सूचना का अधिकार के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में पर्यावरण मंत्रालय के तहत आने वाले वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने बताया कि हाथियों के शिकार के संबंध में साल 2021 में 77 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
नोएडा: देश में 2021 में शिकारियों के हाथों 49 हाथी मारे गए. एक सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन पर केंद्र सरकार की एक एजेंसी यह जानकारी दी है. इस संबंध में 77 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) ने बताया कि सबसे अधिक नौ हाथी असम में मारे गए. पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तमिलनाडु में आठ-आठ, कर्नाटक एवं उत्तराखंड में तीन-तीन हाथियों को मारा गया.
उसने बताया कि केरल और अरुणाचल प्रदेश में दो-दो, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, बिहार, मेघालय, छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र में एक-एक हाथी को मारा गया.
नोएडा के सामाजिक एवं पशु अधिकार कार्यकर्ता रंजन तोमर ने सूचना के अधिकार के तहत ब्यूरो से यह जानकारी मांगी थी. डब्ल्यूसीसीबी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत आता है.
ब्यूरो के जवाब के अनुसार, हाथियों को मार डालने के संबंध में सबसे अधिक 17 लोग तमिलनाडु में गिरफ्तार किए गए. असम में 15, ओडिशा में 13, पश्चिम बंगाल में 11, केरल में पांच, उत्तराखंड एवं बिहार में चार-चार, महाराष्ट्र में तीन, मेघालय एवं राजस्थान में दो-दो तथा कर्नाटक में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया.
शिकार की स्थिति पर रंजन ने चिंता प्रकट की और कहा कि हाथियों की उनके प्राकृतिक आवास में सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ‘हाथी जंगल और हरित आवरण (Green Cover) के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वे जंगल में पत्तियों और फलों को खाकर औसतन एक दिन में कई किलोमीटर चलते हैं. सैर के दौरान वे अपने पीछे गोबर छोड़ जाते हैं, जिसमें पौधों और पेड़ों के बीज होते हैं. यह बीजों की वितरण प्रक्रिया है, जो हरित आवरण का विस्तार करने में मदद करती है.’
प्रोजेक्ट एलीफैंट की 2017 की गणना के अनुसार, भारत में सबसे अधिक एशियाई हाथी यानी करीब 30,000 हाथी हैं, जो दुनिया के कुल हाथी का 60 फीसद है.
हालांकि, मानव-पशु संघर्ष, प्राकृतिक आवास के लगातार घटने और हाथी दांत या मांस के लिए इनकी प्रजातियों को मारने वाले शिकारियों द्वारा सैकड़ों की संख्या में हाथियों को पिछले कुछ वर्षों में मार दिया गया है.
इससे पहले एक अन्य आरटीआई के जरिये पता चला था कि पिछले दस वर्षों में (दिसंबर 2020 तक) देश भर में विभिन्न कारणों जैसे कि ट्रेनों की चपेट में आना, बिजली का करंट लगना और अवैध शिकार आदि से 1160 जंगली हाथियों की मौत हो गई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)