विधानसभा चुनाव राउंड-अप: उत्तर प्रदेश में अपर्णा यादव के बाद मुलायम सिंह के एक और रिश्तेदार प्रमोद गुप्ता और कांग्रेस के ‘लड़की हूं’ अभियान का चेहरा रहीं प्रियंका मौर्य भाजपा में शामिल. गोरखपुर सदर सीट से योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ेंगे चंद्रशेखर आज़ाद. उत्तराखंड और गोवा में भाजपा ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की. पंजाब में धुरी से चुनाव लड़ेंगे आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान.
लखनऊ/चंडीगढ़/पणजी/देहरादून/नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में मैनपुरी जिले की करहल सीट से मैदान में उतरेंगे. वह पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे.
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने बृहस्पतिवार को बताया कि अखिलेश मैनपुरी की करहल सीट से पार्टी के उम्मीदवार होंगे.
अखिलेश इस समय आजमगढ़ से सांसद हैं. लिहाजा उनके अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की ही किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं. अखिलेश ने इसी सप्ताह कहा था कि वह आजमगढ़ की जनता से पूछकर ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सपा की मैनपुरी इकाई ने बृहस्पतिवार को सपा मुखिया को करहल सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश की थी जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया.
करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का सात बार कब्जा रहा है. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर के बावजूद सपा उम्मीदवार सोबरन यादव को एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी प्रेम शाक्य को 38 हजार से ज्यादा मतों से हराया था. करीब 20 साल पहले 2002 में आखिरी बार भाजपा इस सीट से जीती थी. उस वक्त सोबरन यादव भाजपा के उम्मीदवार थे.
गौरतलब है कि अखिलेश के पिता सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से मौजूदा सांसद हैं. वह पांचवीं बार यहां से सांसद चुने गए हैं.
मैनपुरी सीट से पिछली नौ बार से सपा का ही सांसद चुना जाता रहा है. मुलायम का करहल से गहरा नाता है. उन्होंने यहीं के जैन इंटर कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की थी और वह यहां शिक्षक भी रहे.
करहल सीट पर यादव मतदाताओं का दबदबा है. यहां इस बिरादरी की आबादी 28 प्रतिशत है. इसके अलावा इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत, ठाकुर की 13 प्रतिशत, ब्राह्मण की 12 प्रतिशत और मुस्लिम मतदाता 5 प्रतिशत हैं.
भाजपा ने अखिलेश की करहल सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा पर कहा, सपा अध्यक्ष अगर करहल को अपने लिए सुरक्षित सीट मानते हैं तो आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी यह गलतफहमी दूर हो जाएगी.
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, ‘अखिलेश को अगर यह लगता है कि करहल उनके लिए सुरक्षित सीट है तो यह उनकी गलतफहमी है, जो विधानसभा चुनाव में दूर हो जाएगी. उनके पिता मुलायम सिंह यादव बसपा अध्यक्ष मायावती की अपील के बाद किसी तरह से मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव जीत पाए थे. इस बार भाजपा करहल में साइकिल को पंक्चर कर देगी ताकि वह एक्सप्रेस वे के रास्ते लखनऊ न पहुंच सके.’
करहल सीट पर आगामी 20 फरवरी को तीसरे चरण में मतदान होगा.
अखिलेश पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले जब वह मुख्यमंत्री थे, तब वह विधान परिषद के सदस्य चुने गए थे.
पिछले साल नवंबर में अखिलेश यादव ने घोषणा की थी कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगे. 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते समय विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्य रहे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपने इस निर्णय के पीछे का कोई कारण नहीं बताया था. हालांकि उन्होंने ये ज़रूर कहा था कि उनके चुनाव लड़ने पर अंतिम फैसला पार्टी करेगी.
सपा के पूर्व विधायक प्रमोद गुप्ता, कांग्रेस के अभियान का चेहरा रहीं प्रियंका भाजपा में शामिल
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के एक अन्य रिश्तेदार प्रमोद गुप्ता और कांग्रेस की पोस्टर गर्ल प्रियंका मौर्य बृहस्पतिवार को भाजपा में शामिल हो गए.
उत्तर प्रदेश में सपा के पूर्व विधायक प्रमोद गुप्ता बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए.
