राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सांसद और अभिनेता अमोल कोल्हे इस फिल्म में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का किरदार निभा रहे हैं. फिल्म को 30 जनवरी को राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि पर प्रदर्शित किया जाना है. कांग्रेस ने कहा कि एक ओर गांधी जी की पुण्यतिथि अहिंसा और शांति दिवस के तौर पर मनाई जाएगी, वहीं दूसरी ओर ‘ह्वाई आई किल्ड गांधी’ रिलीज की जाएगी. यह नस्लवादी मानसिकता को ताकत देगी.
मुंबई: कांग्रेस ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से 30 जनवरी को ‘ह्वाई आई किल्ड गांधी’ (Why I killed Gandhi) नामक फिल्म का प्रदर्शन रोकने की अपील की है. पार्टी ने कहा कि इससे नस्लवादी मानसिकता मजबूत होगी.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सांसद और अभिनेता अमोल कोल्हे इस फिल्म में मुख्य भूमिका महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का किरदार निभा रहे हैं और इस फिल्म को 30 जनवरी को राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि पर प्रदर्शित किया जाना है.
मुख्यमंत्री ठाकरे को लिखे पत्र में महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि ‘ह्वाई आई किल्ड गांधी’ 30 जनवरी को सिनेमाघरों और ओटीटी मंच पर प्रदर्शित की जाएगी, इस दिन महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है, जिसे पूरी दुनिया में सांप्रदायिक सौहार्द्र को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है.
उन्होंने कहा, ‘एक ओर गांधी जी की पुण्यतिथि अहिंसा और शांति दिवस के तौर पर मनाई जाएगी, वहीं दूसरी ओर ‘ह्वाई आई किल्ड गांधी’ रिलीज की जाएगी. यह नस्लवादी मानसिकता को ताकत देगी.’
पटोले ने अपने पत्र में कहा, ‘भारतीय संस्कृति ने हमेशा अमानवीय कृत्य का विरोध किया. इसलिए इस फिल्म को राज्य के सिनेमाघरों और ओटीटी मंच पर प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए.’
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाडी सरकार में कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा के साथ साझेदार है.
‘ह्वाई आई किल्ड गांधी’ में नाथूराम गोडसे की भूमिका निभाने पर कोल्हे को आलोचना का सामना करना पड़ा. हालांकि, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि फिल्म को एक कलाकार के चुनाव के तौर पर देखा जाना चाहिए.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पवार ने कहा, ‘अगर उन्होंने वह भूमिका निभाई, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह गोडसे की विचारधारा या विचारों को मानते हैं.’
नाना पटोले ने 29 जनवरी को इस साल के बीटिंग रिट्रीट समारोह से महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन ‘एबाइड विद मी’ को हटाने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा.
मालूम हो कि महात्मा गांधी के प्रिय भजनों में से एक ईसाई प्रार्थना ‘एबाइड विद मी’को इस साल बीटिंग द रिट्रीट समारोह से हटा दिया गया है. इस धुन को 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट समारोह के समापन पर गांधी की पुण्यतिथि की पूर्वसंध्या पर मिलिट्री बैंड द्वारा बजाया जाता है.
1847 में स्कॉटिश एंग्लिकन कवि और भजन विज्ञानी हेनरी फ्रांसिस लिटे द्वारा लिखित ‘एबाइड विद मी’, 1950 से बीटिंग रिट्रीट समारोह का हिस्सा रहा है.
इस वर्ष के समारोह में भजन को लोकप्रिय देशभक्ति गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ से बदल दिया गया है, जिसे कवि प्रदीप ने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान के लिए लिखा था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)