लखीमपुर खीरी हिंसा: केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के एक संबंधी को​ मिली ज़मानत

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में बीते तीन अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा मामले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के संबंधी वीरेंद्र शुक्ला को ज़मानत चार किसानों और एक पत्रकार की मौत के मामले में मिली है, जिनकी मौत कथित तौर पर गाड़ियों के काफ़िले से कुचल दिए जाने की वजह से हुई थी.

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अजय मिश्रा. (फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में बीते तीन अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा मामले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के संबंधी वीरेंद्र शुक्ला को ज़मानत चार किसानों और एक पत्रकार की मौत के मामले में मिली है, जिनकी मौत कथित तौर पर गाड़ियों के काफ़िले से कुचल दिए जाने की वजह से हुई थी.

अजय मिश्रा. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में तीन अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा के संबंध में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के संबंधी वीरेंद्र शुक्ला को जमानत मिल गई है.

वीरेंद्र शुक्ला को यह जमानत चार किसानों और एक पत्रकार की मौत के मामले में मिली है, जिनकी मौत कथित तौर पर गाड़ियों के काफिले से कुचल दिए जाने की वजह से हुई थी.

मामले की जांच कर रहे एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शुक्ला पर सबूत नष्ट करने का आरोप लगाते हुए आरोप-पत्र में नामजद किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एसपी यादव ने बीते मंगलवार को बताया कि एसआईटी ने पिछले हफ्ते आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसके बाद वीरेंद्र शुक्ला को नोटिस जारी हुआ था. बीते 10 जनवरी को पल्लिया प्रखंड प्रमुख शुक्ला ने स्थानीय अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जिसने उन्हें जमानत दे दी.

शुक्ला उन 14 लोगों में शामिल हैं जिन्हें एसआईटी ने अपनी चार्जशीट में नामित किया है और मामले में जमानत पाने वाले पहले और एकमात्र व्यक्ति हैं. आरोपियों में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा भी शामिल हैं.

यादव के अनुसार, शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना या आरोपी को जानकारी देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. अन्य पर हत्या, हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश जैसे विभिन्न आरोप हैं.

एसआईटी ने कहा है कि जांच के दौरान उसे तीन एसयूवी का एक काफिले का पता चला, जिसमें केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा की महिंद्रा थार भी शामिल है, जो जिले के तिकोनिया क्रॉसिंग पर इकट्ठा हुए किसानों के एक समूह के ऊपर से उन्हें कुचलते हुए गुजरा था. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पूर्व राज्यसभा सांसद अखिलेश दास के भतीजे अंकित दास की थार और एक फॉर्च्यूनर को आग के हवाले कर दिया था.

तीसरी एसयूवी महिंद्रा स्कॉर्पियो का चालक वाहन लेकर फरार हो गया था. एसआईटी के मुताबिक तीसरी एसयूवी शुक्ला की है और उन्होंने घटना के बाद उसे छिपा दिया था. वाहन अब जांच एजेंसी के कब्जे में है.

मालूम हो कि लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में तीन अक्टूबर 2021 को वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था.

इस दौरान जिले के तिकुनिया में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा से संबंधित महिंद्रा थॉर सहित तीन एसयूवी के एक काफिले ने तिकुनिया क्रॉसिंग पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया था, जिसमें चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी और लगभग आधा दर्जन लोग घायल हुए थे.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र आशीष मिश्रा और उसके दर्जन भर साथियों के खिलाफ चार किसानों को थार जीप से कुचलकर मारने और उन पर फायरिंग करने जैसे कई गंभीर आरोप हैं.

फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट में मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा की राइफल और दो अन्य हथियारों से गोली चलाए जाने की पुष्टि हुई है.

गाड़ी से कुचल जाने से मृत किसानों में गुरविंदर सिंह (22 वर्ष), दलजीत सिंह (35 वर्ष), नक्षत्र सिंह और लवप्रीत सिंह के अलावा पत्रकार रमन कश्यप शामिल थे.

प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह को एसयूवी ​के काफिले से कुचले जाने के बाद भीड़ द्वारा दो भाजपा कार्यकर्ताओं समेत तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.

इनकी पहचान भाजपा कार्यकर्ताओं- शुभम मिश्रा (26 वर्ष) और श्याम सुंदर (40 वर्ष) और केंद्रीय राज्य मंत्री की एसयूवी के चालक हरिओम मिश्रा (35 वर्ष) के रूप में हुई थी.

इस संबंध में दो एफआईआर तिकुनिया थाने में दर्ज की गई.

पहली एफआईआर एक किसान जगजीत सिंह ने चार किसानों और एक पत्रकार की मौत के मामले में दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा और 15 से 20 अन्य को आरोपी बनाया था.

दूसरी एफआईआर भाजपा के कार्यकर्ता सुमित जायसवाल द्वारा किसानों को गाड़ी से कुचले जाने के बाद हुई हिंसा के दौरान भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक की मौत के मामले में दर्ज कराई गई थी, जिसमें उन्होंने अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया था. इसके बाद मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)