कजाकिस्तान: ईंधन महंगा होने के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों में हुई हिंसा में 164 की मौत, 8 हज़ार लोग हिरासत में

कजाकिस्तान में दो जनवरी को एक प्रकार के वाहन ईंधन की क़ीमतों के लगभग दोगुने होने पर प्रदर्शन शुरू हुए थे, जो तेज़ी से पूरे देश में फैल गए. इन प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में 2,200 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं. देश की ख़ुफ़िया और आतंकवाद-निरोधक एजेंसी ने सोमवार को कहा कि अब स्थिति ‘स्थिर और नियंत्रण में है.’

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roops are seen at the main square where hundreds of people were protesting against the government, after authorities' decision to lift price caps on liquefied petroleum gas, in Almaty, Kazakhstan January 6, 2022. Photo: Reuters.

कजाकिस्तान में दो जनवरी को एक प्रकार के वाहन ईंधन की क़ीमतों के लगभग दोगुने होने पर प्रदर्शन शुरू हुए थे, जो तेज़ी से पूरे देश में फैल गए. इन प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में 2,200 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं. देश की ख़ुफ़िया और आतंकवाद-निरोधक एजेंसी ने सोमवार को कहा कि अब स्थिति ‘स्थिर और नियंत्रण में है.’

कजाकिस्तान में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए तैनात बल. (फोटो: रॉयटर्स)

मास्को: कजाकिस्तान के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि पिछले सप्ताह हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस ने करीब 8,000 लोगों को हिरासत में लिया.

अधिकारियों ने यह भी कहा कि 30 साल पहले स्वतंत्रता हासिल करने के बाद से पूर्व-सोवियत राष्ट्र ने ‘सबसे खराब अशांति’ की स्थिति का सामना किया है.

कजाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने बताया कि देश भर में कुल 7,939 लोगों को हिरासत में लिया गया है. राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, कजाकिस्तान की खुफिया और आतंकवाद-निरोधक एजेंसी, ने सोमवार को कहा कि देश में स्थिति ‘स्थिर हो गई है और नियंत्रण में है.’

अधिकारियों ने अभूतपूर्व हिंसक अशांति के दर्जनों पीड़ितों के लिए सोमवार को शोक दिवस घोषित किया है. देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा था कि अशांति में तीन बच्चों समेत 164 लोगों की मौत हो गई.

गत दो जनवरी को एक प्रकार के वाहन ईंधन की कीमतों के लगभग दोगुने हो जाने पर प्रदर्शन शुरू हुए थे और देखते ही देखते तेजी से पूरे देश में फैल गए, जो जाहिर तौर पर सत्तारूढ सरकार के प्रति व्यापक असंतोष को दर्शाता है.

सरकार ने उसके बाद वाहन ईंधन पर 180-दिवसीय मूल्य सीमा निर्धारित की और उपयोगिता दर में वृद्धि पर रोक लगाने की घोषणा की.

जैसे ही अशांति बढ़ी, मंत्रिपरिषद ने इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट तोकायेव ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख के पद से कजाकिस्तान के पूर्व नेता नूरसुल्तान नज़रबायेव को हटा दिया.

रियायतों के बावजूद विरोध प्रदर्शन बेहद हिंसक हो गया और कई दिनों तक चलता रहा. सरकारी भवनों में आग लगा दी गई और दर्जनों लोग मारे गए.

कजाकिस्तान के सबसे बड़े शहर अल्माटी में, प्रदर्शनकारियों ने हवाई अड्डे पर धावा बोल दिया और कुछ देर के लिए हवाई अड्डे पर कब्जा कर लिया. कई दिनों से शहर की सड़कों पर छिटपुट गोलीबारी की खबरें आ रही थीं.

अधिकारियों ने अशांति के कारण आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी और तोकायेव ने सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन से मदद का अनुरोध किया.

समूह ने लगभग 2,500 ज्यादातर रूसी सैनिकों को कजाकिस्तान में शांति सैनिकों के रूप में भेजने के लिए अधिकृत किया है. यह संगठन रूस के नेतृत्व में छह पूर्व-सोवियत गणराज्यों का सैन्य गठबंधन है.

तोकायेव ने हालांकि कहा था कि विरोध प्रदर्शन के लिए लोगों को उकसाने में विदेशी आतंकवादियों का हाथ है, लेकिन प्रदर्शनों में किसी नेता या संगठन की संलिप्तता नजर नहीं आई है.