गुप्ता और मौर्य राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा की जॉइनिंग कमेटी के प्रमुख लक्ष्मीकांत बाजपेयी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए.
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव भी भाजपा में शामिल हो गई थीं.
औरैया के बिधूना सीट से 2012 में विधायक बने गुप्ता के साथ कांग्रेस नेता डॉ. प्रियंका मौर्य और अयोध्या से लोक गायिका वंदना मिश्रा ने भी भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. गौरतलब है कि मौर्य प्रदेश में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा शुरू किए गए अभियान ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ के पोस्टर का चेहरा थीं.
भाजपा में नए सदस्यों के शामिल होने से संबंधित समिति के प्रमुख और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने सभी को पार्टी की सदस्यता दिलाई.
बाजपेयी ने गुप्ता का स्वागत करते हुए कहा, ‘मैं याद दिलाना चाहता हूं कि मुलायम सिंह का हम सभी सम्मान करते हैं, वह एक विपक्षी दल के राष्ट्रीय नेता हैं. पहले उनके समधी हरिओम यादव, बहू अपर्णा यादव और आज उनके साढ़ू प्रमोद गुप्ता भाजपा परिवार में शामिल हो रहे हैं और आप सभी जानते हैं कि एक परिवार में साढ़ू का कितना महत्व होता है.’
पत्रकारों से बातचीत में गुप्ता ने आरोप लगाया, ‘किसी को मुलायम सिंह यादव से मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही है, उन्हें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बंधक बनाकर रखा है.’
प्रमोद गुप्ता को मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का रिश्तेदार बताया जाता है.
उत्तर प्रदेश की पूर्व मंत्री उमा किरण छह साल के लिए सपा से निष्कासित
सपा ने प्रदेश की पूर्व कैबिनेट मंत्री उमा किरण को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में गुरुवार को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया.
सपा के जिला प्रमुख प्रमोद त्यागी ने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
किरण पुरकाज़ी सीट से कथित रूप से टिकट मांग रही थीं. टिकट नहीं दिए जाने को लेकर वह नाराज़ हो गई थीं. उन्हें चंद्रशेखर आजाद नीत आज़ाद समाज पार्टी(के) ने पुरकाज़ी से टिकट दिया था. वह उनके साथ एक प्रेस वार्ता में भी दिखी थीं.
कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की, 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को 41 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की, जिसमें 16 महिला उम्मीदवार शामिल हैं. पार्टी की ओर से जारी दूसरी सूची में भी पहली सूची की तरह महिला उम्मीदवारों की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है.
इससे पहले पार्टी ने 13 जनवरी को 125 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी, जिसमें 50 महिलाओं को टिकट दिया गया था.
कांग्रेस महासचिव और यूपी की पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कुछ महीने पहले ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ अभियान की शुरुआत करते हुए घोषणा की थी कि कांग्रेस की ओर से विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को दिए जाएंगे.
कांग्रेस की ओर से जारी दूसरी सूची के अनुसार, सहारनपुर नगर से सुखविंदर कौर, चरथावल (मुजफ्फरनगर) से यासमीन राणा, ठाकुरद्वारा (मुरादाबाद) से सलमा आगा अंसारी, बिलारी (मुरादाबाद) से कल्पना सिंह, चंदौसी (संभल) से मिथिलेश, साहिबाबाद (गाजियाबाद) से संगीता त्यागी, मोदी नगर (गाजियाबाद) से नीरज कुमारी प्रजापति और हापुड़ से भावना वाल्मीकि को उम्मीदवार बनाया गया है.
इनके अलावा, स्याना विधानसभा सीट (बुलंदशहर) से पूनम पंडित, डिबाई (बुलंदशहर) से सुनीता शर्मा, खैर (अलीगढ़) से मोनिका सूर्यवंशी, इगलास (हाथरस) से प्रीति धनगर, छाता (मथुरा) से पूनम देवी, मांट (मथुरा) से सुमन चौधरी, नवाबगंज (बरेली) से ऊषा गंगवार और अकबरपुर से प्रियंका जायसवाल को टिकट दिया गया है.
इन 16 महिला उम्मीदवारों के साथ ही कांग्रेस ने अपनी दूसरी सूची में अलग-अलग वर्गों के लोगों को उम्मीदवार बनाया है.
