मुंबई के ताड़देव इलाके में स्थित एक बहुमंज़िला आवासीय इमारत में सुबह क़रीब सात बजे आग लगी. बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने घटना की छानबीन के लिए एक जांच समिति बनाई है. इस मामले में दुर्घटनावश मौत की छह रिपोर्ट दर्ज की गई हैं.
मुंबई: मध्य मुंबई के ताड़देव इलाके में एक बहुमंजिली आवासीय इमारत की 19वीं मंजिल पर शनिवार सुबह भीषण आग लगने से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और 23 अन्य झुलस गए.
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने घटना की छानबीन के लिए एक जांच समिति बनाई है. अधिकारियों ने बताया कि गोवालिया टैंक में भाटिया अस्पताल के सामने स्थित ‘सचिनम हाइट्स’ इमारत में सुबह लगभग सात बजे आग लगी. उस समय इसमें रहने वाले कई लोग सो रहे थे.
पुलिस उपायुक्त सौरभ त्रिपाठी ने कहा कि प्रारंभिक सूचना से संकेत मिलता है कि आग 15वीं मंजिल पर लगी और 19वीं मंजिल तक फैल गई, जो सबसे ज्यादा प्रभावित हुई.
इस बीच आग लगने के इस मामले में दुर्घटनावश मौत की छह रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज की गई हैं. पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘आग में झुलसने से छह लोगों की मौत हो गई, ऐसे में गामदेवी पुलिस थाने में शनिवार रात दुर्घटनावश मौत की अलग रिपोर्ट दर्ज की गई.’
बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि सात बजकर 28 मिनट पर लगी आग पर करीब पांच घंटे बाद दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर काबू पा लिया गया. आग बुझाने के लिए दमकल की 15 गाड़ियां भेजी गईं. उन्होंने कहा कि इस घटना ने बहुमंजिली इमारतों में लगे अग्निशमन उपकरणों की स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख व्यक्त किया और ट्विटर पर घोषणा की कि प्रत्येक मृतक के परिवार के सदस्यों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये दिये जाएंगे.
घटनास्थल का दौरा करने वाले महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि सरकार प्रत्येक मृतक के परिवार के सदस्यों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देगी. उन्होंने बताया कि प्रथमदृष्टया लगता है कि शॉर्ट-सर्किट की वजह से आग लगी.
इमारत के कुछ निवासियों ने आरोप लगाया कि आसपास के तीन निजी अस्पतालों ने घायल व्यक्तियों को भर्ती करने से इनकार कर दिया और पैसे जमा कराने तथा कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं होने का प्रमाण पत्र लाने को कहा.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस घटना पर दुख जताया और पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद करें.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि आस-पास के अस्पतालों ने घायलों को भर्ती करने से इनकार कर दिया, जिसके कारण ‘अधिक मौतें’ हुईं. उन्होंने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
देर रात जारी विज्ञप्ति में बीएमसी ने कहा कि निगम आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने घटना की जांच के लिए निगम उपायुक्त (जोन 2) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है. समिति को 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है.
विज्ञप्ति में कहा गया कि एक ऑडिट के बाद बीएमसी ने पिछले महीने शहर में 223 बहुमंजिली इमारतों को परिसर में अग्निशमन उपकरणों की सुविधा पर ध्यान नहीं देने के लिए नोटिस जारी किया था.
बीएमसी के अधिकारी ने बताया कि बीएमसी संचालित नायर अस्पताल ले जाए गए सात में से पांच घायलों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल की मौत कस्तूरबा अस्पताल में हुई.
अधिकारी ने कहा कि 17 लोगों को भाटिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाकी लोगों को मसीना अस्पताल, वोक्हार्ट अस्पताल और एचएन रिलायंस अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
बीएमसी के डी-वार्ड के सहायक निगम आयुक्त प्रशांत गायकवाड़ ने कहा कि इमारत को 2015 में कब्जा प्रमाण पत्र दिया गया था.
प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट किया, ‘मुंबई के ताड़देव में इमारत में आग लगने की घटना से दुखी हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’
मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया, ‘दो अस्पतालों द्वारा इलाज से इनकार किये जाने खबरें आईं, हालांकि दोनों अस्पतालों ने मुझे बताया कि उन्होंने घटना में घायल हुए लोगों में से कुछ को भर्ती कर उनका इलाज किया है.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई फायर ब्रिगेड के मुख्य अग्निशमन अधिकारी हेमंत परब ने कहा कि आंतरिक अग्निशमन प्रणाली काम नहीं कर रही थी, इसलिए उनके लोगों को ऊपर जाने और लोगों को बचाने के लिए सांस लेने संबंधित उपकरण पहनने पड़े. उन्होंने कहा कि आग 19वीं मंजिल पर शुरू हुई और डक्ट के माध्यम से दूसरी मंजिलों में फैल गई. हमने 26 लोगों को बचाया है.
मुंबई की महापौर (मेयर) किशोरी पेडनेकर ने स्थिति का जायजा लेते हुए कहा कि अस्पताल में भर्ती कुछ लोगों को दम घुटने के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच से संकेत मिले हैं कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी हुई हो सकती है.
पेडनेकर ने संवाददाताओं से कहा कि निवासियों ने मंत्री आदित्य ठाकरे से कहा कि वे ज्यादातर धुएं के कारण प्रभावित हुए. उन्होंने कहा कि बीएमसी ऐसी इमारतों के निवासियों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करेगी कि आग कैसे बुझाई जाए और आग लगने पर किस तरह के प्रोटोकॉल का पालन किया जाए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)