जज पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पूर्व अधिकारी की बहाली की मांग, विरोध में हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की पूर्व महिला न्यायिक अधिकारी ने एक हाईकोर्ट जज पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जो जांच में ग़लत साबित हुआ. अब अधिकारी ने इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर किए जाने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से नौकरी बहाल करने की मांग की है.

/
(फोटोः पीटीआई)

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की पूर्व महिला न्यायिक अधिकारी ने एक हाईकोर्ट जज पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जो जांच में ग़लत साबित हुआ. अब अधिकारी ने इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर किए जाने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से नौकरी बहाल करने की मांग की है.

(फोटोः पीटीआई)

नयी दिल्लीः मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में जज के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पूर्व महिला न्यायिक अधिकारी की नौकरी बहाल करने का विरोध किया.

दरअसल पूर्व महिला न्यायिक अधिकारी ने हाईकोर्ट के जज पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जो जांच में गलत साबित हुआ था.

इसके बाद महिला अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नौकरी बहाल करने की मांग की.

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न के अपने आरोपों की जांच के बाद इस्तीफा दे चुकी पूर्व महिला न्यायिक अधिकारी यह आरोप नहीं लगा सकती कि उनकी शिकायत गलत पाए जाने के चार साल बाद वह इस्तीफा देने के लिए मजबूर हुईं.

दरअसल महिला अधिकारी ने अदालत में आरोप लगाया कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट, खुद को फिर से बहाल करने का अनुरोध करने वाली महिला न्यायिक अधिकारी की याचिका पर सुनवाई कर रहा है.

हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, ‘महिला ने कामकाज के प्रतिकूल माहौल को इस्तीफे का आधार बताया था कि उन्हें कथित तौर पर इस वजह से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा लेकिन यह मामला उन्होंने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के चार साल बाद उठाया है.’

मेहता ने पीठ को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस मंजुला चेल्लूर और वरिष्ठ अधिवक्तका केके वेणुगोपाल सहित जजों की जांच समिति ने दिसंबर 2017 में राज्यसभा में पेश अपने रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न को आरोपी हाईकोर्ट के जज को आरोपमुक्त कर दिया था.

मेहता ने पीठ को बताया, ‘समिति ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की. समिति इससे वाकिफ थी कि लगाए गए आरोप समय से नहीं बल्कि देरी से लगाए गए थे.’

उन्होंने कहा कि महिला का तर्क कि वह यौन उत्पीड़न की वजह से दबाव में थी, यह सिद्ध नहीं हो सका.

मेहता ने जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ से कहा, ‘किसी महिला का यौन उत्पीड़न बहुत गंभीर मुद्दा है, आरोप सत्य नहीं पाया जा रहा है और यह भी किसी संस्थान के प्रशासन के लिए एक गंभीर मुद्दा है.’

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि याचिकाकर्ता का मामला तबादले का एकमात्र मामला नहीं है.

याचिकाकर्ता की ओर पेश हुई वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह की दलील का जवाब देते हुए कहा, ‘पूर्व न्यायिक महिला अधिकारी ने मजबूरन इस्तीफा दिया क्योंकि वह अपनी बेटी और अपने करिअर के बीच किसी एक को चुनने के लिए मजबूर थी.’

जयसिंह ने पीठ को बताया कि तबादला दरअसल तबादला नीति के विपरीत था.

जयसिंह ने कहा, ‘उनकी (पूर्व अधिकारी) बेटी के 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी होने तक उनके बने रहने के तर्क को खारिज कर दिया गया. उनकी दूसरी गुहार थी कि उनका कम से कम श्रेणी ए के बजाय बी शहरों में तबादला किया जाए, जहां उनकी बेटी के लिए कॉलेज हो, इसे भी खारिज कर दिया गया. दूसरा आवेदन खारिज होने के बाद मां के रूप में अपने कर्तव्यों और न्यायिक अधिकारी के बीच में से चुनाव की निराशा के बीच उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.’

उन्होंने दलील दी, ‘उनका इस्तीफा स्वैच्छिक नहीं था, यह मजबूरन था और इसलिए इसे खारिज किया जाए. वह फिर से बहाल किए जाने की हकदार हैं.’

उन्होंने यह भी दलील दी कि महिला न्यायिक अधिकारी के खिलाफ पूर्वाग्रह था. जयसिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता की सिर्फ यही मांग है कि उन्हें दोबारा बहाल किया जाए.

जयसिंह ने न्यायिक प्रणाली के बारे में चिंता जताते हुए कहा, ‘मैं न्यायपालिका में महिलाओं की स्थिति को लेकर अधिक चिंतित हूं. न्यायपालिका में यौन उत्पीड़न के मामले और इसके समाधान के लिए कोई तंत्र नहीं होना यह देखना पीड़ादायक है. मैं अदालत से अनुरोध करती हूं कि इस तरह के मामलों से निपटने के लिए एक तंत्र स्थापित किया जाए. किसी महिला न्यायिक अधिकारी द्वारा यौन उत्पीड़न का सामना करने का यह कोई पहला मामला नहीं है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50