कांग्रेस ने कैराना से हाजी अखलाक, थाना भवन से सत्य श्याम सैनी, बुढाना से देवेंद्र कश्यप, शामली से अयूब जंग, मुजफ्फरनगर से सुबोध शर्मा, पुरकाजी से दीपक कुमार, बागपत से अनिल देव त्यागी, आगरा कैंट से सिकंदर वाल्मीकि और कटरा से मुन्ना सिंह को उम्मीदवार बनाया है.
महिलाओं को बड़ी संख्या में टिकट देने के सवाल पर प्रियंका गांधी ने गुरुवार को कहा, ‘हमने महिलाओं की बात शुरू की तो सभी पार्टी घोषणाएं करने लगीं. भाजपा, सपा, रालोद, बसपा सबने घोषणाएं कीं. हमारी सफलता यही है कि अब महिलाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.’
टिकट न मिलने पर फूट-फूटकर रोने लगीं कांग्रेस कार्यकर्ता
बुलंदशहर सदर सीट से कांग्रेस का टिकट हासिल करने में नाकाम रहीं पार्टी की कार्यकर्ता निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन-पत्र दाखिल करने के दौरान अपनी निराशा छिपा नहीं पाईं और फूट-फूटकर रोने लगीं.
गीता रानी मिश्रा ने अपनी शिकायत मीडिया के सामने बयां की और कहा कि उनके पिता 30 साल तक कांग्रेस के साथ जुड़े रहे और उन्होंने अपना सबकुछ पार्टी को न्योछावर कर दिया.
शर्मा ने कहा कि वह अनूपशहर में हुई प्रियंका गांधी वाड्रा की रैली में बड़ी संख्या में महिलाओं को लेकर गई थीं, लेकिन उनके काम को स्वीकार नहीं किया गया.
शर्मा ने कहा कि पार्टी को इस बात का सर्वे कराकर टिकट देने चाहिए थे किसने क्या काम किया. उन्होंने सिकंदराबाद की एक और पार्टी कार्यकर्ता का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी के लिए लगन के साथ काम करने के बावजूद उन्हें भी टिकट नहीं दिया गया.
निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का निर्णय लेने वाली शर्मा ने कहा कि वह किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं चाहतीं.
उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस के नारे की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘मैं दीदी को दिखाना चाहती हूं कि मैं लड़की हूं, लड़ सकती हूं.’
गोरखपुर सदर सीट से योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे चंद्रशेखर आजाद
दलित नेता चंद्रशेखर आजाद गोरखपुर सदर सीट से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. उनकी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने गुरुवार को यह घोषणा की. राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सदर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार हैं.
चंद्रशेखर की पार्टी ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा, ‘बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय’ की बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर और कांशीराम साहब की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) गोरखपुर सदर सीट से चंद्रशेखर आजाद को अपना उम्मीदवार घोषित करती है.’
आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) की राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य मोहम्मद आकिब ने इसकी पुष्टि भी की. साथ ही, उन्होंने बताया कि पार्टी का पंजीकृत नाम आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) है.
35 वर्षीय आजाद दलित अधिकार संगठन भीम आर्मी के सह संस्थापक हैं और वह इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने मार्च 2020 में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) की शुरुआत की थी, जिसके वह अध्यक्ष हैं.
गोरखपुर सदर सीट के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण यानी तीन मार्च को मतदान होना है. मतगणना 10 मार्च को होगी.
आजाद हाल तक अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ चुनाव लड़ने के वास्ते गठबंधन के लिए बातचीत कर रहे थे, लेकिन अखिलेश द्वारा केवल दो सीटों की पेशकश किए जाने पर बात नहीं बन पाई.
इसके बाद आजाद ने बीते 18 जनवरी को कहा था कि उनकी पार्टी अब गठबंधन के लिए सपा से संपर्क नहीं करेगी, क्योंकि यह ‘आत्मसम्मान’ का मामला है. उन्होंने कहा था कि वह चुनाव के लिए नए सहयोगी खोजने के लिए तैयार हैं.
कोविड-19: जेवर से सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी ने चुनाव लड़ने से इनकार किया
गौतमबुद्ध नगर जिले की जेवर विधानसभा सीट से सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी अवतार सिंह भड़ाना ने नामांकन दाखिल करने के तीन दिन बाद गुरुवार को चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. रालोद ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण भड़ाना ने यह कदम उठाया है.
राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बताया, ‘अवतार सिंह भड़ाना कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं. स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, इसलिए वह चुनाव नहीं लड़ेंगे.’
वहीं, रालोद नेता चौधरी ने कहा कि जेवर से प्रत्याशी को लेकर पार्टी आलाकमान से बातचीत की जा रही है और जल्दी ही नये नाम की घोषणा की जाएगी.
गौरतलब है कि चार बार सांसद रह चुके भड़ाना फिलहाल मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. भड़ाना ने हाल ही में भाजपा छोड़कर रालोद की सदस्यता ग्रहण की थी.
भड़ाना ने तीन दिन पहले ही समाजवादी पार्टी और रालोद के गठबंधन प्रत्याशी के रूप में जेवर विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया था.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव
भाजपा ने 59 उम्मीदवारों की सूची जारी की, मुख्यमंत्री धामी फिर खटीमा से चुनाव लड़ेंगे
भाजपा ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को 59 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. पार्टी ने जहां 10 विधायकों के टिकट काट दिए हैं, वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक बार फिर खटीमा से अपना उम्मीदवार बनाया है. प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को हरिद्वार विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है.
केंद्रीय मंत्री एवं उत्तराखंड के चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी ने भाजपा महासचिव अरुण सिंह और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी की मौजूदगी में उम्मीदवारों की घोषणा की.
पार्टी ने धामी सरकार में शामिल सभी मंत्रियों पर भरोसा जताते हुए उन्हें फिर से टिकट दिया है.
सतपाल महाराज को चौबट्टाखाल से, बंशीधर भगत को कालाढूंगी से, बिशन सिंह चुफाल को डीडीहाट, सुबोध उनियाल को नरेंद्र नगर, अरविंद पांडेय को गदरपुर, गणेश जोशी को मसूरी, धन सिंह रावत को श्रीनगर, रेखा आर्य को सोमेश्वर और यतीश्वरानंद को हरिद्वार ग्रामीण से उम्मीदवार बनाया गया है.
पार्टी ने मशहूर गायक जुबिन नौटियाल के पिता रामशरण नौटियाल को चकराता से उतारा है. वह नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह को टक्कर देंगे.
केंद्रीय मंत्री जोशी ने बताया कि पार्टी की पहली सूची में पांच महिलाओं, 15 ब्राह्मण और तीन वैश्य समुदाय के उम्मीदवारों को टिकट दिया है.
सिंह ने बताया कि उम्मीदवारों में 31 स्नातक और 18 स्नातकोत्तर और चार धर्मगुरु शामिल हैं.
जोशी ने दावा किया कि उत्तराखंड में जो भी विकास हुआ है, वह भाजपा सरकारों के कालखंड में ही हुआ है और भाजपा आगामी चुनावों में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी.
भाजपा ने प्रदेश की 70 सीटों में से 11 पर अभी अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं. इनमें से ज्यादातर सीटें कांग्रेस के कब्जे में हैं.
बलात्कार के आरोपी समेत नौ विधायकों के टिकट काटे
इस पहली सूची में सत्ताधारी भाजपा ने बलात्कार के आरोपी द्वाराहाट सीट से विधायक महेश नेगी और पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की पुत्री ऋतु खंडूरी समेत नौ विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों पर भरोसा जताया है.
बलात्कार के आरोपी अल्मोड़ा जिले की द्वाराहाट सीट से विधायक महेश नेगी को लेकर असहज रही भाजपा ने उनका टिकट काटकर वहां से अनिल शाही को चुनाव लडने का मौका दिया है. इसके अलावा यमकेश्वर से विधायक ऋतु खंडूरी के स्थान पर रेनू बिष्ट को उतारा गया है.
भाजपा का टिकट पाने में विफल रहे अन्य विधायकों में थराली से मुन्नी देवी, कर्णप्रयाग से सुरेंद्र सिंह नेगी, खानपुर से कुंवर प्रणब सिंह चैंपियन, पौड़ी से मुकेश सिंह कोली, गंगोलीहाट से मीना गंगोला, कपकोट से बलवंत सिंह भौर्याल और अल्मोड़ा से रघुनाथ सिंह चौहान शामिल हैं.
