पटना की सिविल सर्जन विभा कुमारी सिंह ने अतिरिक्त खुराक लेने का खंडन करते हुए मामले की जांच में तथ्यों के सामने आने पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. इस महीने की शुरुआत में उत्तर बिहार के मधेपुरा ज़िले में एक 84 वर्षीय व्यक्ति ने दावा किया था कि उन्होंने कोरोना वायरस वैक्सीन के एक दर्जन टीके लिए हैं.
पटना: पटना की सिविल सर्जन विभा कुमारी सिंह के कोविड-19 टीके की पांच खुराकें लिए जाने के बारे में पता चलने पर बिहार सरकार ने इस मामले के जांच के आदेश दिए हैं.
हालांकि, सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह ने अतिरिक्त खुराक लेने का खंडन करते हुए मामले की जांच में तथ्यों के सामने आने पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है.
सिविल सर्जन कहा कि उन्होंने अपने आधार नंबर के माध्यम से कोविशील्ड टीके की दो निर्धारित खुराक एवं नियम के अनुसार एक ‘एहतियाती’ खुराक ली है.
उन्होंने कहा कि आधार नंबर के अलावा किसी भी अन्य पहचान-पत्र का प्रयोग उनके स्तर से नहीं किया गया है.
साथ ही कहा, ‘मेरे अन्य पहचान-पत्र का दुरुपयोग जिस स्तर से भी हुआ है, उसकी पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए. किसी और ने पैन कार्ड के विवरण का उपयोग करके टीका लगवा लिया था.’
कोविन पोर्टल के अनुसार, उन्होंने 28 जनवरी, 2021 को टीके की पहली खुराक ली और 12 मार्च, 2021 को दूसरी खुराक के लिए पंजीकरण कराया. मार्च, 2021 तक उनका टीकाकरण पूर्ण हो चुका था.
सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, उन्होंने पैन कार्ड का इस्तेमाल करते हुए दो और तारीखों में तीसरी और चौथी बार खुराक ली. 13 जनवरी, 2022 को उन्हें पांचवीं बार ‘एहतियाती’ खुराक मिली.
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा, ‘प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.’
इस महीने की शुरुआत में उत्तर बिहार के मधेपुरा जिले में एक 84 वर्षीय व्यक्ति ने दावा किया था कि उन्होंने कोरोना वायरस वैक्सीन के एक दर्जन टीके लिए हैं.
ब्रह्मदेव मंडल नामक व्यक्ति ने कहा था, ‘मैंने खुद को पंजीकृत कराने के लिए अलग-अलग मौकों पर अपने आधार कार्ड और अपने वोटर आईडी कार्ड का इस्तेमाल किया है. हर एक खुराक ने मेरे पुराने पीठ दर्द को दूर करने में मदद की है. 11 महीने पहले मैंने पहला टीका लिया था.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)