एनएसओ ग्रुप के अध्यक्ष का इस्तीफ़ा इज़रायल के एक न्यूज़ पोर्टल द्वारा प्रकाशित उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें दावा किया गया था कि देश की पुलिस ने भी पेगासस खरीदा था और इसे ग़ैरक़ानूनी तरीके से कुछ पूर्व सरकारी कर्मचारियों समेत कई नागरिकों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया था.
नई दिल्लीः साइबर कंपनी एनएसओ ग्रुप के अध्यक्ष एशर लेवी ने पुष्टि की है कि उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है.
एनएसओ समूह का पेगासस दुनियाभर के नागरिक समाज संगठनों, पत्रकारों और नेताओं को निशाना बनाने के लिए पिछले साल विवादों के केंद्र में रहा.
रिपोर्ट के अनुसार, लेवी ने इजरायल के एक दैनिक में प्रकाशित उस रिपोर्ट के बाद पद से इस्तीफा दिया है, जिसमें दावा किया गया था कि देश की पुलिस ने भी पेगासस खरीदा था और इसका इस्तेमाल अपने नागरिकों के खिलाफ किया था.
हालांकि उन्होंने समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि उनके इस्तीफे की योजना महीनों पहले बन गई थी और इसका हाल की घटनाओं से कोई संबंध नहीं है.
समाचार पत्र हारेट्ज के मुताबिक, लेवी ने कहा कि उन्होंने कंपनी के स्वामित्व में बदलाव के बाद पिछली गर्मियों में ही अपना इस्तीफा सौंप दिया था.
लेवी के इस्तीफे की खबर प्रकाशित करने वाले समाचार पत्र हारेट्ज के मुताबिक, बर्कले रिसर्च समूह ने नोवाल्पिना कैपिटल से एनएसओ ग्रुप का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है.
लेवी ने बताया, ‘मैं समझ सकता हूं कि लोग इसे पेगासस मामले से क्यों जोड़ रहे हैं. वास्तव में इसका उससे कोई लेना-देना नहीं है.’
उल्लेखनीय है कि पिछले साल द वायर सहित समाचार संगठनों के कंसोर्शियम ने पेगासस प्रोजेक्ट के तहत यह खुलासा किया था कि एनएसओ ग्रुप के स्पायवेयर पेगासस का इस्तेमाल भारत सहित दुनियाभर में सरकार की आलोचना करने वालों को निशाना बनाने के लिए किया गया.
एनएसओ समूह का यह दावा रहा है कि वह पेगासस को सिर्फ सरकारों को बेचती है. कंपनी के इस बयान ने लोकतांत्रिक अधिकारों के उल्लंघन को लेकर चिंता जताई थी.
हाल के खुलासे से पता चला है कि इजरायल की पुलिस ने अनुचित तरीके से पेगासस का इस्तेमाल किया था. समाचार पत्र कैलकलिस्ट की रिपोर्ट के बाद देश के अटॉर्नी जनरल ने जांच के आदेश दिए हैं.
इस रिपोर्ट में पेगासस का पुलिस द्वारा दुरुपयोग का उल्लेख किया गया था. कैलकलिस्ट ने स्रोत का हवाला दिए बिना कहा कि पुलिस ने सरकार विरोधी नेताओं के खिलाफ पेगासस का इस्तेमाल किया था.
इस रिपोर्ट ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और नेताओं की जासूसी के लिए कुछ विदेशी सरकारों द्वारा पेगासस का दुरुपयोग किए जाने के आरोपों के बाद इजरायल पर वैश्विक दबाव के लिए एक नया घरेलू पहलू को उजागर किया.
एनएसओ ने कहा कि वह किसी मौजूदा या संभावित ग्राहकों की पुष्टि या इसके खंडन की पुष्टि नहीं कर सकता. कंपनी ने कहा कि एक बार उत्पाद सरकारी ग्राहकों को बेचने के बाद वह इसे संचालित नहीं कर सकता और न ही वह सिस्टम के संचालन में किसी तरह से शामिल है.
इससे पहले बीते दिसंबर में अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने राजस्व विभाग और विदेश विभाग से एनएसओ और तीन अन्य विदेशी सर्विलांस कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने को कहा था.
सांसदों ने कहा था कि इन कंपनियों ने मानवाधिकारों का हनन करने के लिए अधिनायकवादी सरकारों की मदद की है.
नवंबर में एप्पल ने एनएसओ पर यह कहते हुए मुकदमा दायर किया था कि इसने आईफोन में पेगासस इंस्टॉल कर अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन किया है.
एनएसओ को माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प, फेसबुक पेरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म इंक, गूगल पेरेंट कंपनी एल्फाबेट इंक और सिस्को सिस्टम्स इंक की ओर से भी कानूनी कार्रवाई या आलोचना का सामना करना पड़ा.
अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने एनएसओ को ब्लैकलिस्ट कर दिया था, जिसके बाद एनएसओ के सीईओ इत्जिक बेनबेनिस्टी ने पद से इस्तीफा दे दिया था.
हारेट्ज के मुताबिक, कैलकलिस्ट ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि एनएसओ के स्वामित्व वाली अन्य कंपनियों ने पेरेंट कंपनी के डिफॉल्ट होने की आशंका के बीच अदालत का रुख किया है.
हारेट्ज ने रिपोर्ट में बताया, ‘कंपनियों का कहना है कि वे अब अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे सकते क्योंकि एनएसओ के सीईओ शैलेव हुलियो उन्हें कंपनी के कर्जों को चुकाने की कोशिश में शामिल कर रहे हैं. इन कंपनियों का कहना है कि वे रक्षा क्षेत्र से जुड़ी हुई फर्म हैं और उन्होंने अदालत से हस्तक्षेप की मांग की है.