लोगों ने ‘बुली बाई’ (Bulli Bai) की तरह सुल्ली डील्स (Sulli Deals) नामक ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ‘नीलामी’ के लिए अपलोड कर दी थीं.

दिल्ली पुलिस ने बताया कि यह ‘सुल्ली डील्स’ ऐप मामले में पहली गिरफ्तारी है. सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को बिना उनकी मंजूरी के मोबाइल ऐप्लीकेशन (ऐप) पर ‘नीलामी’ के लिए डाला गया था.

उन्होंने बताया कि आरोपी ओमकारेश्वर ठाकुर (26 वर्ष) ने इंदौर स्थित आईपीएस अकादमी से बैचलर ऑफ कंप्यूटर ऐप्लिकेशन (बीसीए) किया है और वह न्यूयॉर्क सिटी टाउनशिप का निवासी है.

हालांकि इस बीच परिवार ने आरोप लगाया है कि ओमकारेश्वर को गलत तरीके से फंसाया गया है.

आरोपी को दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) इकाई ने गिरफ्तार किया है. इससे पहले मुस्लिम महिलाओं की नीलामी से जुड़े ‘बुली बाई’ ऐप मामले में बीते छह जनवरी को दिल्ली पुलिस की इसी शाखा ने असम के जोरहाट से 21 साल के इंजीनियरिंग के एक छात्र नीरज​ बिश्नोई को गिरफ्तार किया था, जिसे पुलिस ने मामले का मुख्य साजिशकर्ता बताया था.

बुली बाई ऐप पर बीते दिसंबर (2021) महीने में पर आपत्तिजनक टिप्पणियों के साथ 100 से अधिक मुस्लिम महिलाओं की छेड़छाड़ की गईं तस्वीरें बिना उनकी अनुमति के नीलामी के लिए अपलोड कर दी गई थीं.

सुल्ली डील्स मामले को लेकर आईएफएसओ के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने कुबूल किया है कि वह ट्विटर पर उस समूह का सदस्य है, जिसमें मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने और ट्रोल के लिए विचारों को साझा किया जाता है.

अधिकारी ने बताया, ‘उसने गिटहब (Github) पर कोड विकसित किया. गिटहब तक पहुंच समूह के सभी सदस्यों की थी. मुस्लिम महिलाओं की फोटो को समूह के सदस्यों ने अपलोड किया था.’

दरअसल दोनों ऐप को अमेरिका के ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म गिटहब ने होस्ट किया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मल्होत्रा ने कहा, ‘पूछताछ के दौरान ओमकारेश्वर ठाकुर ने स्वीकार किया कि वह जनवरी 2020 में ट्विटर पर उस समूह (Tradmahasabha) में शामिल हुआ था, जो मुस्लिम महिलाओं को बदनाम और उन्हें ट्रोल करता था. इसके बाद उसने गिटहब पर सुल्ली डील्स के लिए एक कोड तैयार किया था.

उन्होंने बताया, ‘इस ऐप का एक्सेस समूह के सभी सदस्यों के पास था. इसके बाद उसने ट्विटर अकाउंट पर इस ऐप का ब्योरा साझा किया था. समूह के अन्य सदस्यों द्वारा मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड की गई थी.’

बता दें कि इस ऐप के जरिये जुलाई 2021 में लगभग 50-80 मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया गया था. कई महिलाओं द्वारा दिल्ली और नोएडा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद जल्द ही इसे गिटहब ने हटा लिया था.

इन महिलाओं ने आरोप लगाया था कि इस ऐप के निर्माता उनकी तस्वीरों का दुरुपयोग कर उन्हें ऑनलाइन नीलामी के लिए इस्तेमाल कर रहे थे.

दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तारी की जानकारी हमसे साझा नहीं की: इंदौर पुलिस

इस बीच, इंदौर के पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि सुल्ली डील्स मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा इंदौर से ठाकुर की गिरफ्तारी के बारे में उन्हें मीडिया से ही पता चला और गिरफ्तारी के वक्त दिल्ली पुलिस ने स्थानीय पुलिस से कोई आधिकारिक सूचना साझा नहीं की.