सोमवार सुबह एक बयान में, कजाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूरे देश में शांतिपूर्ण विरोध को ‘‘आतंकवादी, चरमपंथी और आपराधिक समूहों द्वारा अपने नियंत्रण में ले लिया गया था.’’

इससे पहले कजाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा था कि देश में चल रहे प्रदर्शनों में 164 लोग मारे गए हैं.

सरकारी समाचार चैनल ‘खबर-24’ ने मृतकों की जो संख्या बताई है, वह पहले बताई संख्या से काफी अधिक है. यह स्पष्ट नहीं है कि मृतकों में केवल आम नागरिक हैं या सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं.

अधिकारियों ने दिन में कहा था कि 16 पुलिसकर्मी अथवा राष्ट्रीय गार्ड के जवान भी मारे गए हैं. अधिकारियों ने इससे पहले 26 आम नागरिकों के मारे जाने की जानकारी दी थी.

मंत्रालय के अनुसार, अधिकांश मौतें देश के सबसे बड़े शहर अल्माटी में हुईं, जहां 103 लोग मारे गए. वहां प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया और कुछ में आग लगा दी.

बाल अधिकारों के क्षेत्र में काम करने वाली एक महिला ने बताया कि तीन बच्चे भी मारे गए हैं और सभी नाबालिग थे. इनमें चार साल की एक बच्ची भी शामिल है.

मंत्रालय ने पहले बताया था कि प्रदर्शन में 2,200 से अधिक लोग घायल हुए हैं और उन्हें उपचार की आवश्यकता है, वहीं गृह मंत्रालय ने कहा कि लगभग 1,300 सुरक्षा अधिकारी घायल हो गए हैं.

विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद रूस के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन को कजाकिस्तान में सैनिक भेजने पड़े थे.

राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट तोकायेव के कार्यालय ने कहा कि देश में स्थिति नियंत्रण में है और अधिकारियों ने प्रशासनिक भवनों पर फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया है. इन भवनों को प्रदर्शनकारियों ने कब्जे में ले लिया था और इनमें से कुछ में आग लगा दी गई थी.

रूसी टीवी स्टेशन मीर-24 ने कहा कि रविवार को देश के सबसे बड़े शहर अल्माटी में गोलियों की आवाज सुनी गई, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि क्या ये क़ानून लागू करने वाली एजेंसियों की ओर से चेतावनी के तौर पर चलाई गई गोलियां थीं?

उससे पहले तोकायेव ने शुक्रवार को कहा था कि उन्होंने कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए पुलिस और सेना को गोली मारने के लिए अधिकृत किया है.

पिछले हफ्ते प्रदर्शनकारियों द्वारा कब्जे में ले लिया गया अल्माटी हवाईअड्डा बंद रहा, लेकिन इस सप्ताह से इसके फिर से शुरू होने की उम्मीद है.

कजाकिस्तान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा के लिए केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की

वहीं, कजाकिस्तान के बदतर हालातों को लेकर भारत में भी चिंता देखी जा रही है. केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कजाकिस्तान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का केंद्र सरकार से अनुरोध किया है.

सतीशन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को लिखे एक पत्र में कहा कि कजाकिस्तान में केरल के कई लोग फंसे हुए हैं, जिनमें छात्र भी शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि मध्य एशियाई देश में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से ही वहां इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और वहां रह रहे केरलवासी यहां अपने परिवारों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं.

सतीशन ने एक विज्ञप्ति में पत्र का विवरण साझा करते हुए कहा, ‘हम विदेश मंत्रालय से कजाकिस्तान में भारतीयों की मदद के लिए एक हेल्पडेस्क बनाने का आग्रह करते हैं.’

वहीं, सोमवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘भारत, कजाकिस्तान में हालातों पर करीब से नज़र बनाए हुए है. हम हिंसा में अपनी जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं.  कजाकिस्तान के साथ भारत की साझेदारी और रिश्ते मधुर रहे हैं, इसलिए हम हालातों के जल्द सामान्य होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.’

बागची ने कहा, ‘कजाकिस्तान के अधिकारियों के साथ समन्वय के चलते भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिली है. सभी भारतीयों को स्थानीय सुरक्षा निर्देशों का पालन करने और किसी भी सहायता के लिए भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की सलाह दी है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)