जम्मू कश्मीर: राजा हरि सिंह के जन्मदिन पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के लिए समिति गठित

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने द्वारा अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने की मांग पर समिति के गठन से नाराज़ विपक्षी दलों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन भाजपा और संघ मुख्यालय द्वारा चलाया जा रहा है. 

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महाराजा हरि सिंह. (फोटो साभार: विकीपीडिया)

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने द्वारा अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने की मांग पर समिति के गठन से नाराज़ विपक्षी दलों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन भाजपा और संघ मुख्यालय द्वारा चलाया जा रहा है.

महाराजा हरि सिंह. (फोटो साभार: विकीपीडिया)

जम्मू कश्मीर: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने तत्कालीन जम्मू कश्मीर रियासत के अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह की जयंती के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने की मांग पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया है, जिससे कश्मीर घाटी में माहौल बिगड़ने की संभावना है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा एक आदेश जारी किया गया है जिसमें एक चार सदस्यीय समिति के गठन की बात कही गई है. इस समिति का नेतृत्व जीएडी सचिव मनोज कुमार द्विवेदी करेंगे. इसके अलावा सामाजिक कल्याण और संस्कृति विभागों के प्रशासनिक सचिव भी समिति का हिस्सा होंगे. एक अन्य सदस्य जम्मू  संभागायुक्त होंगे.

पीडीपी प्रवक्ता और पूर्व विधायक फिरदौस टाक ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और स्थानीय प्रशासन एक विशेष समुदाय को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि उन्हें अनुच्छेद 370 हटाने के बाद किए गए विकास के वादों को पूरा करना चाहिए था.

उन्होंने इस अख़बार से कहा कि प्रशासन द्वारा जारी किया जा रहा आदेश दिखाता है कि जम्मू कश्मीर, राजभवन और नागरिक सचिवालय के बजाय भाजपा और आरएसएस के मुख्यालय से चलाया जा रहा है.

वहीं, माकपा नेता और पूर्व विधायक एमवाई तारिगामी ने प्रशासन पर लोगों को बांटने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि महाराजा हरि सिंह ने विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करके राज्य को संवैधानिक रूप से भारत को सौंपा था, लेकिन राजनीतिक रूप से इसका नेतृत्व शेख अब्दुल्ला ने किया था.’

उन्होंने कहा कि महाराजा हरि सिंह के जन्मदिन पर छुट्टी घोषित करना और शेख अब्दुल्ला के जन्मदिन पर नहीं करना, ऐसा करके कश्मीर के लोगों को गलत संदेश दिया जा रहा है.

जबकि, दूसरी तरफ इस फैसले के समर्थन में एकजुट जम्मू के नेताओं ने जश्न मनाने की बात कही है.

गौरतलब है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के प्रशासन ने 2020 में पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला का जन्मदिन (5 दिसंबर) और शहीद दिवस (13 जुलाई) सार्वजनिक अवकाशों की सूची से बाहर कर दिया था.

इन दो अवकाशों के बजाय प्रशासन ने 26 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था. इसी दिन 1947 में महाराजा हरि सिंह ने अपना राज्य भारतीय संघ को सौंपने के लिए विलय-पत्र पर हस्ताक्षर किए थे.