भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बीते एक दिन में 2,71,202 नए मामले आने के बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3,71,22,164 हो गए हैं. इस अवधि में 314 मरीज़ों की मौत के साथ मृतक का आंकड़ा 4,86,066 पहुंच गया है. विश्व में संक्रमण के 32.62 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए हैं और 55.35 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
नई दिल्ली: देश में कोविड-19 के 2,71,202 नए मामले आने के बाद देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3,71,22,164 हो गए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक इनमें कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप के 7,743 मामले भी शामिल हैं.
14 जनवरी के बाद से ये लगातार तीसरा दिन है, जब देश में बीते एक दिन में संक्रमण के 2.6 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. 13 जनवरी के बाद से ये लगातार चौथा दिन है, जब 2 लाख से अधिक केस आए हैं. इसके अलावा सात जनवरी से ये लगातार 10वां दिन है, जब एक लाख से अधिक मामले सामने आए हैं.
देश में पिछले 24 घंटों में ओमीक्रॉन के 1,702 नए मामले सामने आए, जो अब तक एक दिन में सामने आए मामलों के लिहाज से सर्वाधिक हैं और शनिवार से इसमें 28.17 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रत्येक नमूने का जीनोम अनुक्रमण (सीक्वेंसिंग) करना संभव नहीं है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि वायरस की यह लहर मुख्यत: ओमीक्रॉन के कारण ही है.
मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक देश में उपचाराधीन मरीजों यानी सक्रिय मामलों की संख्या पिछले 225 दिनों में सर्वाधिक 15,50,377 दर्ज की गई, जबकि पिछले 24 घंटे के दौरान 314 मरीजों की मौत के साथ मृतक संख्या बढ़कर 4,86,066 हो गई.
अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 32,62,10,360 हो गए हैं और अब तक 55,35,662 लोगों की जान जा चुकी है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में उपचाराधीन मामले संक्रमण के कुल मामलों का 4.18 प्रतिशत हैं, जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर घटकर 94.51 प्रतिशत हो गई.
पिछले 24 घंटों में उपचाराधीन मामलों में 1,32,557 मामलों की वृद्धि दर्ज की गई. दैनिक संक्रमण दर 16.28 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 13.69 प्रतिशत रही.
बीमारी से स्वस्थ हो चुके लोगों की संख्या बढ़कर 3,50,85,721 हो गई, जबकि इसके मृतकों की दर 1.31 प्रतिशत है.
बीते एक दिन में आए मौत के 314 नए मामलों में से 106 मरीज केरल से और 39 पश्चिम बंगाल के हैं.
देश में अब तक इस बीमारी से हुई 4,86,066 मौत में से सर्वाधिक 1,41,779 मरीजों की मौत महाराष्ट्र में, 50,674 की केरल में, 38,418 की कर्नाटक में, 36,967 की तमिलनाडु में, 25,335 की दिल्ली में, उत्तर प्रदेश में 22,953 की और पश्चिम बंगाल में 20,052 की मौत हुई.
मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया है कि 70 प्रतिशत से अधिक मौत अन्य गंभीर बीमारियों के चलते हुई हैं.
आंकड़ों के मुताबिक, देश में 110 दिन में कोविड-19 के मामले एक लाख हुए थे और 59 दिनों में वह 10 लाख के पार चले गए थे.
भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 10 लाख से 20 लाख (7 अगस्त 2020 को) तक पहुंचने में 21 दिनों का समय लगा था, जबकि 20 से 30 लाख (23 अगस्त 2020) की संख्या होने में 16 और दिन लगे. हालांकि 30 लाख से 40 लाख (5 सितंबर 2020) तक पहुंचने में मात्र 13 दिनों का समय लगा है.
वहीं, 40 लाख के बाद 50 लाख (16 सितंबर 2020) की संख्या को पार करने में केवल 11 दिन लगे. मामलों की संख्या 50 लाख से 60 लाख (28 सितंबर 2020 को) होने में 12 दिन लगे थे. इसे 60 से 70 लाख (11 अक्टूबर 2020) होने में 13 दिन लगे. 70 से 80 लाख (29 अक्टूबर को 2020) होने में 19 दिन लगे और 80 से 90 लाख (20 नवंबर 2020 को) होने में 13 दिन लगे. 90 लाख से एक करोड़ (19 दिसंबर 2020 को) होने में 29 दिन लगे थे.
इसके 107 दिन बाद यानी पांच अप्रैल 2021 को मामले सवा करोड़ से अधिक हो गए, लेकिन संक्रमण के मामले डेढ़ करोड़ से अधिक होने में महज 15 दिन (19 अप्रैल 2021) का वक्त लगा और फिर सिर्फ 15 दिनों बाद चार मई 2021 को गंभीर स्थिति में पहुंचते हुए आंकड़ा 1.5 करोड़ से दो करोड़ के पार चला गया. चार मई 2021 के बाद करीब 50 दिनों में 23 जून 2021 को संक्रमण के मामले तीन करोड़ से पार चले गए थे.