मिश्रा ने कहा कि सुल्ली डील्स मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा आधिकारिक सूचना साझा किए जाने के बाद इंदौर पुलिस अपने स्तर पर भी इस प्रकरण की पड़ताल पर विचार करेगी.

मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है: सुल्ली डील्स मामले के आरोपी के पिता ने कहा

इस बीच ‘सुल्ली डील्स’ मोबाइल ऐप बनाने के आरोप में दिल्ली पुलिस द्वारा इंदौर से गिरफ्तार किए गए 26 वर्षीय आईटी विशेषज्ञ ओमकारेश्वर ठाकुर के पिता ने रविवार को दावा किया कि उनके बेटे को इस मामले में फंसाया जा रहा है.

ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद उसके पिता अखिलेश ठाकुर ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे पता चला है कि केवल एक व्यक्ति के बयान के आधार पर मेरे आईटी विशेषज्ञ बेटे को गिरफ्तार कर दिल्ली ले जाया गया है. मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है और उसे बदनाम किया जा रहा है.’

उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस के दल ने उनके घर से उनके बेटे का मोबाइल और लैपटॉप भी जब्त कर लिया है.

एक निजी कंपनी में कार्यरत अखिलेश ठाकुर ने बताया कि ओंकारेश्वर ने 2018 में बीसीए की उपाधि लेने के बाद घर से ही वेब डिजाइनिंग का काम निजी स्तर पर शुरू किया था.

अखिलेश ठाकुर ने कहा, ‘मैं तो पुराने जमाने का व्यक्ति हूं. मुझे तो ठीक से मोबाइल चलाना भी नहीं आता है. मुझे सुल्ली डील्स ऐप के बारे में कुछ भी मालूम नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने मेरे बेटे की गिरफ्तारी की सूचना देते हुए रविवार सुबह फोन पर मेरी उससे बात भी कराई. इस दौरान बेटे ने मुझसे कहा कि मेरा परिवार तनाव न ले.’

अखिलेश ठाकुर ने बताया कि वह अपने बेटे की कानूनी मदद के लिए रविवार को ही दिल्ली जा रहे हैं.

उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली पुलिस के दो कर्मचारी सादी वर्दी में शनिवार दोपहर उनके घर आए और उनके बेटे की पहचान के बाद उसे शनिवार शाम की विमान से अपने साथ दिल्ली ले गए.

अखिलेश ठाकुर ने कहा, ‘जब दिल्ली पुलिस ने मेरे बेटे को हिरासत में लिया, तब मैं नजदीकी उज्जैन जिले के नागदा गया था.’

इस मामले में बड़े खिलाड़ी शामिल होने का संकेत देते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘ये युवा सिर्फ पैदल सैनिक (छोटे खिलाड़ी) हैं. बड़ी म​छलियां इनके दिमाग में जहर घोल रही हैं और उन्हें इसके लिए कुछ पैसे दे रही हैं. बड़ी मछली पकड़ो.’

ओमकारेश्वर के भाई मंडलेश्वर ठाकुर ने कहा, ‘जब वे मेरे भाई को गिरफ्तार करने आए तो मेरे पिता बाहर गए हुए थे. उसने (भाई) पुलिस को यह भी बताया कि वह इसमें शामिल नहीं और उस पर झूठा आरोप लगाया गया है. हम एक अच्छे परिवार से ताल्लुक रखते हैं. मेरे पिता एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं और हम दोनों भी काम करते हैं.’

बुली बाई ऐप मामला: पुलिस ने कहा, आरोपी बिश्नोई ने वेबसाइट हैक करने की बात कही

इधर ‘बुली बाई’ ऐप मामले पर पुलिस का कहना है कि गिटहब का इस्तेमाल कर कथित तौर पर एक वेबसाइट तैयार कर वहां मुस्लिम महिलाओं की नीलामी करने वाले 21 साल के इंजीनियरिंग छात्र नीरज बिश्नोई ने पूर्व में अपने स्कूल की वेबसाइटों को हैक किया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का कहा है कि वह अपनी पहचान छिपाने के लिए और विभिन्न समुदायों के बीच दरार पैदा करने के लिए अक्सर गुरुमुखी लिपि का इस्तेमाल करता था.

