गुरुवार को खाद्य एवं औषधि प्रसाधन मंत्री धर्म सिंह सैनी समेत शिकोहाबाद विधायक डॉ. मुकेश वर्मा, बिधूना विधायक विनय शाक्य और धौरहरा विधायक बाला प्रसाद अवस्थी ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया है. इन सभी के समाजवादी पार्टी में जाने की बात कही जा रही है.
लखनऊ: विधानसभा चुनाव से ऐन पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए कुछ ठीक नहीं चल रहा है. एक के बाद एक उसके मंत्री और विधायक पार्टी छोड़कर जा रहे हैं.
मंगलवार को मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और दो विधायकों ने भाजपा से इस्तीफा दिया था. बुधवार को एक और मंत्री दारा सिंह चौहान भाजपा छोड़कर चले गए.
गुरुवार का दिन तो भाजपा के लिए और भी ज्यादा झटके देने वाला रहा. इस दिन एक मंत्री समेत चार विधायकों ने पार्टी से किनारा कर लिया.
आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन मंत्री धर्म सिंह सैनी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. पिछले तीन दिनों में योगी आदित्यनाथ की मंत्री-परिषद से इस्तीफा देेने वाले वे तीसरे मंत्री हैं. तीनों के ही समाजवादी पार्टी में शामिल होने की अटकलें हैं.
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को भेजे गए इस्तीफे में सैनी ने लिखा है, ‘माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्री-परिषद में आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री के रूप में रहकर पूर्ण मनोयोग के साथ उत्तरदायित्वों का निर्वहन किया है, किंतु जिन अपेक्षाओं के साथ दलितों, पिछड़ों, किसानों, शिक्षित बेरोजगारों, छोटे एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों ने मिलकर प्रचंड बहुमत से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने का काम किया, उनकी व उनके जनप्रतिनिधियों के प्रति लगातार जारी उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देता हूं.’
UP: After quitting as a minister, Dharam Singh Saini meets Samajwadi Party president Akhilesh Yadav
"I welcome him to the Samajwadi Party," Yadav tweets pic.twitter.com/jPhHd66tOx
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 13, 2022
सैनी के इस्तीफे के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी में उनका स्वागत करते हुए ट्वीट किया, ‘सामाजिक न्याय के एक और योद्धा डॉ. धर्म सिंह सैनी के आने से, सबका मेल-मिलाप-मिलन कराने वाली हमारी ‘सकारात्मक और प्रगतिशील राजनीति’ को और भी उत्साह व बल मिला है. सपा में उनका ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन. बाइस में समावेशी-सौहार्द की जीत निश्चित है.’
अखिलेश ने ट्विटर पर सैनी के साथ अपनी एक तस्वीर भी साझा की है. हालांकि, सैनी ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह किस पार्टी का दामन थामेंगे.
गौरतलब है कि पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वाले सैनी सहारनपुर की नकुड़ विधानसभा सीट से विधायक हैं. सैनी को स्वामी प्रसाद मौर्य का करीबी माना जाता है.
मंगलवार को मौर्य के इस्तीफे के बाद से सैनी के इस्तीफा देने की खबरें भी चर्चा में थीं, लेकिन देर शाम उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी करके भाजपा नहीं छोड़ने की बात कही थी.
वहीं, इंडिया टुडे की एक खबर के मुताबिक सैनी ने दावा किया है कि 20 जनवरी तक उत्तर प्रदेश में हर दिन इस्तीफे होंगे. इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी भाजपा छोड़ते वक्त दावा किया था कि उनके जाने के बाद दर्जनभर विधायक भाजपा छोड़ेंगे.
बहरहाल, सैनी के अलावा जिन तीन विधायकों ने गुरुवार को भाजपा से किनारा किया है, उनमें शिकोहाबाद विधायक डॉ. मुकेश वर्मा, बिधूना विधायक विनय शाक्य और धौरहरा विधायक बाला प्रसाद अवस्थी शामिल हैं.
शिकोहाबाद विधायक डॉ. मुकेश वर्मा ने एक पत्र जारी करके भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को भेजे पत्र में वर्मा ने लिखा, ‘भाजपा में पिछड़ों दलितों एवं अल्पसंख्यकों को कोई तवज्जो नहीं दी गई और न ही उन्हें सम्मान दिया गया.’
वर्मा ने कहा कि पिछड़ों, दलितों, बेरोजगारों, नौजवानों और मध्यम एवं लघु उद्योग व्यापारियों, दुकानदारों आदि की आवाज को अनसुना करने और उन्हें न्याय न मिलने के चलते स्वामी प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में वह इस लड़ाई को आगे जारी रखने के लिए भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं.
पत्र में उन्होंने लिखा, ‘स्वामी प्रसाद मौर्य जी शोषित और पीड़ित तबके की आवाज हैं और वह हमारे नेता हैं. मैं उनके साथ हूं.’ भाजपा विधायक ने इस पत्र की एक प्रति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी भेजी है.
वहीं, एबीपी न्यूज के मुताबिक, औरैया जिले की बिधूना विधानसभा सीट से भाजपा विधायक विनय शाक्य ने भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को ही अपना इस्तीफा भेजा है.
उन्होंने भी अपने इस्तीफे में स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन जताते हुए बिल्कुल वही बातें लिखी हैं, जो कि डॉ. मुकेश वर्मा ने अपने इस्तीफे में लिखी हैं.
गौरतलब है कि विनय शाक्य के इस्तीफे से पहले उनकी बेटी रिया शाक्य ने अपने पिता के लापता होने का आरोप लगाते हुए सरकार से उनका पता लगाने की मांग की थी.
कथित रूप से विनय शाक्य की बेटी रिया का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके चाचा देवेश शाक्य और दादी, उनके पिता को लखनऊ लेकर चले गए हैं.’ हालांकि पुलिस ने इसका खंडन किया था.
वहीं, न्यूज 18 की एक खबर के मुताबिक, लखीमपुर खीरी की धौरहरा विधानसभा सीट से विधायक बाला प्रसाद अवस्थी ने योगी सरकार में ब्राम्हणों की उपेक्षा के चलते इस्तीफा दिया है. वे चार बार के विधायक थे.
बहरहाल, लगातार ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि ये सभी नेता समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं.
इससे पहले मंगलवार को मौर्य के इस्तीेफे के बाद दो और विधायकों ने भी भाजपा का साथ छोड़ दिया था, जिसमें बांदा विधायक बृजेश प्रजापति और तिलहर विधायक रोशन लाल वर्मा शामिल थे. चुनावों से पहले अब तक तीन मंत्रियों समेत 14 विधायक भाजपा छोड़ चुके हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)