पश्चिम मुंबई के एल्फिंस्टन रोड स्टेशन पर शुक्रवार को सुबह मची भगदड़ में 22 लोगों की मौत हो गई थी और 39 लोग घायल हो गए थे.
पश्चिम मुंबई के एल्फिंस्टन रोड स्टेशन के फुटओवर ब्रिज पर शुक्रवार को सुबह मची भगदड़ में मारे गए लोगों के शवों के माथे पर संख्या लिखकर उनकी फोटो दीवार पर चिपकाने से केईएम अस्पताल प्रशासन सवालों के घेरों में आ गया है.
केईएम अस्पताल के बाहर भारी अफरातफरी का माहौल है. परिजन एल्फिंस्टन रोड स्टेशन हादसे में मारे गए अपने परिजनों के शवों की तलाश के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं और ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने एक बोर्ड पर एक फोटो चस्पा कर दी है. इस फोटो पर भारी बवाल खड़ा हो गया है.
फोटों में मारे गए लोगों के शव दिख रहे हैं और इन शवों के माथे पर उनकी शिनाख्त के लिए नंबर लिख गए हैं. शवों को इस तरह से सार्वजनिक करने और उन पर नंबर लिखने को लेकर अस्पताल प्रशासन की जमकर आलोचना हो रही है. अस्पताल प्रशासन को न केवल शवों बल्कि अपने परिजनों को खोने वाले लोगों के प्रति भी भारी संवेदनहीन माना जा रहा है.
केईएम अस्पताल प्रशासन ने दावा किया कि यह उपाय अराजकता से बचने के लिए किया गया था. अस्पताल प्रशासन ने बताया कि मृतकों की पहचान की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अस्पताल ने बोर्ड पर मृतकों की तस्वीरें लगाई थीं.
अस्पताल इस कदम को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर नाराज़गी जताई जा रही है और लोग अस्पताल की संवेदनहीनता के लिए उसकी खूब आलोचना कर रहे हैं.
एक व्यक्ति ने ट्वीट किया, ‘क्या केईएम अस्पताल ने मृतकों की पहचान और उनकी संख्या गिनने के लिए उनके शरीर पर नंबर लिख दिए हैं कितना भयावह है, कोई सम्मान नहीं.’ एक अन्य ट्विटर पोस्ट में लिखा है, ‘भगदड़ दुखद है, लेकिन मृतकों को लेकर अधिकारियों का बर्ताव उससे कहीं अधिक दुखद है.’
अस्पताल ने कहा कि मृतकों की पहचान के लिए उनके परिजनों को सभी 22 शवों को दिखाना उनके लिए बहुत बड़ा मानसिक आघात होता. केईएम अस्पताल के फॉरेंसिक साइंस विभाग के प्रमुख डॉ. हरीश पाठक ने कहा, ‘यह बेहद अराजक और आपाधापी वाला कार्य हो जाता.’
बीती शाम उन्होंने एक बयान जारी कर अस्पताल के फैसले का बचाव किया था. बयान के अनुसार, ‘हमने सभी शवों पर संख्या अंकित कर उनकी तस्वीरें उनके परिजनों को दिखाने के लिए लैपटॉप स्क्रीन पर उन्हें प्रदर्शित कर दिया और फिर इसे बोर्ड पर लगा दिया.’
इसके अनुसार, ‘पोस्टमॉर्टम के बाद संख्या मिटा दी गई. उन्होंने कहा कि मृतकों की त्वरित, सम्मानजनक और सुचारू रूप से पहचान सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल द्वारा अपनाए गए इस वैज्ञानि तरीके की आलोचना करना अनुचित और मूर्खता होगी.’
शुक्रवार को हुए इस हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई और 39 लोग घायल हो गए थे. यह हादसा परेल और एल्फिंस्टन स्टेशन रोड को जोड़ने वाले एक संकरे फुटओवर ब्रिज पर हुआ था. शनिवार को केईएम अस्पताल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मरने वालों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है.
रेलवे अधिकारियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने के लिए याचिका दायर
एल्फिंस्टन रोड रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज पर मची भगदड़ मामले में लापरवाही के लिए रेलवे अधिकारियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है.
शहर के एक निवासी प्रदीप भालेकर ने इस मामले में शुक्रवार को ही उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की. भालेकर के वकील नितिन सतपुते ने बताया, रजिस्ट्री के लिए याचिका सौंप दी गई है. हम तीन अक्टूबर को इसके बारे में बताएंगे. याचिका में उच्च न्यायालय की निगरानी में हादसे की जांच करने और इसके लिए उचित निर्देश जारी करने की मांग की गई है.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि एल्फिंस्टन रोड फुटओवर ब्रिज के काफी गंभीर हो चुके इस मुद्दे को लोगों ने कई बार उठाया था, लेकिन इसको लेकर सरकार और रेलवे कोई कदम उठाने में नाकाम रहे.
याचिका में कहा गया, यह पूरी तरह से रेलवे की लापरवाही का मामला है. गैरइरादतन हत्या के इस मामले को लेकर दोषी रेलवे अधिकारियों के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 II के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
याचिका में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय किए जाने की भी मांग की गई है. याचिका में कहा गया, रेलवे को फुटओवर ब्रिज पर भीड़ कम करने के लिए अवैध फेरी वालों और अतिक्रमण करने वाले लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का भी निर्देश देना चाहिए.
रेलवे नहीं मना रहा है दशहरा
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर इस बार त्यौहार से पूर्व होने वाली रोशनी की जगमगाहट नजर नहीं आ रही है क्योंकि रेलवे कर्मचारी दशहरे का त्योहार नहीं मना रहे हैं. एल्फिंस्टन रोड पर हुए हादसे को बाद यह फैसला किया गया है.
शुक्रवार देर रात मुंबईवासियों ने एल्फिंस्टन रेलवे पुल पर एक कैंडल मार्च निकाला और मृत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की. पश्चिमी रेलवे के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र भाकर ने कहा, यह सच है कि हादसे के बाद आज रेलवे अधिकारी, कर्मचारी और श्रमिक दशहरा नहीं मना रहे है. मध्य रेलवे के मुख्य प्रवक्ता सुनील उदासी ने कहा कि मध्य रेलवे के कर्मचारी भी दशहरा नहीं मना रहे है.
17 मृतकों का शव परिजन को सौंपा गया
एल्फिंस्टन रोड रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में मारे गए 22 लोगों में से अब तक 17 लोगों का शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं. हादसे में 39 लोग घायल हुए थे इनमें से दो की हालत गंभीर है. एक को परेल के केईएम अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया है.
अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रवीन बांगड़ ने बताया, अब तक 17 मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि घायलों में से अधिकतर अब भी निगरानी में हैं जिस वजह से अस्पताल प्रशासन ने उन्हें छुट्टी देने को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं किया है.
डॉ. बांगड़ ने कहा, घायलों में से अधिकांश को चोट आई है या हड्डी टूटी है. मरीजों को इस हिसाब से विभिन्न वार्डों में भर्ती कराया गया है. संबंधित वार्डों के पर्यवेक्षक मरीजों के स्वास्थ्य में होने वाले सुधार की समीक्षा करेंगे और उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपेंगे. अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट मिलने के बाद छुट्टी देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)