उत्तर प्रदेश: बरेली में भाजपा विधायक के ख़िलाफ़ आचार संहिता उल्लंघन का केस दर्ज

उत्तर प्रदेश में आदर्श आचार संहिता और कोरोना प्रोटोकॉल उल्लंघन के मामले में बरेली जिले के भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक बहोरन लाल मौर्य ख़िलाफ़ मामला दर्ज हुआ है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष को कोविड नियमों के उल्लंघन के आरोप में आसनसोल नगर निगम चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के दौरान रैली करने से रोक दिया गया.

बरेली जिले के भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र के बहोरन लाल मौर्य. (फोटो साभार: ट्विटर)

उत्तर प्रदेश में आदर्श आचार संहिता और कोरोना प्रोटोकॉल उल्लंघन के मामले में बरेली जिले के भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक बहोरन लाल मौर्य ख़िलाफ़ मामला दर्ज हुआ है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष को कोविड नियमों के उल्लंघन के आरोप में आसनसोल नगर निगम चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के दौरान रैली करने से रोक दिया गया.

बरेली जिले के भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र के बहोरन लाल मौर्य. (फोटो साभार: ट्विटर)

बरेली: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा के तीसरे दिन ही आदर्श आचार संहिता और कोरोना प्रोटोकॉल उल्लंघन के मामले में बरेली जिले के भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक के खिलाफ बीते 10 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की गई है. बरेली के जिलाधिकारी ने यह जानकारी दी.

बीते नौ जनवरी को समाजवादी पार्टी (सपा) नेता एवं पूर्व मंत्री शाहजील इस्लाम ने जिला प्रशासन से उक्त मामले में शिकायत की थी.

इस्लाम ने एक वायरल वीडियो के माध्यम से आरोप लगाया था कि भाजपा विधायक बहोरन लाल मौर्य ने भोजीपुरा में नौ जनवरी को स्वामी दिव्यानंद आश्रम सभागार में खुद कंबल वितरण किया और साथ ही वहां कोरोना दिशा निर्देश का उल्लंघन भी हुआ है.

जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि वायरल वीडियो और शिकायतकर्ता की शिकायत की प्राथमिक जांच के बाद खंड विकास अधिकारी एवं सहायक निर्वाचन अधिकारी अतुल यादव ने भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक बहोरन लाल मौर्य के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियमों की सुसंगत धाराओं के तहत सोमवार को प्राथमिकी दर्ज कराई है.

चुनाव आयोग ने देश में बढ़ते कोविड-19 मामलों के मद्देनजर अगले महीने चुनाव होने वाले पांच राज्यों में रैलियों, सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पूर्व बसपा विधायक आरएस कुशवाहा, जो कुछ महीने पहले समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे, पर बीते नौ जनवरी को लखीमपुर खीरी जिले के निघासन में बिना अनुमति के एक स्कूल में सार्वजनिक सभा आयोजित करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया.

अंचल अधिकारी (लखीमपुर खीरी) सुबोध कुमार जायसवाल ने कहा कि कुशवाहा ने उन्हें बताया कि आठ जनवरी को आदर्श आचार संहिता लागू होने से काफी पहले बैठक का फैसला किया गया था.

उन्होंने कहा, ‘चूंकि बैठक पूर्व निर्धारित थी, इसलिए लोग कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते रहे.’

बीते 10 जनवरी को कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल होने वाले इमरान मसूद पर सहारनपुर में कथित तौर पर अधिकारियों से अनुमति लिए बिना अपने आवास पर अपने समर्थकों की बैठक करने के लिए मामला दर्ज किया गया.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के लिए 10 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.

भाजपा नेता दिलीप घोष को कोविड नियमों के उल्लंघन के आरोप में प्रचार करने से रोका गया

इधर पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष को मंगलवार को आसनसोल नगर निगम चुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के दौरान रैली करने से रोक दिया गया, जिसके बाद पुलिस और घोष के बीच तीखी बहस हुई.

पुलिस का दावा है कि घोष ने कोविड नियमों का उल्लंघन कर बड़ी संख्या में लोगों के साथ चुनाव प्रचार किया. वहीं, प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने इस आरोप का खंडन किया और कहा कि उनके साथ पार्टी के केवल पांच कार्यकर्ता थे.

घोष ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल के पुलिसकर्मी तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहे हैं. लोग मुझसे मिलना चाहते हैं. सुबह जब मेरे चाय पीने के दौरान अगर वे मुझसे बात करना चाहते हैं तो क्या उन्हें प्रचारकों की सूची में शामिल किया जा सकता है? लेकिन वे इस तरह हमें डिगा नहीं सकते. हम राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश के तहत चुनाव प्रचार करेंगे.’

इस दौरान घोष को पुलिसकर्मियों के साथ बहस करते देखा गया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)