बता दें कि बिश्नोई को बीते छह जनवरी को असम के जोरहाट से उसके घर से गिरफ्तार किया गया था. बिश्नोई मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक द्वितीय वर्ष का छात्र है.

पुलिस ने बताया कि आरोपी का कहना है कि वह 15 साल की उम्र से कोडिंग सीख रहा है और आर्मी पब्लिक स्कूल और दिल्ली पब्लिक स्कूल की वेबसाइटों को हैक कर चुका है.

पुलिस आरोपी के इन दावों की जांच कर रही है.

डीसीपी (साइबर सेल) केपीएस मल्होत्रा का कहना है, ‘हमने उसके लैपटॉप और अन्य गैजेट की जांच की है और पता चला है कि वह सोशल मीडिया पर और कोडिंग के दौरान गुरुमुखी स्क्रिप्ट (पंजाबी स्क्रिप्ट) का इस्तेमाल करता था. उसका दावा है कि वह इस ऐसा इसलिए करता था क्योंकि उसे देवनागरी की तुलना में गुरुमुखी लिपि अधिक प्रभावी लगती थी.’

पुलिस ने कहा कि वह इन दावों की जांच कर रही है. पुलिस का कहना है कि वह छह महीने पहले गिटहब पर बनाई गई अन्य वेबसाइट के साथ आरोपी के किसी तरह के जुड़ाव का पता लगाने की भी जांच कर रही है.

डीसीपी ने कहा, ‘उसने हमें बताया कि वह सुल्ली डील्स के ट्विटर हैंडल (@sullideals) के निर्माता के संपर्क में था. हमने उसके दावे की पुष्टि की और पता चला कि वह मई (2021) में उससे बात कर रहा था. उसने ‘नीलामी’ के लिए एक महिला (कांग्रेस नेता) की फोटो भी पोस्ट की थी और इस पोस्ट में सुल्ली डील्स को टैग किया था.’

पुलिस ने बताया कि सुल्ली डील्स ऐप बनाने वालों के संपर्क में रहने के बिश्नोई के दावे को सत्यापित किया जा रहा है. उपकरण का तकनीकी विश्लेषण और फोरेंसिक जांच जारी है.

दिल्ली पुलिस अधिकारियों का मानना है कि बिश्नोई मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए कुछ अन्य आरोपियों के भी ऑनलाइन संपर्क में था. उसने ट्विटर ग्रुप चैट पर उनसे बातचीत की थी और उसके पास उनसे संपर्क करने की कोई जानकारी नहीं थी.

पुलिस का कहना है कि वह जिन आरोपियों के संपर्क में था, उनमें से एक श्वेता सिंह (18 वर्ष) है, जिसे उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया था.

पुलिस ने बताया कि उसने यह भी बताया है कि वह मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई श्वेता सिंह के ट्विटर अकाउंट का इस्तेमाल कर रहा था.

पुलिस ने दावा किया कि बिश्नोई जांच में विलंब करने की कोशिश कर रहा है. उसने खुद को दो बार नुकसान पहुंचाने की कोशिश की और आत्महत्या करने की धमकी भी दी.

डीसीपी मल्होत्रा ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने बिश्नोई को सात दिन की हिरासत में रखा है और वह उससे रोजाना कई घंटों तक पूछताछ की जा रही है. अधिकारियों का दावा है कि वह जांच में सहयोग कर रहा है और उसने एक समय पर खुद को नुकसान पहुंचाने की भी धमकी दी थी. उसकी मेडिकल जांच की गई और उसकी हालत स्थिर है और उसने खुद को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है.’

बिश्नोई की गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने तीन अन्य लोगों को भी इस मामले में गिरफ्तार किया था. मुंबई पुलिस ने मामले में अब तक उत्तराखंड से 19 वर्षीय युवती श्वेता सिंह, 21 वर्षीय इंजीनियरिंग के छात्र विशाल कुमार झा को बेंगलुरु से और उत्तराखंड से ही 21 वर्षीय अन्य युवक मयंक रावल को गिरफ्तार किया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)