वायरस के मामले और मौतें
जनवरी महीने में कोविड 19 संक्रमण की बात करें तो एक दिन या 24 घंटे में बीते 15 जनवरी को 2,68,833, 14 जनवरी को 2,64,202, 13 जनवरी को 2,47,417, 12 जनवरी को 1,94,720, 11 जनवरी को 1,68,063, 10 जनवरी को 1,79,723, नौ जनवरी को 1,59,632, आठ जनवरी को 1,41,986, सात जनवरी को 1,17,100, छह जनवरी को 90,928, पांच जनवरी को 58,097, चार जनवरी को 37,379, तीन जनवरी को 33,750, दो जनवरी को 27,553 और एक जनवरी को 22,775 नए मामले दर्ज किए गए थे.
इस महीने में पिछले 24 घंटे में जान गंवाने वाले लोगों की बात करें तो बीते 15 जनवरी को 402, 14 जनवरी को 315, 13 जनवरी को 380, 12 जनवरी को 442, 11 जनवरी को 277, 10 जनवरी को 146, नौ जनवरी को 327, आठ जनवरी को 285, सात जनवरी को 302, छह जनवरी को 325, पांच जनवरी को 534, चार जनवरी को 124, तीन जनवरी को 123, दो जनवरी को 284 और एक जनवरी को 406 लोगों की मौत हुई थी.
टीकाकरण अभियान का एक साल पूरा, अब तक करीब 156.76 करोड़ खुराकें दी गई
कोविड-19 के खिलाफ देशव्यापी टीकाकरण अभियान ने रविवार को एक साल पूरा कर लिया. इस पूरे एक साल के दौरान टीके की करीब 156.76 करोड़ खुराकें दी गईं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, करीब 92 प्रतिशत वयस्क आबादी को कम से कम एक खुराक मिल गई है, जबकि करीब 68 प्रतिशत का टीकाकरण पूर्ण हो चुका है.
केंद्र टीकाकरण अभियान का एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में रविवार दोपहर को एक डाक टिकट जारी करेगा.
अभियान पिछले साल 16 जनवरी से शुरू हुआ था, जब पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीके की खुराकें दी गई थीं. इसके बाद अग्रिम मोर्चा के कर्मचारियों (Frontline Workers) के लिए टीकाकरण दो फरवरी (2021) से शुरू हुआ था.
कोविड-19 टीकाकरण का अगला चरण एक मार्च 2021 से शुरू हुआ, जिसमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और 45 वर्ष से अधिक उम्र के उन लोगों को टीका लगाया गया जिन्हें अन्य गंभीर बीमारियां थीं.
अभियान के अगले चरण में 45 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों का टीकाकरण एक अप्रैल 2021 से शुरू हुआ था. सरकार ने 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के टीकाकरण की अनुमति देकर अभियान का दायरा एक मई 2021 से और बढ़ा दिया था.
इसके बाद 15 से 18 आयु वर्ग के किशोर-किशोरियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान का अगला चरण इस साल तीन जनवरी से शुरू हुआ.
भारत ने स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को कोविड टीके की एहतियाती खुराक (Booster Dose) देना 10 जनवरी से शुरू कर दिया, जिसमें मतदान वाले पांच राज्यों में तैनात मतदान कर्मी और 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को शामिल किया गया है.
कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप के प्रसार को रोकने की कवायद के तहत एहतियाती खुराक दी जा रही है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि टीकाकरण के लिए काफी कम जनसंख्या वाले कई विकसित पश्चिमी देशों की तुलना में भारत का टीकाकरण कार्यक्रम सबसे सफल और सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक रहा है.
रविवार सुबह सात बजे तक की अंतरिम रिपोर्ट के मुताबिक देश में कोविड-19 टीकाकरण के तहत 156.76 करोड़ से ज्यादा खुराकें दी जा चुकी हैं. 43.19 लाख एहतियाती खुराकें देने के साथ ही 15 से 18 आयु वर्ग के 3,38,50,912 लाभार्थियों को पहली खुराक दी जा चुकी है.
बीते साल का मई रहा है सबसे घातक महीना
भारत में अकेले मई 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस के 92,87,158 से अधिक मामले सामने आए थे, जो एक महीने में दर्ज किए गए संक्रमण के सर्वाधिक मामले हैं.
इसके अलावा मई 2021 इस बीमारी के चलते 1,20,833 लोगों की जान भी गई थी. इतने मामले और इतनी संख्या में मौतें किसी अन्य महीने में नहीं दर्ज की गई हैं.
इस तरह यह महीना इस महामारी के दौरान सबसे खराब और घातक महीना रहा था.
सात मई 2021 को 24 घंटे में अब तक कोविड-19 के सर्वाधिक 4,14,188 मामले सामने आए थे और 19 मई 2021 को सबसे अधिक 4,529 मरीजों ने अपनी जान गंवाई थी.
रोजाना नए मामले 17 मई से 24 मई 2021 तक तीन लाख से नीचे रहे और फिर 25 मई से 31 मई 2021 तक दो लाख से नीचे रहे थे. देश में 10 मई 2021 को सर्वाधिक 3,745,237 मरीज उपचाररत थे.
कोविड-19: साल 2021 में किस महीने-कितने केस दर्ज हुए जानने के लिए यहां क्लिक करें.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)