पिछले साल भाजपा में शामिल हुए निर्दलीय विधायकों, प्रीतम सिंह पंवार को धनोल्टी से और रामसिंह कैडा को भीमताल से टिकट दिया गया है.
इसके अलावा दो दिन पहले कांग्रेस छोड़कर पार्टी में आयीं नैनीताल की पूर्व विधायक सरिता आर्य को भी टिकट दिया गया है. लेकिन, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पुरोला विधायक राजकुमार पार्टी का टिकट पाने में विफल रहे, जबकि गुरुवार को पार्टी में आए दुर्गेश्वर लाल को पुरोला से चुनावी समर में उतारा गया है.
देहरादून के कैंट क्षेत्र से रिकॉर्ड आठ बार विधायक रहे हरबंस कपूर के हाल में निधन के बाद भाजपा ने उनकी पत्नी सविता कपूर पर भरोसा जताया है. पिछले साल संसार को अलविदा कह गए गंगोत्री के विधायक गोपाल सिंह रावत के स्थान पर पार्टी ने सुरेश चौहान पर दांव खेला है.
लगातार विवादों में रहने वाले खानपुर के विधायक कुंवर प्रणव सिंह की जगह उनकी पत्नी कुंवरानी देवयानी को मैदान में उतारा गया है. वर्तमान विधानसभा में उपाध्यक्ष रहे अल्मोड़ा से विधायक चौहान का टिकट काटकर वहां से कैलाश शर्मा को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है.
वहीं, काशीपुर से विधायक हरभजन सिंह चीमा की सिफारिश पर भाजपा ने उनके पुत्र त्रिलोक सिंह चीमा को उम्मीदवार बनाया है.
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि पार्टी द्वारा जारी सूची बहुत संतुलित और अच्छी है और जीत हासिल करने में सक्षम प्रत्याशियों के कारण पार्टी इस बार भी 60 से ज्यादा सीटों पर जीत का लक्ष्य प्राप्त कर सकेगी.
गोवा विधानसभा चुनाव
भाजपा ने जारी की 34 उम्मीवारों की पहली सूची, छह विधायकों के कटे टिकट
भाजपा ने आगामी गोवा विधानसभा चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को 34 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को सैंकलिम से उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि उप मुख्यमंत्री मनोहर अजगांवकर को मडगांव से टिकट दिया है. पार्टी ने छह विधायकों के टिकट काटे हैं.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और गोवा के लिए भाजपा के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी महासचिव अरुण सिंह के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की.
सिंह ने कहा कि पार्टी ने जिन 34 उम्मीदवारों के नाम तय किए हैं, उनमें नौ ईसाई समुदाय के हैं जबकि तीन सामान्य सीटों पर अनुसूचित जनजाति के नेताओं को उम्मीदवार बनाया गया है.
उन्होंने कहा कि पार्टी ने नौ सामान्य जाति के नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि एक पत्रकार को भी टिकट दिया गया है. सिंह के अनुसार राज्य में छह सीटें ऐसी हैं जहां से पार्टी ने नये उम्मीदवार उतारे हैं.
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के पुत्र उत्पल पर्रिकर को पणजी सीट से टिकट नहीं दिया गया है और पार्टी ने अपने वर्तमान विधायक अतनासियो मोंटेसेरेट पर भरोसा जताया है. भाजपा ने मोंटेसेरेट की पत्नी को भी टिकट दिया है और उन्हें तालेगाव से टिकट दिया है.
मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के अतनासियो मोंटेसेरेट ने जीत दर्ज की थी. बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए थे. उत्पल इसी सीट से टिकट की मांग कर रहे थे.
इस बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, ‘वर्तमान में मोंटेसेरेट विधायक हैं, इसलिए उनका टिकट काटना उचित नहीं था. मनोहर पर्रिकर जी का परिवार हमारा परिवार है. उत्पल पर्रिकर से चर्चा हुई है. हमने उन्हें दो विकल्प दिए हैं. उन्होंने पहले विकल्प को खारिज कर दिया. दूसरे विकल्प पर उनसे चर्चा हो रही है. हम समझते हैं कि वह मान जाएंगे.’
पार्टी ने कांग्रेस से भाजपा में आए विश्वजीत राणे को वालपोई से उम्मीदवार बनाया है, जबकि उनकी पत्नी पोरिएम से टिकट दिया है.
एक परिवार से एक ही टिकट देने की बात करने वाली भाजपा ने गोवा में ऐसा क्यों किया, यह पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, ‘मोंटेसेरेट और उनकी पत्नी जेनिफर मोंटेसेरेट दोनों ने पिछला चुनाव जीता था और फिर भाजपा में शामिल हुए. जेनिफर की अपनी अलग पहचान है और वह वर्तमान सरकार में मंत्री भी हैं. इसी प्रकार विश्वजीत राणे को उनकी सीट से और उनकी पत्नी को उनके पिता प्रताप सिंह राणे की सीट से उम्मीदवार बनाया गया है.’
गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है.
आम आदमी पार्टी (आप) ने गोवा में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए वकालत से राजनीति में आए अमित पालेकर को बुधवार को पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया.
गोवा में दो बड़े चुनाव-पूर्व गठबंधन बने हैं. कांग्रेस ने जीएफपी के साथ गठबंधन किया है. जीएफपी एक क्षेत्रीय संगठन है, जो 2017 में मनोहर पर्रिकर सरकार का हिस्सा था, जबकि तृणमूल कांग्रेस को एमजीपी के रूप में एक क्षेत्रीय भागीदार मिला है, जिसने शिवसेना के साथ गठबंधन में 2017 का चुनाव लड़ा था, लेकिन बाद में पर्रिकर के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गया था.
पंजाब विधानसभा चुनाव
धुरी से चुनाव लड़ेंगे आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान
आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान पंजाब में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव में संगरूर जिले की धुरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे.
आप के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में मोहाली में घोषणा की. मान को आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 18 जनवरी को पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया था.
चड्ढा ने संवाददाताओं से कहा, ‘आप ने फैसला किया है कि 2022 के पंजाब चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद के हमारे उम्मीदवार धुरी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे.’
हास्य कलाकार से नेता बने मान (48) संगरूर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. धुरी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व वर्तमान में कांग्रेस विधायक दलवीर सिंह गोल्डी कर रहे हैं. धुरी सीट, संगरूर संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है.
इस घोषणा पर फेसबुक पर अपने आधिकारिक पेज पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मान ने कहा कि वह खुश हैं कि वह धुरी से चुनाव लड़ेंगे.
चड्ढा ने दावा किया कि चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों से पता चलता है कि आप पंजाब में अगली सरकार बनाने जा रही है. पंजाब की 117 विधानसभा सीटों के लिए 20 फरवरी को मतदान होना है. मतगणना 10 मार्च को होगी.
संयुक्त समाज मोर्चा ने 17 और उम्मीदवार घोषित किए
लुधियाना: किसान संगठनों के राजनीतिक मंच संयुक्त समाज मोर्चा (एसएसएम) ने अगले महीने होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार शाम 17 और उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की.
मोर्चा के नेता प्रेम सिंह भंगू ने कहा कि मोर्चे ने अब तक 57 उम्मीदवारों की घोषणा की है और बाकी के नामों की घोषणा अगले दो या तीन दिन में की जाएगी. उन्होंने कहा, ‘हम सभी 117 सीट पर भाकियू (चढ़ूनी) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे.’
ईवीएम के इस्तेमाल को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा न्यायालय
उच्चतम न्यायालय बुधवार को जन प्रतिनिधित्व कानून की के एक प्रावधान की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करने को लेकर सहमत हो गया.
जन प्रतिनिधित्व कानून के इस प्रावधान के तहत ही देश में चुनाव में मतपत्र की बजाय इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से मतदान की शुरुआत हुई थी.
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिवक्ता एमएल शर्मा की दलीलें सुनीं और कहा कि वह उनके मामले को सूचीबद्ध करने पर विचार करेंगे. शर्मा ने यह याचिका व्यक्तिगत रूप से दायर की है.
शर्मा ने दलील दी कि पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब, मणिपुर और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसके मद्देनजर इस याचिका पर सुनवाई जरूरी है.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘हम इस पर गौर करेंगे. मैं इसे अन्य पीठ के समक्ष भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर सकता हूं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)